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भू-माफिया से ग्राम समाज, पी डब्लू डी,सरकारी नलकूप की नाली, दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन कब होगी मुक्त

जेल में बंद माफिया सरगना गिरोह का सक्रिय सदस्य है कमला शंकर मिश्रा!

पत्रकारों की आवाज दबाने के लिए भू-माफिया के गुंडे दे रहे हैं पत्रकार को धमकी!

संयम भारत संवाददाता

भदोही, ज्ञानपुर। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में भू माफिया और भ्रष्टाचारियों के द्वारा खबर छपने पर पत्रकारों को जान से मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है।
ऐप्रवा के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत तिवारी शास्त्री ने ज्ञानपुर तहसील में तैनात रिटायर्ड पूर्व लेखपाल कमला संकर मिश्रा और उसके सहयोगी लेखपाल तथा कानूनगो के खिलाफ भ्रष्टाचार, दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन कब्जा किए जाने के मामले का साहसिक ढंग से खुलासा किया है। उसकी वजह से भू माफियाओं के पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई है। शासन द्वारा इस मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिए जाने के कारण भू-माफिया बौखला गया है। और भाड़े के शूटरों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार की हत्या करने की साजिशों में लगा हुआ है। छानबीन करने पर पता चला है कि भू-माफिया के अपराधिक गिरोहों से बहुत पुराने संबंध है। जेल में बंद माफिया सरगना गिरोह के लिए यह सक्रिय रूप से काम करता है। इस गिरोह को हथियार गोला बारूद सप्लाई करना बड़े-बड़े के शूटरों को संरक्षण देता है पर्दे के पीछे रहकर इसने माफिया सरगना के लिए कार्य कर्ता है। जिन लोगों की जमीन कब्जा किया है यदि उन्होंने विरोध करने की कोशिश की तो इसने उसका मुंह बंद करा देता है। डर के मारे इसके खिलाफ कोई केस नहीं दर्ज करवाता है। इस वजह से इसके हौसले बुलंद है। यदि अब इसके काले कारनामों को उजागर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार की हत्या की साजिश भू-माफिया अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रच रहा है। इसी भय और आतंक के बल पर इसने दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा करने के साथ ही पंचायत भवन ग्राम समाज सार्वजनिक तालाब पी.डब्लू डी. की जमीनों पर अवैध कब्जा करके वहां अवैध रूप से विद्यालय चला रहा है। एक ही बिल्डिंग के पते से चार-चार विद्यालयों की मान्यता लेकर इसने माफियागर्दी की सारी सीमाओं को तोड़ दिया है। तहसील प्रशासन द्वारा दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं ।
सूत्रों का कहना है कि अगर भू-माफिया और इसके गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो यह लोग वरिष्ठ पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमला करके उन्हें भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे पहले दिव्यांग दलित मल्लू आदि पीड़ितों के साथ कर चुके हैं।पीड़ितों को डराने धमकाने के बाद अब ये पत्रकार की लेखनी को भी दबा देना चाहते हैं। जनपद निवासियों एवं पत्रकारों ने इस मामले में भू-माफिया एवं लेखपाल, कानूनगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए इन अपराधियों को जेल भेजने तथा पत्रकार की सुरक्षा किए जाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में भू-माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों को विभिन्न प्रकार की धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिन्होंने राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार और भूमि माफियाओं के खिलाफ कई खुलासे किए थे। यह घटना पूरे प्रदेश में एक चेतावनी के रूप में सामने आई है जिसमें लेखपालों की ही गिरफ्तारी हुई और इसके बाद से पत्रकारों को खासा खतरा महसूस हो रहा है।
राजस्व विभाग के पोल खोलने पर जिस प्रकार से घटनाएं हुई है, उसके जिम्मेदार इसी तरह से कार्य करने वाले लोग हैं। वर्तमान में भी इसी तरह जनपद भदोही के भी दूर्दांत भू-माफिया व इसके सहयोगी भी पत्रकार के साथ अनहोनी करने के फिराक में है, वरिष्ठ पत्रकार भी राजस्व विभाग के फर्जीवाड़ा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जिस वजह से उन्हें हर ढंग से धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, वरिष्ठ पत्रकार, ऐप्रवा अध्यक्ष ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएंगे जिस प्रकार अन्य की विरुद्ध पत्रकार लाला जगत नारायण राय एवं गणेश शंकर विद्यार्थी आदि खड़े रहे उसी प्रकार से मैं भी भू-माफिया के खिलाफ अपनी लेखनी के माध्यम से सच्चाई को सामने लाते रहेंगे।
जनपद भदोही, ग्राम सभा इटहरा के भू-माफिया के भूमि कब्जे करने के विरुद्ध ग्राम सभा व पीड़ित शारदा प्रसाद, दलित दिव्यांग मल्लू आदि की ओर से शिकायत होता रहा, लेकिन ये भू-माफिया अपने प्रभाव से अपने कृत्य को दबवाता रहा, स्पष्ट रूप से वर्तमान और पिछले प्रार्थना पत्रों में एवं भू-माफिया व इसके परिवार के विरुद्ध तत्कालीन ग्राम सभा ने मुकदमा दाखिल किया और बताया गया है कि आधार वर्ष खतौनी गायब है, इसके अलावा आकार पत्र 2,11,18,21,41,45, और चकबंदी के पूर्व 1980 रिकॉर्ड का मिलान कराया जाए तो दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो जाएगा। चकबंदी के अभिलेख इसका या इसके परिवार का व इसके अनाधिकृत विद्यालय का नाम अंकित नहीं है, जो वर्तमान में अंकित है, जाली, फर्जी व नुमाइशी है, इसी के आधार पर पीड़ितों ने अपने शिकायती प्रार्थना पत्रों में बताया है कि 1980 के पूर्व के कागजात और वर्तमान के कागजात एक किया जाये तो फर्जीवाड़ा का खुलासा अपने आप हो जाएगा, लेकिन इस सबके बावजूद जानबूझकर भू-माफिया को खुला संरक्षण देते हुए स्थानीय लेखपाल व कानूनगो द्वारा बिना पिछले कागजात का परिशिलन किए तथ्यों को छुपाते हुए, भू-माफिया के पक्ष में रिपोर्ट दे रहे हैं, जो सरासर ग़लत है, और पूरी तरह से फर्जी है।
ग्राम इटहरा, तहसील ज्ञानपुर, जनपद भदोही में दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले पूर्व लेखपाल भू माफिया माफिया सरगना गिरोह के सहयोगी शातिर अपराधी और उसके सहयोगी लेखपाल तथा कानूनगो के खिलाफ पिछले कई दिनों से विभिन्न चैनलों में एवं समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित हो रहे हैं। इसके अत्याचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा से जमीन इधर उधर करने की खबरें जब समाचार पत्रों में प्रकाशित होने लगी तो प्रशासन हरकत में आया और इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।
इस मामले को हाईलाइट करने के कारण वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ अब इस भू माफिया के गुर्गे सक्रिय हो गए हैं और यह उनकी निर्भीक लेखनी को दबाने के लिए तरह-तरह की कोशिश कर रहे हैं। जिसकी जनपद के सम्मानित लोग एवं पत्रकारों ने कड़ी निंदा की है। लोगों ने इस मामले में भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पत्रकार की जान माल की सुरक्षा किए जाने तथा भू माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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