डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की चुनावी रणनीति बनी जीत का फार्मूला!
सवर्ण-पिछड़ा-दलित गठबंधन की मजबूती से बीजेपी प्रत्याशियों के जीतने की संभावना बढ़ी
प्रयागराज, संयम भारत, इलाहाबाद, फूलपुर, कौशांबी संसदीय क्षेत्र के चुनाव में भाजपा ने बहुत सोच समझ कर प्रत्याशियों का चयन किया है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इन तीनों सीटों को जीतने की जो चुनावी रणनीति तैयार की है। वही भाजपा की जीत का फार्मूला साबित होगा।
प्रदेश की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी बन चुके डिप्टी सीएम केशव मौर्य की शुरू से ही इलाहाबाद, फूलपुर, कौशांबी संसदीय सीटों पर चुनाव जीतने पर नजर थी। बीजेपी हाई कमान से विचार विमर्श करके उनकी सलाह पर इलाहाबाद संसदीय सीट से पार्टी ने नीरज कुमार त्रिपाठी और फूलपुर से प्रवीण पटेल को टिकट दिया है। कौशांबी से दो बार सांसद रह चुके विनोद सोनकर को फिर से पार्टी ने मैदान में उतारा है। नीरज त्रिपाठी प्रदेश के चर्चित नेता रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र हैं। इलाहाबाद संसदीय सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। इस सीट में प्रत्याशी को जरूर बदल गया। लेकिन ब्राह्मण की जगह ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट दिए जाने के कारण बीजेपी से जुड़े हुए जो ब्राह्मण मतदाता हैं। वे बीजेपी के साथ पूरी शिद्दत के साथ आज भी जुड़े हुए हैं। यह स्थिति फूलपुर की भी है। इस क्षेत्र में पटेल वर्ग के मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है। यहां भी पटेल बिरादरी के ही व्यक्ति को टिकट देकर भाजपा ने अपने परंपरागत मतदाताओं को अपने साथ साधे रखने की पूरी कोशिश की है।
क्षेत्र में जो स्थिति देखी जा रही है, उसके हिसाब से इलाहाबाद और फूलपुर, कौशांबी क्षेत्र के ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया, सिंधी, पंजाबी, कायस्थ वर्ग के मतदाता बीजेपी के शुरू से ही कट्टर समर्थक माने जाते रहे हैं। इन सीटों पर इनकी आबादी बहुत अधिक है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की वजह से कुर्मी, कुशवाहा, मौर्य, बिंद, पटेल, निषाद पिछड़ा वर्ग के जो मतदाता पहले अन्य दलों की ओर आकृष्ट हो जाते थे। वे सब बीजेपी की ओर घूम गए हैं। जातिगत हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी के साथ इस समय ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया, सिंधी, पंजाबी, कायस्थ, सिख, पटेल, निषाद, कुर्मी दलित वर्ग के लगभग 70 से 75% मतदाता बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। सवर्ण जातियों के अलावा पिछड़ों और दलितों में जो बीजेपी ने अपनी पकड़ बनाई है। उस हिसाब से इन तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव जीतने की प्रबल संभावना देखी जा रही है।
इसके पहले प्रयागराज नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए गणेश के केशरवानी को अप्रत्याशित रूप से टिकट देकर भाजपा ने सबको चौंकाया था। लेकिन उन्होंने ढाई लाख से भी अधिक मतों से जीत हासिल करके एक नया इतिहास रच दिया। सूत्रों का यह भी कहना है कि गणेश केसरवानी को मेयर का टिकट दिलाए जाने के पीछे डिप्टी सीएम केशव मौर्य का ही प्रमुख योगदान था। उन्हीं की वजह से गणेश केसरवानी को टिकट मिला। गणेश केसरवानी के चुनाव जीतने के कारण पूरे जनपद का बनिया वर्ग का मतदाता बीजेपी के साथ है। सवर्णों के अलावा पिछड़ी जातियों में पटेल, मौर्य,कुर्मी ,निषाद, बिंद और दलित वर्ग के मतदाताओं का रुझान भाजपा की ओर बहुत तेजी से बड़ा है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि यादव और मुस्लिम वर्ग के मतदाताओं का भी वोट बीजेपी को मिल रहा है। इस चुनाव में पहली बार मुसलमानो का रुझान भाजपा के पक्ष में देखा जा रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। सवर्ण मतदाताओं पर तो बीजेपी का शुरू से ही प्रभाव रहा है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य की वजह से पिछड़े वर्ग का बीजेपी की ओर बहुत तेजी से रुझान बढ़ रहा है। यह बीजेपी के लिए बहुत ही बड़ा सुखद संकेत है। पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों के बीच बीजेपी के बढ़ते प्रभाव के कारण बीजेपी का वोट बैंक पहले से अधिक बढ़ा है।
इस हिसाब से देखा जाए तो पिछले नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने जो सफलता अर्जित की थी। उस हिसाब से तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के दो से ढाई लाख मतों से चुनाव जीतने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
चुनाव परिणाम चाहे जो हो, लेकिन वर्तमान समय में जो स्थिति दिखाई दे रही है। उस हिसाब से भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति सबसे मजबूत है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि इन तीनों सीटों पर चुनाव जीतने के लिए डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने जो रणनीति तैयार की। वही भाजपा की जीत का फार्मूला बनेगा।
कौशांबी की सीट भी बीजेपी के पक्ष में जाती दिखाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी कौशांबी जिला प्रभारी अवधेश चंद्रगुप्त की वजह से कौशांबी का चुनावी समीकरण एकदम सही चल रहा है। वहां भी ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया, सिंधी, पंजाबी, कायस्थ, सिख, कुर्मी, पटेल, मौर्य, बिंद, निषाद आदि वर्ग के मतदाता विनोद सोनकर के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। प्रयागराज और कौशांबी दोनों जिलों की तीनों सीट जीतने की ओर भाजपा तेजी से आगे बढ़ रही है। वर्तमान समय में इलाहाबाद, फूलपुर और कौशांबी लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की स्थिति सबसे अधिक मजबूत दिखाई दे रही है। यह आकलन वर्तमान स्थितियों का है। भविष्य में राजनीतिक परिणाम परिवर्तित भी हो सकते हैं। लेकिन अभी फिलहाल भाजपा का ही पलड़ा सबसे मजबूत और भारी दिखाई दे रहा है।