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बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी भदोही को 15 दिन में सूचना देने का निर्देश

सूचना नहीं दिया तो भरना पड़ेगा जुर्माना!

सूचना आयोग की कड़ाई से भू माफिया गैंग में मची खलबली!

राज्य सूचना आयुक्त ने दी माफिया के खिलाफ चेतावनी!

सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश!

समय से सूचना नहीं देने पर अर्थ दंड की चेतावनी!

जन सूचना अधिकार से सामने आया चकबंदी विभाग का काला सच!

कार्यालय बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी नहीं दे पाए जवाब कैसे हाईकोर्ट,शासनादेश एवं राजस्व परिषद से ऊपर हो गया सहायक चकबंदी अधिकारी, भू-माफिया की गहरी साज़िश

जब हाई कोर्ट,राजस्व परिषद, एवं उत्तर प्रदेश शासन ने ग्राम सभा की जमीन कीसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालयों को देने से मना किया है तो सहायक चकबंदी अधिकारी कैसे भू-माफिया के नाम उसके परिवार नाम उसके विद्यालय के नाम आरक्षित कर दिया है, भू-माफिया का खेल आ गया सामने…..?

पहले की रिपोर्ट में भू-माफिया को कैसे बनाया गया संत, वर्तमान कि रिपोर्ट में सहायक चकबंदी अधिकारी के द्वारा जमीन आरक्षित बताया जा है, भू-माफिया का कारनामा आया सबके सामने!

उच्च न्यायालय इलाहाबाद, शासनादेश,राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने सरकारी जमीन किसी प्राइवेट को देने से मना किया गया है, भू-माफिया बना सबसे बड़ा गुरु घंटाल.?

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने कागजात में हेरा फेरी कर एवं जाति बदलकर एस,सी की हड़प ली जमीन, चेहरा हुआ बेनकाब….

भू-माफिया के कारनामे हो रहे हैं सबके सामने!

