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राज्य सूचना आयुक्त का सख्त तेवर,उप संचालक चकबंदी 15 दिवस के भीतर अपीलार्थी को उपलब्ध करायें सूचना

राज्य सूचना आयुक्त के सख्त तेवर से राजस्व विभाग में मचा हड़कंप!

चकबंदी विभाग भू-माफिया को बचाने के लिए छिपा रहे हैं जानकारी!

भू-माफिया को खुला संरक्षण दे रहा है, राजस्व विभाग!

राज्य सूचना आयुक्त ने उप संचालक चकबंदी को दस्तावेज के साथ व्यक्तिगत उपस्थिति होने एवं सूचना देने के लिए दिया है सख्त निर्देश

राज्य सूचना आयुक्त ने कहा है कि समय से सूचना न देने पर लगेगा अर्थ दंड !

जन सूचना अधिकार से सामने आया राजस्व विभाग का काला सच!

राजस्व विभाग नहीं दे पा रहा है जवाब, कैसे दे जब भू-माफिया हाईकोर्ट,शासनादेश एवं राजस्व परिषद से बड़ा हो गया है, राजस्व विभाग एवं भू-माफिया की गहरी साज़िश?

उच्च न्यायालय इलाहाबाद, शासनादेश,राजस्व परिषद ने सरकारी जमीन किसी प्राइवेट विद्यालयों को देने से मना किया गया है, लेकिन भू-माफिया बन गया सबसे बड़ा गुरु घंटाल.?

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने कागजात में हेरा फेरी करके एवं जाति बदलकर दलीत की हड़प ली है जमीन, चेहरा हुआ बेनकाब….

भू-माफिया के कारनामे हो रहे हैं सबके सामने!

