जन सूचना अधिकार से भू-माफिया का पर्दाफाश, विभागों में मचा हड़कंप!
संयम भारत संवाददाता व्यूरो,भदोही, संयम भारत, भदोही जिले की ज्ञानपुर तहसील में जन सूचना अधिकार (आरटीआई)के माध्यम से एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रसिद्ध भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा द्वारा दस्तावेजों में हेराफेरी कर दलित और गरीबों की जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। राज्य सूचना आयुक्त ने इस प्रकरण में उप जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, माल अभिलेखागार प्रभारी और चकबंदी अधिकारी सहित कई विभागों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और मूल दस्तावेजों के साथ सूचना देने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने चेताया है कि जो अधिकारी समय से सूचना नहीं देंगे, उनके खिलाफ अर्थदंड और अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।जांच में सामने आया कि भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने दलित दिव्यांग मल्लू पुत्र स्व. शीतला चमार की जमीन पर कब्जा करने के लिए कागजातों में जाति को “चमार” से “पासी” दिखाकर फर्जीवाड़ा किया। जबकि उच्च न्यायालय, राजस्व परिषद और शासनादेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ग्राम सभा या अनुसूचित जाति की जमीन किसी निजी संस्था या व्यक्ति को नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह सारा खेल खेला गया। आरटीआई के जरिए हुए इस खुलासे ने भू-माफिया और विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ को उजागर कर दिया है।पीड़ित दिव्यांग मल्लू ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कई बार प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन कार्रवाई के अभाव में उन्होंने सदमे में दम तोड़ दिया। राज्य सूचना आयुक्त की सख्ती से अब विभागों में हड़कंप मचा हुआ है और भू-माफिया का बचना मुश्किल माना जा रहा है। यह मामला न केवल एक व्यक्ति के शोषण का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जन सूचना अधिकार आज भी सत्य और न्याय का सबसे प्रभावशाली हथियार है, जो सत्ता और भ्रष्टाचार के गठजोड़ की पोल खोलने में सक्षम है।

