एक भवन परिसर में चार-चार विद्यालय की मान्यता, अंधेरगर्दी चरम सीमा पर
माफिया के कब्जे से कब खाली कराई जाएगी सरकारी जमीन? धमकी देकर बयान बदलने के लिए वीडियो का लिया जा रहा है सहारा!
खबर छपने वाले पत्रकारों को दी जा रही है धमकी!
संयम भारत संवाददाता
व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। ज्ञानपुर तहसील के माफिया सरगना के गिरोह का सक्रिय सदस्य कमला शंकर मिश्रा की काली करतूते दिनों दिन बढ़ती चली जा रही है। लोगों का कहना है कि पीड़ित लोगों को कब न्याय मिलेगा?
उप जिलाधिकारी,जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव गृह, मुख्यमंत्री के यहां लिखित शिकायत करने के बावजूद अभी तक पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं और यह भू-माफिया लोगों को डरा धमका कर मामले को रफा दफा कराने में लगा है।
भ्रष्टाचार के आरोपी कानूनगो एवं लेखपाल के खिलाफ अब पीड़ितों ने मोर्चा खोल दिया है। दिव्यांग दलित मल्लू आदि ने जिलाधिकारी उच्च अधिकारियों को भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा, लेखपाल, कानूनगो आदि के खिलाफ प्रार्थना पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता दिव्यांग दलित मल्लू ने अपनी फरियाद जिलाधिकारी के यहां की और बताया कि रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा क्षेत्र का चर्चित भूमिया है। इसके पास पहले दस विश्वा जमीन थी। हेरा फेरी गुंडई और तहसील के रिकॉर्ड में फर्जी दस्तावेज तैयार करके नाम दर्ज करवाने के कारण अब ये बीसों बीघा जमीन का मालिक हो गया है। इस माफिया की मदद करने वाले कानूनगो और लेखपाल की मिली भगत से इन लोगों ने उसकी कीमती जमीन पर कब्जा कर दिया है।
भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज हलफनामा आदि तैयार कराया और उस फर्जी कागज के आधार पर तहसील के रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करके उसकी जमीन कब्जा कर ली है। दिव्यांग दलित मल्लू ने इसके पहले प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री स्थानीय जनप्रतिनिधियों जिलाधिकारी तथा परगना अधिकारी ज्ञानपुर को तमाम शिकायती पत्र भेजकर इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पिछले 10 वर्ष से और इन लोगों के खिलाफ लगातार शिकायत कर रहा है लेकिन रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए कमाई गई करोड़ों रुपए के बल पर दिव्यांग दलित मल्लू को आज तक न्याय नहीं मिल पा रहा है। भू माफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन इसके ठीक विपरीत मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कानूनगो और लेखपाल ज्ञानपुर तहसील में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का नंगा नाच कर रहे हैं। रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा अब क्षेत्र का बहुत बड़ा भू माफिया बन चुका है और इसको खुले आम संरक्षण दे रहे स्थानीय कानूनगो एवं लेखपाल के खिलाफ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर पीड़ित मल्लू ने बताया कि वह दोनों आंखों से देख नहीं सकता। दिव्यांग होने के कारण इन लोगों ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उसकी जमीन कब्जा कर ली है। जिसकी वजह से उसे न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।
सूत्रों का कहना है कि भू माफिया कमला शंकर के गैंग में कानूनगो, लेखपाल आदि लोग शामिल है। इन लेखपाल और कानून गो की मदद और इसकी मनमर्जी से ही वहां सारे काम होते हैं। जिसकी वजह से पीड़ित काश्तकारों की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होती। माफिया सरगना के साथ इन लोगों ने मिलकर ज्ञानपुर तहसील में भयंकर आतंक फैला रखा है। तहसील में फर्जी कागज तैयार करके किसानों की जमीन पर कब्जा कर देते हैं। जिलाधिकारी भदोही ने कई बार भू-माफियाओं के कब्जे से सरकारी जमीन खाली कराने का निर्देश दिया। लेकिन इनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। यह बड़े आश्चर्य की बात है। शिकायती पत्र भेजे जाने के बावजूद अभी तक तहसील प्रशासन उन जमीनों को चिन्हित नहीं कर पाया है। जिन जमीनों के फर्जी कागज तैयार करके भू-माफिया ने कब्जा कर रखा है। और इसके संरक्षक उच्च अधिकारियों को गुमराह करने के लिए अलग-अलग से खडयंत्र रच रहे हैं।भू माफिया कमला शंकर मिश्रा व इसके संरक्षकों के खिलाफ विभिन्न समाचार पत्रों में जब से समाचार प्रकाशित होना शुरू हुआ। इन लोगों की हालत खराब हो गई है। अब यह लोग चौथे स्तंभ प्रेस को भी धमकाने में लग गए हैं और उनके विरुद्ध खड्यंत्र में लगे हैं। जिसकी वजह से पत्रकारों में भी भारी रोष व्याप्त है। अपने कारनामों को छुपाने के लिए पत्रकार का मुंह बंद करने की कोशिश इन लोगों के द्वारा की जा रही है। दिव्यांग दलित मल्लू के साथ ही अब पत्रकारों के साथ किया जा रहे इन लोगों के अमानवीय बर्ताव की वजह से लोगों का निष्पक्ष न्याय के ऊपर से विश्वास ही खत्म होता जा रहा है। इन माफियाओं ने ज्ञानपुर तहसील के प्रशासन को अपने कब्जे में लेकर अराजकता का नग्न तांडव कर रहे हैं। सरकारी जमीन पर इन लोगों ने जो अवैध कब्जा किया है। उसे खुलेआम देखा जा सकता है।
पंचायत भवन, बच्चों के खेल के मैदान, ग्राम समाज कन्या पाठशाला आदि की जमीन पर अवैध कब्जा करके विद्यालय चलाया जा रहा है और उसमें भी भारी घोटालेबाजी की जा रही है। एक भवन पर चार-चार विद्यालयों की मान्यता लेकर शिक्षा विभाग के साथ भी भू-माफिया द्वारा घिनौना खिलवाड़ किया जा रहा है।