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भू-माफिया गिरोह के सरगना कमला शंकर मिश्रा के जाल में फंसा राजस्व विभाग,सूचना आयोग की सख्ती से परेशान

जन सूचना अधिकार से भू-माफिया का परत दर परत खुल रही है पोल!

राज्य सूचना आयुक्त ने उप जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, माल अभिलेखागार प्रभारी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, आदि को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए एवं सूचना देने के लिए आयोग दे चुका है सख्त निर्देश!

राज्य सूचना आयुक्त के सख्त तेवर से विभागों में मचा हड़कंप!

भू-माफिया को बचाने के लिए छिपाई जा रही हैं जानकारी!

भू-माफिया तथ्य छिपावाने के लिए हर कार्यालयों का लगा रहा है चक्कर!

राज्य सूचना आयुक्त ने दस्तावेज के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति होने के लिए कई विभागों को दिया है सख्त निर्देश!

राज्य सूचना आयुक्त ने कहा है कि समय से सूचना न देने पर लगेगा अर्थ दंड !

जन सूचना अधिकार से सामने आया विभागों एवं भू-माफिया का काला सच!

विभाग नहीं दे पा रहे है जवाब, कैसे दे जब भू-माफिया हाईकोर्ट,शासनादेश एवं राजस्व परिषद से बड़ा हो गया है, शिक्षा विभाग एवं भू-माफिया की गहरी साज़िश?

उच्च न्यायालय इलाहाबाद, शासनादेश,राजस्व परिषद ने सरकारी जमीन किसी प्राइवेट विद्यालयों को देने से मना किया गया है, लेकिन भू-माफिया बन गया सबसे बड़ा गुरु घंटाल.?

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने कागजात में हेरा फेरी करके एवं जाति बदलकर दलीत की हड़प ली है जमीन, चेहरा हुआ बेनकाब….

भू-माफिया के कारनामे आ गया सबके सामने!