संयम भारत संवाददाता व्यूरो,भदोही,ज्ञानपुर तहसील का चर्चित भू-माफिया कमला शंकर मिश्र को बचाने में पूरा तहसील प्रशासन लगा हुआ है। जन सूचना अधिकारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक/ उप संचालक चकबंदी द्वारा सही जानकारी नहीं दिए जाने के कारण राज्य सूचना आयोग खफा है। सूचना आयुक्त ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक, भदोही को निर्देश दिया है कि 15 दिवस के भीतर अपीलार्थी को सही सूचनाएं उपलब्ध करायें एवं कृत्य कार्यवाही से आयोग को भी अवगत करायें लेकिन जन सूचना अधिकारी उपसंचालक चकबंदी की ओर से शिथिलता बढ़ती जा रही है जिसके लिए क्यों न सूचना नहीं देने के लिए उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के अंतर्गत रु. 25000/- का अर्थ दंड अधिरोपित किया जाए। विपक्षी जन सूचना अधिकारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, जनपद भदोही को निर्देशित किया जाता है कि अगली सुनवाई तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ आयोग के समक्ष उपस्थित हो। अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जन सूचना अधिकारी की हरकतों से जाहिर हो गया है कि यही लोग भू-माफिया कमला शंकर मिश्र को बचाने में लगे हैं। भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामे अब सबके सामने आने लगे हैं। जन सूचना अधिकारी, उपसंचालक चकबंदी,जनपद भदोही को राज्य सूचना आयुक्त ने व्यक्तिगत रुप से उपस्थिति होने के साथ चेतावनी दी है कि यदि वे तत्काल 15 दिन के भीतर सूचनाओं उपलब्ध न कराए तो उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के अंतर्गत ₹25000 का दण्ड अधिरोपित किया जाएगा। इसके साथ ही वहां पर जन सूचना अधिकारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, जनपद भदोही की ओर से सहायक चकबंदी अधिकारी, वैभव श्रीवास्तव उपस्थित थे। और अभिलार्थी की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे। विपक्षी जन सूचना अधिकारी उप संचालक चकबंदी, जनपद भदोही की ओर से सहायक चकबंदी अधिकारी, उनके प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान अभिलार्थी के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया की राजस्व विभाग भू-माफिया की मदद कर रहा है इसलिए सूचना नहीं दे रहे हैं और जो दे भी रहे है वह एकदम भ्रामक असत्य दे रहे है जिस पर राज्य सूचना आयुक्त ने कहां की न्यायहित में सुनवाई के लिए एक और अवसर प्रदान किया जाता है। राज्य सूचना आयुक्त ने अपील कर्ताको मूल आवेदन पत्र संलग्न करते हुए उपसंचालक चकबंदी को कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया है कि सूचनाओं 15 दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराए अन्यथा उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सूचना आयुक्त की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भदोही जनपद के चकबंदी एवं राजस्व विभाग के सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके किसानों की जमीन इधर से उधर करने का भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के ऊपर जो आरोप लगाया गया है। वह सही है। इसी वजह से राजस्व विभाग के अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त को जानकारी देने में हीला हवाली कर रहे हैं। लेकिन उनकी चेतावनी के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। अब भू माफिया का बचना बहुत मुश्किल है। तहसील में भू माफिया कमला शंकर मिश्रा का हेराफेरी एवं घिनौना खेल चरम सीमा पर है। इसने दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला पुत्र स्वर्गीय गंगा एवं मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल जो की जाति के चमार हैं। उनकी उप जाति पासी बताकर कागजात में हेरा फेरी करके भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने गरीबों की जमीन हड़प ली है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जब हाई कोर्ट,राजस्व परिषद, एवं उत्तर प्रदेश शासन ने ग्राम सभा की जमीन कीसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालयों को देने से मना किया है तो सहायक चकबंदी अधिकारी कैसे भू-माफिया के नाम उसके परिवार नाम उसके विद्यालय के नाम आरक्षित कर दिया है, भू-माफिया का खेल आ गया सामने।जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भदोही को भेजे गए प्रार्थना पत्र में दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला चमार निवासी इटहरा ग्राम थाना कोइरौना तहसील ज्ञानपुर जिला भदोही को प्रार्थना पत्र भेज कर विपक्षीगण कमला शंकर मिश्रा, राधेश्याम मिश्रा आदि के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि दिव्यांग दलित मल्लू चमार पुत्र स्वर्गीय शीतला थे। उनके पूर्वज को जाति का पासी दिखाकर भू माफिया कमला शंकर मिश्रा ने उनकी जमीन हड़प ली है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि चमार हो या पासी अनुसूचित जाति के व्यक्ति है। उनके द्वारा दान पत्र कानूनन नहीं दिया जा सकता है। जबकि गांव सभा में खुली बैठक तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा किया गया। दिनांक 31.7.2011 को जानकारी में आया जिसमें पूरे ग्राम सभा के लोगों के सामने प्रस्ताव पारित हुआ कि स्व. मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार के अलावा ग्रामसभा में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है। यदि विपक्षी द्वारा कहा गया कि स्वर्गीय मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी नाम के व्यक्ति था। तो उनके द्वारा कुटुंब रजिस्टर एवं परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली जांच कर देखा जाए। भू-माफिया के द्वारा ग्राम सभा की बीसों बीघा जमीन व अन्य लोगों की जमीन में हेरा फेरी करके जमीन पर कब्जा किया है। जिसके संबंध में तत्कालीन ग्राम सभा द्वारा उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर में मुकदमा दाखिल किया है। विपक्षीग के सहयोगी द्वारा जो झूठा साक्ष्य दिया जा रहा है। उसके खिलाफ करवाई किया जाए और प्रार्थी मल्लू के परिवार एवं उसके सहयोगियों की जानमाल की रक्षा करते हुए न्याय दिलाया जाए। जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त के आधार पर विपक्षियों द्वारा मल्लू पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार जगह पर मनबोध पासी पुत्र माता बदल कर जमीन हड़प लिया गया है। द्वारा मनबोध पासी पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी के वारिसान का कुटुंब रजिस्टर व परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली मगा कर जांच कर दोषियों के खिलाफ भू-माफिया कमला शंकर पुत्र शिवकरण मिश्रा के सहयोगियों द्वारा कूटरचित कागजातों को तैयार करने के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई इसी दौरान पीड़ित दोनों आंख से दिव्यांग दलित मल्लू की सदमें से मौत हो गई।

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