सीतापुर में दिनदहाड़े पत्रकार की हत्या करके, योगी सरकार को दी चुनौती।
इसी तरह जनपद भदोही के भी भू-माफिया व इसके सहयोगी भी पत्रकार के साथ अनहोनी करने के फिराक में है, कार्यवाही की मांग।
संयम भारत, उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में शनिवार को एक पत्रकार की हत्या से सनसनी फैल गई। महोली तहसील से जुड़ा एक पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। यह घटना इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में हेमपुर ओवरब्रिज के पास दोपहर लगभग 2.30 बजे घटी। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई अपनी मोटरसाइकिल से सीतापुर की ओर जा रहे थे, तभी हमलावरों ने उन्हें घेर कर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। लहूलुहान अवस्था में सड़क पर गिरे राघवेंद्र को तुरंत एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव के पोस्टमार्टम में राघवेंद्र के शरीर पर कई गोली के निशान पाए गए। उनकी गर्दन, पीठ और हाथ में गोलियों के घाव थे, जिससे यह साफ होता है कि हत्या बेहद बर्बर तरीके से की गई।
इस हत्या की सूचना मिलते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया। उनके पिता महेंद्रनाथ बाजपेई अस्पताल में बेहोश हो गए। परिजनों का हाल देख अस्पताल में चीख पुकार मच गई। मृतक राघवेंद्र बाजपेई के घरवालों का कहना है कि यह हत्या किसी व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण की गई है, हालांकि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया, और जिलेभर में इस हत्याकांड को लेकर चर्चा हो रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है और इस मामले में सभी एंगल से जांच की जा रही है।
साथ ही, इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें राघवेंद्र लहूलुहान हालत में सड़क पर पड़े हुए दिख रहे हैं। हालांकि, वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अपराधियों ने राघवेंद्र की मोटरसाइकिल को रोका और फिर इस वारदात को अंजाम दिया।
वहीं दूसरी ओर, भदोही जिले के ग्राम सभा इटहरा में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चला रहे वरिष्ठ पत्रकार और ऐप्रवा अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री को अब धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। आचार्य श्रीकांत ने हाल ही में भू-माफिया द्वारा अवैध कब्जे और भूमि हड़पने की गतिविधियों का पर्दाफाश किया है। उनकी खबरों के कारण बौखलाए भू-माफिया अब उन्हें डराने-धमकाने के लिए हर तरह से धमकियां दे रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएंगे और अपनी लेखनी के माध्यम से सच्चाई को सामने लाते रहेंगे। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है, और पत्रकार की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
पत्रकारों को धमकियां मिलने की घटनाएं साफ तौर पर यह दिखाती हैं कि पत्रकारिता को दबाने के लिए हिंसा और धमकियों का सहारा लिया जा रहा है।
इस हत्याकांड ने पत्रकारों के सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है, और पुलिस पर इस मामले की त्वरित और प्रभावी जांच का दबाव बढ़ा दिया है।