संयम भारत संवाददाता

व्यूरो,भदोही,ज्ञानपुर। राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश ने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी जनपद भदोही को 15 दिन के अंदर अपनी सूचना देने का निर्देश दिया है। अगर समय से सूचना नहीं दी गई तो ₹25000 अर्थ दंड दिए जाने की चेतावनी दी भी गई है। राज्य सूचना आयुक्त कार्यालय के इस निर्देश से भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय चर्चित भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा गैंग में खलबली मच गई है।
भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामे अब सामने आने लगे हैं। जन सूचना अधिकारी कार्यालय बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी जनपद भदोही को राज्य सूचना आयुक्त ने चेतावनी दी है कि यदि वे तत्काल 15 दिन के भीतर सूचनाओं उपलब्ध कराए अन्यथा उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 201 के अंतर्गत ₹25000 का दण्ड अभिरूपित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने जन सूचना अधिकारी कार्यालय बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी जनपद भदोही को अभिलार्थी की ओर से प्रतिनिधि उपस्थित थे।
विपक्षी जन सूचना अधिकारी चकबंदी जनपद भदोही की ओर से प्रतिनिधि के रूप में वैभव श्रीवास्तव सहायक चकबंदी अधिकारी उपस्थित हुए। सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी चकबंदी जनपद भदोही के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया की अपीलकर्ता द्वारा वांछित सूचनाओं को नियमानुसार संबंधित मालवीय लेखाकार राजेश से प्राप्त की जा सकती है। न्यायहित में सुनवाई के लिए एक और अवसर प्रदान किया जाता है। राज्य सूचना आयुक्त ने माल अभिलेखागार राजस्व जनपद भदोही को पार्टी बनाते हुए अपील कर्ता को मूल आवेदन पत्र संलग्न करते हुए शासन की नोटिस निर्गत किया है कि सूचनाओं 15 दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथाकृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराए अन्यथा उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सूचना आयुक्त की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में चकबंदी विभाग में सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके किसानों की जमीन इधर से उधर करने का भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के ऊपर जो आरोप लगाया गया है। वह सही है। इसी वजह से चकबंदी विभाग के अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त को जानकारी देने में हीला हवाली कर रहे हैं। लेकिन उनकी चेतावनी के बाद चकबंदी विभाग में हड़कंप मच गया है। अब भू माफिया का बचना बहुत मुश्किल है।
तहसील में भू माफिया कमला शंकर मिश्रा का हेराफेरी एवं घिनौना खेल चरम सीमा पर है। इसने दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला पुत्र स्वर्गीय गंगा एवं मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल जो की जाति के चमार हैं। उनकी उप जाति पासी बताकर कागजात में हेरा फेरी करके भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने गरीबों की जमीन हड़प ली है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जब हाई कोर्ट,राजस्व परिषद, एवं उत्तर प्रदेश शासन ने ग्राम सभा की जमीन कीसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालयों को देने से मना किया है तो सहायक चकबंदी अधिकारी कैसे भू-माफिया के नाम उसके परिवार नाम उसके विद्यालय के नाम आरक्षित कर दिया है, भू-माफिया का खेल आ गया सामने।
जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भदोही को भेजे गए प्रार्थना पत्र में दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला चमार निवासी इटहरा ग्राम थाना कोइरौना तहसील ज्ञानपुर जिला भदोही को प्रार्थना पत्र भेज कर विपक्षीगण कमला शंकर मिश्रा, राधेश्याम मिश्रा आदि के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि दिव्यांग दलित मल्लू चमार पुत्र स्वर्गीय शीतला थे। उनके पूर्वज को जाति का पासी दिखाकर भू माफिया कमला शंकर मिश्रा ने उनकी जमीन हड़प ली है।
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि चमार हो या पासी अनुसूचित जाति के व्यक्ति है। उनके द्वारा दान पत्र कानूनन नहीं दिया जा सकता है। जबकि गांव सभा में खुली बैठक तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा किया गया।
दिनांक 31.7.2011 को जानकारी में आया जिसमें पूरे ग्राम सभा के लोगों के सामने प्रस्ताव पारित हुआ कि स्व. मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार के अलावा ग्रामसभा में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है।
यदि विपक्षी द्वारा कहा गया कि स्वर्गीय मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी नाम के व्यक्ति था। तो उनके द्वारा कुटुंब रजिस्टर एवं परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली जांच कर देखा जाए। भू-माफिया के द्वारा ग्राम सभा की बीसों बीघा जमीन व अन्य लोगों की जमीन में हेरा फेरी करके जमीन पर कब्जा किया है। जिसके संबंध में तत्कालीन ग्राम सभा द्वारा उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर में मुकदमा दाखिल किया है। विपक्षीगढ़ के सहयोगी द्वारा जो झूठा साक्ष्य दिया जा रहा है। उसके खिलाफ करवाई किया जाए और प्रार्थी मल्लू के परिवार एवं उसके सहयोगियों की जानमाल की रक्षा करते हुए न्याय दिलाया जाए। जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त के आधार पर विपक्षियों द्वारा मल्लू पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार जगह पर मनबोध पासी पुत्र माता बदल कर जमीन हड़प लिया गया है। श्रीमान जी द्वारा मनबोध पासी पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी के वारिसान का कुटुंब रजिस्टर व परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली मगा कर जांच कर दोषियों के खिलाफ भू-माफिया कमला शंकर पुत्र शिवकरण मिश्रा के सहयोगियों द्वारा कूटरचित कागजातों को तैयार करने के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
पहले की रिपोर्ट में भू-माफिया को कैसे बनाया गया संत, वर्तमान कि रिपोर्ट में सहायक चकबंदी अधिकारी को मोहरा बनाया जा रहा है, भू-माफिया का कारनामा आया सबके सामने
मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव,डीजीपी,जिलाधिकारी,एसपी आदि को दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर पीड़ित लोगों ने कार्रवाई की मांग की है।

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