Breaking NewsBhadohi NewsIndiaLatestNewsPoliticsPrayagraj news

मुख्यमंत्री के आदेश से क्या अछूता है ज्ञानपुर तहसील का प्रशासन?

मुख्यमंत्री के आदेशानुसार कब खाली होगी माफियाओं के कब्जे की जमीन?

दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन से कब हटेगा माफियाओं का कब्जा?

न्याय की आस में भटक रहा है दिव्यांग दलित और सैकड़ो काश्तकार!

भदोही प्रशासन की लचर कार्य शैली से ज्ञानपुर तहसील में भूमाफियाओं का आतंकराज!

देखते ही देखिते भू-माफिया ने कब्जा कर ली बीसों बीघा जमीन!

जमीन कब्जा करवाने वाले लेखपाल कानूनगो इंदु तिवारी एवं इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग!

शातिर कानूनगो इंदु तिवारी लेखपाल सर्वेश शुक्ला एवं इटहरा का भूमिया पूर्व लेखपाल मिलकर गांव के निरिह लोगों को अपने झांसे में लेकर अपने कुकृत्यों को छिपाने के लिए सादे कागज पर करा लिया है हस्ताक्षर और अंगूठा का निशान

संयम भारत संवाददाता

भदोही, ज्ञानपुर। ज्ञानपुर तहसील के किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश से क्या ज्ञानपुर तहसील का प्रशासन अछूता है? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार घोषणा कर रहे हैं की भूमाफियाओं के कब्जे से जमीन मुक्त कराई जाएगी। वहीं दूसरी ओर माफियाओं के कब्जे से जमीन मुक्त कराए जाने के बजाय किसानों समेत दिव्यांग दलितों की जमीन परअवैध कब्जा किया जा रहा है। भदोही जनपद ज्ञानपुर तहसील में लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी के द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। रिटायर लेखपाल क्षेत्र का चर्चित भूमिया बन चुका है और विजय मिश्रा गिरोह के साथ मिलकर ये गिरोह के सदस्य करोड़ों करोड़ रुपए की जमीन इधर से उधर करने में लगे है।
प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार रहित स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराए जाने हेतु योगी सरकार द्वारा रोज नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं। किसानों और दलितों को स्वच्छ प्रशासन दिए जाने हेतु वे कटिबध है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के आदेश को ज्ञानपुर तहसील में तैनात लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी पलीता लगा रहे हैं। एक रिटायर्ड भूतपूर्व लेखपाल के द्वारा ज्ञानपुर तहसील में भूमाफिया विजय मिश्रा के साथ मिलकर निर्दोष दलित एवं किसानों की बीसों एकड़ जमीन पर धुआंधार मनमर्जी से ये कब्जा करते चले जा रहे हैं। इनके कब्जे से भूमिकब मुक्त कराई जाएगी? यही सबसे बड़ा सवाल है।
दिव्यांग दलित और ज्ञानपुर तहसील के सैकड़ो किसानों का कहना है कि लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी एक रिटायर लेखपाल के साथ मिलकर सरकारी अभिलेखों में हेरा फेरी करते हुए सैकड़ो बीघा जमीन इधर से उधर कर चुके हैं। इन लोगों ने दिव्यांग दलित की जमीन मनमानी तरीके से दूसरे माफियाओं के नाम दर्ज कर दी।
दिव्यांग दलित मल्लू पिछले कई वर्षों से न्याय पाने की आस में दर-दर भटक रहा है। उसने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी भदोही के यहां कई बार गुहार लगाई। लेकिन उसकी अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिव्यांग दलित मल्लू का मुद्दा अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान ज्ञानपुर तहसील में जनता को न्याय नहीं मिलने के कारण लोगों का स्वच्छ प्रशासन पर से विश्वास उठता जा रहा है। इस मामले में जिलाधिकारी भदोही की निष्क्रियता के कारण ज्ञानपुर जनपद में भूमाफियाओं का गुंडाराज कायम हो गया है। यह जिसकी जमीन चाह रहे हैं। फर्जी अभिलेख तैयार करवा करके कब्जा कर ले रहे हैं। किसानों की जमीनों के अलावा पंचायत भवन, बच्चों के खेल के मैदान, ग्राम की समाज की जमीनों को धड़ल्ले से प्राइवेट लोगों के नाम दर्ज कर उन्हें बेचा जा रहा है। इस तरह के