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एक भवन में चार विद्यालयों की मान्यता, शिक्षा विभाग के अधिकारी खामोश!

बिना रजिस्ट्री नियम के विरुद्ध विद्यालयों की मान्यता कैसे मिली?

शिक्षा विभाग के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले रिटायर लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग!

रिटायर लेखपाल के कानून विरोधी कारनामों से लोग हैरान!

एक ही कैंपस में चल रहे हैं अनेक विद्यालय! 

एक ही कैंपस, एक ही पते से चार अलग-अलग विद्यालयों की अवैध मान्यता!

भू माफिया चर्चित शिक्षा माफिया के विरुद्ध कार्रवाई की मांग!

भू माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा, कानूनगो इंदु तिवारी, लेखपाल सर्वेश शुक्ला का गैंग!

अवैध साम्राज्य को बचाने के लिए कर रहा है साजिश।

भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले चौथे स्तंभ के खिलाफ रच रहा है षड्यंत्र! 

संयम भारत संवाददाता 

व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। एक ही भवन के पते से चार विद्यालयों की मान्यता लेकर अवैध रूप से रिटायर लेखपाल के द्वारा विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इसके बारे में लोगों ने उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग की है।भदोही जनपद ज्ञानपुर तहसील में तैनात रह चुके रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के कानून विरोधी कारनामों की बहुत लंबी सूची है। इसने एक ही कैंपस में अलग-अलग नाम से चार विद्यालयों की मान्यता ले रखी है। इस फर्जीवाडे को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा इसके विरुद्ध इस मामले की जांच करके प्राथमिक की दर्ज कराए जाने की मांग की गई है। जांच करने पर पता चला है कि रिटायर लेखपाल भू माफिया कमला शंकर मिश्रा जो कि जनपद के चर्चित माफिया सरगना के साथ मिलकर ज्ञानपुर तहसील में भोले वाले किसानों की जमीन हड़पकर लिया है।

गरीबों, किसानों, दलितों की पुरानी जमीनों के रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके उनकी जमीन अपने नाम पर दर्ज करवा करके उसे पर कब्जा कर लेता है। इसने ग्राम समाज, पंचायत भवन, सार्वजनिक जमीन,बच्चों के खेल के मैदान आदि की जमीनों पर कब्ज़ा करके जमीन की फर्जी खसरा खतौनी इंद्राज करके इसने अपने पिता, भाई, और अपने परिवार के नाम दर्ज करवा दिया। बीसों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करने के बाद इसने इस जमीन पर एक बड़ा सा विद्यालय का भवन बनवाया और उस भवन में के पते पर चार-चार विद्यालयों की मान्यता ले रखी है। जबकि किसी भी विद्यालय के नाम से जमीन नहीं है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का यह कहना है कि यदि किसी विद्यालय के नाम से जमीन की रजिस्ट्री वाले कागज जब तक कार्यालय में नहीं जमा होते। उस विद्यालय को मान्यता नहीं दी जाती। लेकिन इस भू-माफिया ने एक ही कैंपस में अनेक कॉलेजों की मान्यता ले रखी है और किसी भी कॉलेज के नाम से जमीन की रजिस्ट्री का कागज इसने नहीं लगाया है।

इस बिंदु पर अधिकारियों को संज्ञान में लेते हुए जांच करते हुए इस शिक्षा माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों का कहना है कि यह भू माफिया तो है ही। क्षेत्र का बहुत बड़ा शिक्षा माफिया भी है। यही नहीं इसमें ग्राम समाज की जो बची हुई जमीन है। उसको लूटने की योजना बना रखी है और जो भी सरकारी क्षेत्र की जमीन है। उन जमीनों पर कब्जा करने की फिराक में लगा है। सूत्रों का कहना है कि रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ज्ञानपुर तहसील में जब तैनात था। तो तैनाती के दौरान इसने अपने गांव को ही अपना कार्य क्षेत्र बना दिया तथा हल्का लेखपाल के रूप में अपने गांव में ही तैनाती करा ली। जबकि लेखपाल जिस गांव का होता है। उस गांव में उसको तैनात नहीं किया जाता। लेखपाल के पद पर कार्य करते हुए परगना अधिकारी द्वारा इसको इसके ही गांव का कार्यभार कैसे दिया गया? इसकी अगर जांच कराई जाए तथा इसके सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी के भ्रष्टाचार की वजह से पूरे ज्ञानपुर तहसील में हाहाकार मचा हुआ है। उसके खिलाफ बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद इन दोनों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं होने से किसानों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों ने जिलाधिकारी से इन दोनों को निलंबित करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इस दौरान इसने ग्राम समाज पंचायत भवन बच्चों के खेल के मैदान सार्वजनिक जमीन आदि की जमीनों पर फर्जीवाड़ा करते हुए बीसों बीघा जमीन अपने भाइयों के नाम से दर्ज करवा दी। गांव के ही दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर इसने अवैध कब्जा कर लिया। उसकी जमीन पर कब्जा करने के लिए इसने फर्जी हलफ़नामा तैयार कराया और फिर मल्लू की जमीन पर इसने कब्जा करते हुए उसे बेघर कर दिया।
उच्च अधिकारियों को शिकायत्री पत्र भेज भेज कर दलित मल्लू जो कि दोनों आंखों से दिव्यांग है। भगवान ने दलित मल्लू की आंखें छीन ली तो इस रिटायर लेखपाल ने उसकी जमीन छीन ली। इसकी जालिमाना हरकतें बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है और जब से इसके विरुद्ध विभिन्न समाचार पत्रों में खबरों का प्रकाशन शुरू हुआ है। यह बौखला गया है। अब अपने माफियागर्दी वाले साम्राज्य को बचाने के लिए तरह-तरह की चाल चल रहा है। यह अपने माफिया साम्राज्य को बचाए रखने के लिए अब माफिया सरगना की मदद से शिकायतकर्ताओं को डराने धमकाने में लगा है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। इस भू माफिया और उसके सहयोगी कानूनगो इंदू तिवारी लेखपाल सर्वेश शुक्ला पंकज आदि अब चौथे स्तंभ को अब दबाने तथा पत्रकारों को चुप करने की कोशिश में लगे हैं। इसके विरुद्ध जब से समाचारों का प्रकाशन शुरू हुआ है। जिलाधिकारी ने उसे बहुत ही गंभीरता से लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी समाचारों को पढ़कर बहुत असहज है कि एक ही कैंपस के नाम पर कैसे चार-चार विद्यालय चल रहे हैं।

कब्जा की गई जमीन के बारे में पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू हो गई है। स्थानीय पुलिस सूचना इकाई के द्वारा इसके बारे में सूचना एकत्र कराई जा रही हैं। लोगों का यह भी कहना है कि ईडी और सीबीआई के द्वारा इसके काले कारनामों की जांच कराई जाए तो बहुत बड़े माफिया रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है।
काले धन के द्वारा इसलिए बहुत बड़ा अपना साम्राज्य खड़ा कर रखा है और रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार के जरिए जो उसने अवैध कमाई की है। उसी के बल पर अपने खिलाफ होने वाली शिकायतों पर लीपापोती करवा देता है। लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने बहुत सख्त रवैया अपना रखा है तथा परगना अधिकारी ज्ञानपुर को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस भूमिया के कब्जे से ग्राम समाज ग्राम पंचायत बच्चों के खेल के मैदान सार्वजनिक जमीन आदि की जमीन खाली कराई जाए और इसके इसने जो अपने कार्यकाल के दौरान जमीनों पर लोगों की जमीनों को प्रभावित कब्जा किया उसके अवैध कब्जे को हटाया जाए।

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