संयम भारत संवाददाता व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर,जिले का चर्चित भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामों का पर्दाफाश होने लगा है। इसको बचाने के लिए तहसील प्रशासन और जिला प्रशासन के कुछ भ्रष्ट्र अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सूचना आयोग की सख्ती से भू-माफिया को बचाने का हर दांव उल्टा पड़ता जा रहा है।भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा और इसके गुर्गे के दमन और उत्पीड़न से अजीज जाकर दिव्यांग दलित मंल्लू की असमय मौत हो जाने के कारण अब प्रशासन सक्रिय हो गया है. दिव्यांग दलित मंल्लू की मौत के मामले की जांच होनी चाहिए।ज्ञानपुर तहसील का चर्चित भू-माफिया कमला शंकर मिश्र को बचाने में पूरा कई विभाग लगा हुआ है। विभागो के द्वारा सही जानकारी नहीं दिए जाने के कारण राज्य सूचना आयोग खफा है।राज्य सूचना आयुक्त ने उप जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, माल अभिलेखागार प्रभारी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, आदि को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए एवं सूचना देने के लिए सख्त को निर्देश दिया है आयोग ने कहा है कि अपीलार्थी को सही सूचनाएं उपलब्ध करायें एवं कृत्य कार्यवाही से आयोग को भी अवगत करायें। विपक्षी जन सूचना अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि अगली सुनवाई तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ आयोग के समक्ष उपस्थित हो। अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। विभागो की हरकतों से जाहिर हो गया है कि यह लोग भू-माफिया कमला शंकर मिश्र को बचाने में लगे हैं। भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामे अब सबके सामने आने लगे हैं। जन सूचना अधिकारयों को राज्य सूचना आयुक्त ने व्यक्तिगत उपस्थिति होने साथ चेतावनी दी है कि सूचनाओं उपलब्ध कराए,इसके साथ ही वहां पर जन सूचना अधिकारीयों की ओर से कोई उपस्थित नहीं था। और अभिलार्थी की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे। विपक्षी जन सूचना धिकारियों की ओर से न तो स्वयं न हीं उनके प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे बार-बार निर्देश के बाद भी कोई उपस्थित हुए। किसी में उपस्थित हुए तो लेकिन सही सूचना नहीं दिए, सुनवाई के दौरान अभिलार्थी के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया की सभी विभाग भू-माफिया की मदद कर रहे है इसलिए सूचना नहीं दे रहे हैं और जो दे भी रहे है वह एकदम भ्रामक असत्य दे रहे है जिस पर राज्य सूचना आयुक्त ने कहां की न्यायहित में सुनवाई के लिए एक और अवसर प्रदान किया जाता है। राज्य सूचना आयुक्त ने अपील कर्ताको मूल आवेदन पत्र संलग्न करते हुए विपक्षियों को नोटिस निर्गत किया है कि अपीलार्थी को सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराए अन्यथा उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सूचना आयुक्त की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भदोही जनपद का सभी विभाग के सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके किसानों की जमीन इधर से उधर करने का भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के ऊपर जो आरोप लगाया गया है। वह सही है। इसी वजह से विभाग के अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त को जानकारी देने में हीला हवाली कर रहे हैं। लेकिन उनकी चेतावनी के बाद विभागों में हड़कंप मच गया है। अब भू माफिया का बचना बहुत मुश्किल है। तहसील में भू माफिया कमला शंकर मिश्रा का हेराफेरी एवं घिनौना खेल चरम सीमा पर है। इसने दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला पुत्र स्वर्गीय गंगा एवं मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल जो की जाति के चमार हैं। उनकी उप जाति पासी बताकर कागजात में हेरा फेरी करके भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने गरीबों की जमीन हड़प ली है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जब हाई कोर्ट,राजस्व परिषद, एवं उत्तर प्रदेश शासन ने ग्राम सभा की जमीन कीसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालयों को देने से मना किया है तो सहायक चकबंदी अधिकारी कैसे भू-माफिया के नाम उसके परिवार नाम उसके विद्यालय के नाम आरक्षित कर दिया है, भू-माफिया का खेल आ गया सामने।जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भदोही को भेजे गए प्रार्थना पत्र में दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला चमार निवासी इटहरा ग्राम थाना कोइरौना तहसील ज्ञानपुर जिला भदोही को प्रार्थना पत्र भेज कर विपक्षीगण कमला शंकर मिश्रा, राधेश्याम मिश्रा आदि के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि दिव्यांग दलित मल्लू चमार पुत्र स्वर्गीय शीतला थे। उनके पूर्वज को जाति का पासी दिखाकर भू माफिया कमला शंकर मिश्रा ने उनकी जमीन हड़प ली है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि चमार हो या पासी अनुसूचित जाति के व्यक्ति है। उनके द्वारा दान पत्र कानूनन नहीं दिया जा सकता है। जबकि गांव सभा में खुली बैठक तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा किया गया। दिनांक 31.7.2011 को जानकारी में आया जिसमें पूरे ग्राम सभा के लोगों के सामने प्रस्ताव पारित हुआ कि स्व. मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार के अलावा ग्रामसभा में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है। यदि विपक्षी द्वारा कहा गया कि स्वर्गीय मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी नाम के व्यक्ति था। तो उनके द्वारा कुटुंब रजिस्टर एवं परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली जांच कर देखा जाए। भू-माफिया के द्वारा ग्राम सभा की बीसों बीघा जमीन व अन्य लोगों की जमीन में हेरा फेरी करके जमीन पर कब्जा किया है। जिसके संबंध में तत्कालीन ग्राम सभा द्वारा उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर में मुकदमा दाखिल किया है। विपक्षीग के सहयोगी द्वारा जो झूठा साक्ष्य दिया जा रहा है। उसके खिलाफ करवाई किया जाए और प्रार्थी मल्लू के परिवार एवं उसके सहयोगियों की जानमाल की रक्षा करते हुए न्याय दिलाया जाए। जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त के आधार पर विपक्षियों द्वारा मल्लू पुत्र स्वर्गीय माता बदल चमार जगह पर मनबोध पासी पुत्र माता बदल कर जमीन हड़प लिया गया है। द्वारा मनबोध पासी पुत्र स्वर्गीय माता बदल पासी के वारिसान का कुटुंब रजिस्टर व परिवार रजिस्टर अथवा कुर्सी नामा वंशावली मगा कर जांच कर दोषियों के खिलाफ भू-माफिया कमला शंकर पुत्र शिवकरण मिश्रा के सहयोगियों द्वारा कूटरचित कागजातों को तैयार करने के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई इसी दौरान पीड़ित दोनों आंख से दिव्यांग दलित मल्लू की सदमें से मौत हो गई।

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