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बेखौफ भू माफिया कर लिया है दबंगई के बल पर धुंआधार अवैध कब्जा

कार्रवाई शुरू होते ही पावर हाउस की सरकारी जमीन का मामला आया सामने

भू-माफिया के कारनामों की वजह से भू-माफियाओं की सूची होगी जारी!

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ले डूबेगा हल्का कानूनगो और लेखपाल को!

माफिया सरगना और भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के रिश्ते हुए जग जाहिर!

शासन-प्रशासन की मुस्तैदी से भू-माफिया कमला शंकर का बचना मुश्किल!

संयम भारत संवाददाता 

व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर, तहसील में शातिर भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ शासन-प्रशासन के स्तर पर बड़े जोर-जोर से कार्रवाई चल रही है। लेकिन इसके बावजूद यह अपनी नाजायज हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पता चला है कि भू-माफिया गुंडई, भ्रष्टाचार, दबंगई के बल पर ग्राम समाज, पी डब्लू डी, कन्या पाठशाला, खेलकूद, पंचायत भवन और किसानों के साथ साथ बिजली विभाग पावर हाउस की सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। इससे ऐसा लगता है कि प्रशासन द्वारा इसके विरुद्ध जो कार्रवाई शुरू हुई है। उससे बेखौफ होकर ये आपराधिक कारनामों को अंजाम देने में जुटा हुआ है।
छानबीन करने पर पता चला है कि ग्राम इटहरा, ज्ञानपुर तहसील में बिजली विभाग के द्वारा पावर हाउस स्थापित किए जाने के लिए बीघों सरकारी जमीन चिन्हित की गई थी। उस सरकारी जमीन पर पावर हाउस बनना था। लेकिन ज्ञानपुर तहसील के सरकारी का रिकॉर्डों में हेरा फेरी करके इसने बिजली विभाग के पावर हाउस की कई बीघा जमीन अपने परिवार के संस्था के नाम दर्ज करवा दी और अब यह भू माफिया कमला शंकर मिश्रा अपने गुर्गों की मदद से पावर हाउस की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने में लगा हुआ है। लोगों का कहना है कि इसके विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उसके बावजूद ये अपराधी बेखौफ होकर दाऊद इब्राहिम और तमाम शातिर अपराधी गिरोहो की तरह सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से धुआंधार कब्जा करता चला जा रहा है।
गांव के ही दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध कब्जा करने के बाद इसने दर्जनों किसानों की कई बीघा भूमि पर अवैध कब्जा करके वहां व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहा है। एक ही पते से चार-चार विद्यालयों की मान्यता ले रखी है। ग्राम समाज, जिला पंचायत, सार्वजनिक तालाब की जमीनों पर कब्जा करने के बाद अब इसने बिजली विभाग की जमीन पर भी कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि भू माफिया कमला शंकर मिश्रा माफिया सरगना गिरोह का सक्रिय सदस्य है और गिरोह के साथ मिलकर भोले भाले लोगों की जमीनों पर कब्जा करना इसका पेशा है। इसके लिए यह लेखपाल और कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील के सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके लोगों की जमीन पर अपना नाम दर्ज करवाकर उस पर यह कब्जा कर लेता है।
भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गिरोह के सदस्य लेखपाल,कानूनगो के काले कारनामों की जांच के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी तो गठित कर दी है। अब देखना है कमेटी इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी? प्रशासन के कार्रवाई को लेकर पीड़ित पक्षों ने कहा है कि निष्पक्ष ढंग से कार्रवाई हुई तो भू माफिया और इसके गुर्गों के खिलाफ शीघ्र ही सख्त कार्रवाई होगी।
ज्ञानपुर तहसील में तैनात कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीन में हेरा फेरी करने वाला भू-माफिया की काली करतूतो के खिलाफ शासन प्रशासन के स्तर से जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन भू माफिया एवं इसके सहयोगी और संरक्षक इस जांच को दबाने में लगे है। दस विस्वा जमीन के मलिको के पास बिना रजिस्ट्री, बैनामा के बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस जांच की तह तक जांच हुई तो सारे राज अपने आप सबके सामने आ जाएगा।
इस मामले की जो अधिकारी जांच कर रहे हैं। उनके बारे में पता चला है कि जिन काश्तकारों की जमीन के कागजातों में हेरा फेरी करते हुए उनकी जमीन माफियाओं को दे दी गई। इटहरा का भू माफिया और इसके सहयोगी लेखपाल, कानूनगो मिलकर ज्ञानपुर तहसील के समानांतर प्रशासन चला रहा है। दलित दिव्यांगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। गरीबों की जमीन छीन ली जा रही है। जमीने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इधर से उधर की जा रही है। इन सब मामलों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर यह लोग साजिश रच रहे हैं।
इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि क्षेत्र के किसानों को भू माफिया तथा इसके सहयोगी द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि वे लोग रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित रकम के बल पर ज्ञानपुर तहसील में आने वाले किसी भी अधिकारी को तुरंत पैसे के बल पर खरीद लेते हैं। फिर अधिकारी की मदद से मनमानी करते हैं। उनकी इस मनमानी के खिलाफ चाहे जितनी शिकायत कर लो। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करेगा। क्योंकि हम लोगों ने अधिकारी को खरीद रखा है। किसानों को इस तरह की धमकी दिए जाने के कारण शिकायतकर्ताओं में भारी दहशत व्याप्त हो गई है। भू माफिया का तो यहां तक दावा है कि जो भी ज्ञानपुर तहसील में आता है। उसे वह रिश्वतखोरी के दम पर कमाए गए पैसे के बल पर खरीद लेता है और खरीदे हुए अधिकारी की मदद से उसके इशारे पर काम करने वाले लेखपाल और कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील में अंधेरगर्दी का राज चलाया जा रहा है।
भदोही जनपद के चर्चित माफिया के गिरोह से मिलकर यह लोग क्षेत्र में भयानक आतंक फैलाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है की तहसीलों में जो भूमाफियाओ की पुरानी एवं नई सूची है। उनके आधार पर जो एफ आई आर दर्ज हुई और भूमाफियाओं के खिलाफ जो कार्रवाई की गई। उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी द्वारा मांगी गई है। लेकिन इस रिपोर्ट में जांच अधिकारी द्वारा हेरा फेरी किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इसीलिए अभी तक भू-माफिया द्वारा किया गया जमीन में हेरा फेरी के जरिए कब्जाई गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त किए जाने हेतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे काश्तकारों में भारी रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि भू-माफिया व इसके सहयोगीयो के विरुद्ध जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी ज्ञानपुर तहसील में प्राप्त भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
ज्ञानपुर क्षेत्र के किसानों की मांग है कि बीसों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले को भू माफिया की सूची में शामिल कर इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए तथा इसके सहयोगी व संरक्षक दोषी लोगों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। स्थानीय जनता का कहना है कि इन तीनों लोगों ने पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचा रखी है। किसानों की जमीन छीन ले रहे हैं। लोगों के साथ गुंडई कर रहे हैं। माफिया गिरोह के साथ मिलकर क्षेत्र में भय और आतंक फैलाए हुए हैं। इन लोगों की माफियागर्दी के कारण पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। दलित दिव्यांग की जमीन पर अवैध कब्जे की दर्जनों बार जिलाधिकारी से शिकायत की गई। लेकिन जांच अधिकारी द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। जो माफिया पहले कभी दस बिस्वा जमीन के मालिक थे। उनके पास बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस बिंदु पर जांच करने एवं अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने का जब तक अभियान नहीं चलेगा। तब तक ज्ञानपुर तहसील में स्वच्छ प्रशासन की स्थापना नहीं हो सकती। भू-माफिया के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी परक कारनामों से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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