गोरखधंधे से करोड़ों करोड रुपए की भूमाफियाओं ने कमाई कर ली है और इस कमाई का हिस्सा ऊपर तक पहुंच जाने के कारण इन भूमाफियाओं और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि अभी पिछले दिनों एक रिटायर लेखपाल ने दावा किया था कि ज्ञानपुर तहसील में जो भी नया परगना अधिकारी आता है। पैसे के बल पर उसे यह लोग खरीद लेते हैं और फिर अपने इशारे पर नचाते हैं। तहसील में चारों ओर इस बात की चर्चा होने के बावजूद इस तरह का भ्रामक दावा करने वाले लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रिटायर लेखपाल जो कि क्षेत्र का एक चर्चित भूमि माफिया बन चुका है और लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी ने एसडीएम को खरीद लेने का जो दावा किया है। वह दावा सच होता दिखाई दे रहा है। विजय मिश्रा गिरोह से जुड़े भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मामले में परगनाधिकारी ज्ञानपुर की संदिग्ध कार्य शैली के कारण यह इस बात की पुष्टि होने लगी है कि परगना अधिकारी भी घुमा फिरा कर मामले की तह में जाने और सही जांच करने की बजाय उससे मिले हैं। इसी वजह से करोड़ों करोड रुपए की हेरा फेरी करने वाले लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी के विरुद्ध निलंबन, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण देने में लगे हैं।
बेचारा दिव्यांग दलित मल्लू ठोकरे खाता जगह-जगह फिर रहा है। तहसील की चौखट पर उसे न्याय नहीं मिला। तो वह डीएम से लेकर उच्च अधिकारियों तक गया। लेकिन एक दिव्यांग दलित को न्याय नहीं मिल पाने के कारण योगी सरकार की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल रही है और सरकार की प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिलने वाले परगना अधिकारी रिटायर लेखपाल कानूनगो और अन्य संबंधी अधिकारियों के खिलाफ यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आगे चलकर बहुत भीषण स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
ज्ञानपुर तहसील भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का अखाड़ा बन गया है। जनपद के चर्चित भूमिया विजय मिश्रा गिरोह के साथ मिलकर यह लोग कूट दस्तावेज तैयार करके तहसील की जमीन इधर से उधर कर रहे हैं। जिस आदमी के पास कुछ दिनों पहले दो बिस्वा जमीन थी। आज वह माफियागर्दी के बल पर सैकड़ों बीघा जमीन का मालिक बन चुका है। ऐसे भूमिया के खिलाफ कब ठोस कार्रवाई होगी। उसके कब्जे से जमीन कब खाली कराई जाएगी? मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल कब होगा? यही सवाल ज्ञानपुर तहसील के कोने-कोने में गूंज रहा है! दिव्यांग दलित मल्लू को न्याय दिलाए जाने के लिए दलित संगठनों से जुड़ी हुई तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से अब दलित समाज के लोगों ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। दिव्यांग दलित समेत लोगों को न्याय नहीं मिला और भू माफियाओं के कब्जे से किसानों की जमीन मुक्त नहीं कराई गई। तो दलित संगठनों एवं राजनीतिक पार्टियों के द्वारा व्यापक पैमाने पर आंदोलन शुरू हो सकता है। इसका असर यह होगा कि अगले विधानसभा चुनाव में योगी सरकार की सीटे कम हो सकती है और भाजपा का जन आधार कमजोर हो सकता है।
लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी ने आदित्यनाथ जिस तरह की माफियाओं के कब्जे से भूमि को मुक्त कराए जाने की बात कर रहे हैं। भदोही जिले के जिलाधिकारी को उस पर अमल करते हुए ज्ञानपुर तहसील में दिव्यांग दलित मल्लू समेत अन्य का किसानों की जमीन जिस पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर दिया है। उसे मुक्त कराया जाए तथा किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले रिटायर लेखपाल, कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल सर्विस शुक्ला के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *