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इलाहाबाद में इण्डिया गठबंधन के उज्जवल रमण सिंह ने रिकार्ड मतों से हासिल की जीत वही दूसरी ओर नेहरू की कर्मभूमि फूलपुर में भाजपा की हैट्रिक, मुकाबले में जीते प्रवीण पटेल।

विशेष संवाददाता

प्रयागराज, संयम भारत, लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस बार प्रयागराज मंडल में झटका लगा है। प्रयागराज मंडल की इलाहाबाद, फूलपुर, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ सीट में से भाजपा सिर्फ फूलपुर सीट ही बचा पाई। यहां भी भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल की जीत का अंतर काफी कम रहा। एक बार तो यह भी लगा कि प्रवीण पटेल चुनाव हार गए हैं, लेकिन अंत में वह 4784 वोट से जीत गए।

लोकसभा सामान्य निर्वाचन में भाजपा आखिरकार फूलपुर लोकसभा सीट में हैट्रिक बनाने में कामयाब हो ही गई। तीन बार के विधायक प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा जीतकर पार्टी के खाते में तो डाल दी, लेकिन इस जीत के लिए उन्हें खासी मशक्कत भी करनी पड़ी। उन्हें सपा प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य ने कड़ी टक्कर दी। सपा ने इस लोकसभा चुनाव में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। लेकिन अंत में अमरनाथ मौर्य 4332 मतों से चुनाव हार गए। इस जीत के साथ ही भाजपा फूलपुर सीट बचाने में कामयाब हो गई।

इलाहाबाद लोकसभा चुनाव में मंगलवार को हुई मतगणना में इण्डिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक उज्जवल रमण सिंह ने रिकार्ड पैंतालीस हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की। उन्होनें निकटतम भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को करारी शिकस्त दी। सपा प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह की जीत का महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि उन्होनें पोस्टल बैलेट के साथ ईवीएम के मतों की गणना में भी लम्बी बढ़त बनायी।

प्रयागराज की फूलपुर संसदीय सीट में यहां पहली बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। भाजपा यहां सेे रिकार्ड मतों से जीत की आस लगाए बैठी थी, लेकिन सपा प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य ने उस पर पानी फेर दिया। इलाहाबाद लोकसभा सीट कांग्रेस के उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा से छीन ली है। उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा के नीरज त्रिपाठी को करीब 45 हजार वोटों से हरा दिया है। भाजपा ने अपनी सीटिंग एमपी रीता बहुगुणा जोशी की जगह पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को दिया था। उज्जवल रमन सिंह ने 45034 वोटों से नीरज को हराया है। उज्जवल रमन सिंह को 378810 वोट मिले। नीरज त्रिपाठी को 333776 वोट मिले हैं। मतगणना के शुरुआत से ही भाजपा के नीरज त्रिपाठी पिछड़ गए थे।

इलाहाबाद में इस बार विरासत संभालने की लड़ाई थी। नीरज के पास जहां केशरी नाथ त्रिपाठी की विरासत संभालने की जिम्मेदारी थी। वहीं पूर्व सांसद सपा के कद्दावर नेता रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह को भी पिता की विरासत को बढ़ाना था। उज्जवल रमण सिंह चुनाव से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए और उसके ही टिकट पर मैदान में उतरे थे।

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