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न्यायालय के आदेश को हल्का लेखपाल और कानूनगो दिखा रहा है ठेंगा, जांच की मांग!

माफिया सरगना विजय मिश्रा का गुर्गा है भू-माफिया
रिटायर लेखपाल कमला मिश्रा, कानूनगो इन्दु प्रकाश तिवारी और लेखपाल सर्वेश शुक्ला, कार्रवाई की मांग!

कानूनगो, लेखपाल के पास करोड़ों का काला साम्राज्य,ईडी, सीबीआई से कार्रवाई की मांग!

भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के संरक्षण दांता कानूनगो लेखपाल नहीं दें रहा है मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार भू-माफिया के खिलाफ चिन्हित रिपोर्ट!

दस विश्वा का काश्तकार अनाधिकृत रूप से बना बीसों बीघे जमीन का मालिक! उसके काले कारनामों पर पर्दा डाल रहा है, कानूनगो और लेखपाल!

भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा, कानूनगो इन्दु प्रकाश तिवारी एवं लेखपाल सर्वेश शुक्ला तीनों मिलकर विभाग को दे रहे हैं धोखा!

भू-माफिया के इशारे पर दुम हिला रहा है, लेखपाल और कानूनगो!!

जेल में बंद माफिया सरगना का सक्रिय सदस्य हैं, 

भू-माफिया बना पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा!

कानूनगो इन्दु प्रकाश तिवारी व लेखपाल सर्वेश शुक्ला की मदद से गुंडागर्दी!

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालो के विरुद्ध रच रहा है साजिश!

दिव्यांग दलित मल्लू, ग्राम समाज, पी डब्लू डब्लू आदि की जमीनो पर अवैध कब्जा कारवाई की मांग!

संयम भारत संवाददाता

व्यूरो,भदोही, जनपद में हाईकोर्ट एवं उप संचालक चकबंदी व न्यायालय के स्थगन आदेश को हल्का लेखपाल और कानूनगो ठेंगा दिखा रहा है। लोगों ने जांच की मांग की है।
भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा एवं कानूनगो और लेखपाल की मनमानी के कारण क्षेत्र में भारी प्रशासनिक अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। कानूनगो और लेखपाल की मनमानी के कारण जनता त्रस्त है और लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई है। उनके भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जब इन भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध जो आवाज उठाता है तो उसके विरुद्ध ये भ्रष्टाचारी लोग खड्यंत्र की कोशिश कर रहे हैं, अभी ताजा उदाहरण भ्रष्टाचारियों संबंधित है भू-माफिया लेखपाल के भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा जब उजागर हुआ तो इसने पीड़ितों के साथ खड्यंत्र करके कानून को धता बात करके नियम कानून विरुद्ध कार्य करवा कर इसको सही बताते का कोशिश कर रहा है।
बताना है कि ग्राम सभा इटहरा,ज्ञानपुर भदोही का भू-माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा, लेखपाल सर्वेश शुक्ला एवं कानूनगो इन्दु तिवारी कानून को इस तरह धता बता रहे है कि कानून का राज खत्म हो गया है। इनके जालफेरे का कानून चल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि ग्राम इटहरा, थाना कोईरौना, जनपद भदोही के पीड़ित/ भुक्तभोगी शारदा प्रसाद तिवारी आदि के द्वारा मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक मुकदमा सं. 19920/1999 गुलाब धर आदि बनाम डी.डी.सी. से दाखिल किया गया, जिसमें मा. उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश पारित किया, उक्त मुकदमे के वादी गुलाबधर की मृत्यु के बाद वादी पक्ष से शारदा प्रसाद की तरफ, से रेस्टोरेशन दाखिल किया गया जो हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसके बावजूद इन तीनों के सहयोग से उसी जमीन के संबंध में पीड़ित के विपक्षी भैरोंलाल ने उच्च न्यायालय के मुकदमे के तथ्य को छिपा करके एक सिविल मुकदमा SDM ज्ञानपुर के यहां सावित्री देवी बनाम सरकार दाखिल किया। जिसकी जानकारी मिलने पर पीड़ितों ने उसमें उपस्थित होकर जवाब लगाया था है। जब इन फरेबियों का इसमें योजना सिद्ध नहीं हो पाया तो इन फरेबियों ने पुनः उपरोक्त दोनों मुकदमो को छुपा करके एक और मुकदमा SDM ज्ञानपुर के यहां ही अनिल बनाम सरकार दाखिल करके और अपने खड्यंत्र के बल पर एक आदेश प्राप्त कर लिया। भुक्तभोगियों को जब इसकी जानकारी मिली तो यहां भी उपस्थित होकर के उपरोक्त सारी जानकारी दिया, इसके बावजूद भी पीड़ित के विपक्षी का सहयोगी इटहरा का भूमाफिया कमला शंकर मिश्रा हल्का लेखपाल सर्वेश शुक्ला, कानूनगो इंदु तिवारी कुचक्र रचता रहा, जिसकी जानकारी मिलने पर पीड़ित पक्षों ने उपरोक्त सभी इन खड्यंत्रकारी शक्तियों से परेशान/पीड़ित लोगों ने जनपद न्यायालय में एक सिविल वाद शारदा प्रसाद बनाम अनिल कुमार आदि दायर किया, जिसमें न्यायालय ने पीड़ित पक्षों के पक्ष में न्यायालय ने एक आदेश पारित किया इसके बावजूद गलत ढंग से कार्य कर रहे है।
पीड़ित पक्षों ने बताया कि जिसके बावजूद भी कानून से ऊपर हो करके हल्का लेखपाल एवं कानूनगो मनमानी करने पर उतारू हैं, और यह कहते है कि मैं जो चाहता हूं, करता हूं, सब मेरी जेब में रहते हैं, भुक्तभोगियों का यह भी कहना है कि ये आए दिन आकर धमकी देता है कि जो मैं कहूं मान लो अन्यथा महंगा पड़ेगा,वास्तव में उपरोक्त भुक्तभोगियों के बताने एवं उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखा जाए तो स्पष्ट रूप से लगता है कि उपरोक्त माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा एवं इसका सहयोगी कानूनगो व लेखपाल हाईकोर्ट एवं न्यायालय से बड़े दिखाई दे रहे हैं।
भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील का पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा अपने माफिया गिरोह के साथ मिलकर किसानों की जमीन पर धुंआधार कब्जा करता जा रहा है। उसकी काली करतूतो के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारी एक्शन नहीं ले रहे है। उसके कब्जे से जमीनों को खाली नहीं कराया जा रहा है।
दस बिस्वा का काश्तकार देखते ही देखते बीसों बीघा सरकारी जमीन अवैध कब्जा करके मौज कर रहा है। पंचायत भवन, ग्राम समाज, कन्या पाठशाला, खेलकूद सार्वजनिक तालाब आदि की जमीनों का फर्जी कागज तैयार करके अपने पिता के नाम से दर्ज कर देने वाले इस रिटायर लेखपाल ने पूरे क्षेत्र में भारी आतंक फैला रखा है।
इसके अत्याचारों का जीता जाता नमूना यह है कि दोनों आंखें से दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा, शारदा प्रसाद आदि के जमीन में किसी रकबे में दूसरे का नाम दर्ज करवा दिया किसी रकबे को छोटा करवा दिया और हाई कोर्ट, डी डी सी, एवं जनपद न्यायालय के आदेश के बावजूद दुसरो को कब्जा करवा दे रहे हैं और किसी रकबे में फर्जी मुकदमा करवा दिया है, और फर्जी तरीके से टाइपिंग कर करके ग्राम सभा, पी डब्लू डी, आदि की जमीन को संस्था बनाकर उसमें दर्ज करवाकर उस जमीनों को इसने कब्जा कर लिया है।

स्टे के बावजूद तहसील प्रशासन द्वारा कराई जा रही है मेडबंदी!

भदोही। हाईकोर्ट एवं डी डी सी के यहां मुकदमा विचाराधीन रहने व न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद मेड़बन्दी कानून विरुद्ध कार्य हो रहा है। बताना यह है कि जब कोई मुकदमा किसी अपर न्यायालय में विचाराधीन रहता है तो निचली अदालतों के आदेश मनमानी और गैर कानूनी है।

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