दोनों आंखों के दिव्यांग दलित की भूमि को कब्जा करने वालें भू-माफिया से मुक्त कराने एवं उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग
भदोही,बताते चले कि जनपद भदोही, तहसील ज्ञानपुर, के ग्राम सभा इटहरा के दलित दिव्यांग मल्लू की जमीन को रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने अपने परिवार के नाम कराकर उस पर अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया है, इन जालसाजों ने अपने जालसाजी के बल ग्राम सभा की जमीन पर भी कब्जा करके योगी सरकार के कानून को ढेंगा दिखा रहे है।
यह जालसाज गांव के विभिन्न रकबो में विभिन्न लोगों का नाम डलवा देते हैं, फिर उसको निकलवाने का मनमानी मोटी रकम प्राप्त करते हैं। यहां ही नहीं रुका ये ये भू-माफिया गांव का दलित दिव्यांग मल्लू के बहुमूल्य किमती जमीन को भी अनाधिकृत रूप से कब्जा करके उस पर अपना व्यवसाय एवं काला साम्राज्य स्थापित कर लिया है। पिछले दिनों ग्राम सभा के सार्वजनिक बैठक में भी कब्जेदारो के काले कारनामे के विरुद्ध एक प्रस्ताव पारित हो चुका है। जिसमें भी इस भूमिया द्वारा इस दिव्यांग के जमीन एवं ग्राम सभा की जमीन कब्जा करने के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव पारित हुआ है। दिव्यांग सहित पीड़ित ग्रामवासियो के द्वारा इस माफिया के विरुद्ध सैकड़ो प्रार्थना पत्र साक्ष्यों के द्वारा दिया गया लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बताया जाता है कि ये जमीनखोर माफिया के गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। गांव का बीसों बीघा कब्जा करने वाला फोर्थ क्लास का चाकर, राजवाड़ी जैसा अपना साम्राज्य बना लिया है, जिसमें परोक्ष व अपरोक्ष रूप से उपरोक्त माफिया का भी धन लगा है। यही लोग उक्त माफिया का आज भी धड़ल्ले से सिंडिकेट चला रहे हैं और योगी सरकार के कानून को भी धता बताकर काम कर रहे है। “इसी भूमाफिया एवं चाकर के फर्जी जमीन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह जी ने भी सख्त रूप से कार्यवाही करने का आदेश दिया था।”
कानून को अपने ढंग से चलाने वाले फरेबी लेखपाल और कानूनगो ने राजस्व विभाग द्वारा पंचायत भवन के लिए आवंटित जमीन पर पंचायत भवन न बनवा करके अपने गिरोह के सदस्य भू माफिया से सांठ गांठ करके उसको दे दिया। कानून की आंख में धूल झोंकने ये फरेबी अपने गुंडई, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, दबंगई के बल उस पंचायत भवन को गांव के ही शारदा प्रसाद आदि के खलिहान पर बनवा दिया है। योगी सरकार के चलाएं गए भूमाफियाओं के विरुद्ध अभियान में यह लेखपाल और कानूनगो माफिया के कब्जे वाले जमीन के बारे ना तो कोई कार्यवाही किया, न हीं अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। इससे स्पष्ट होता है कि ये माफिया के गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं।