भू-माफिया के कारनामे के खिलाफ शासन- प्रशासन ने लिया संज्ञान
भू-माफिया के कारनामों से क्षेत्र में हिंसक संघर्ष किया आशंका!
लड़ाई-झगड़ा, दंगा-फसाद, उपद्रव को बढ़ावा दे रहा है भू-माफिया!
किसानों की जमीनो में हेरा फेरी से लोगों में बढ़ रही है रंजिश!
दस बिस्सा जमीन का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा जमीन का मालिक?
सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाले भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग!
माफिया सरगना के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? यही है क्षेत्र में चर्चा का विषय!
भू-माफिया, पत्रकार को भी दिलवा रहा है धमकियां कार्रवाई की मांग!
संयम भारत संवाददाता
व्यूरो,भदोही। ज्ञानपुर तहसील में तैनात कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीन में हेरा फेरी करने वाला भू-माफिया रिटायर्ड लेखपाल की काली करतूतो के खिलाफ शासन प्रशासन के स्तर से जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन भू माफिया पूर्व लेखपाल एवं इसके सहयोगी और संरक्षक इस जांच को दबाने में लगे है। दस विस्वा जमीन के मलिको के पास बिना रजिस्ट्री, बैनामा के बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस जांच की तह तक जांच हुई तो सारे राज अपने आप सबके सामने आ जाएगा।
इस मामले की जो अधिकारी जांच कर रहे हैं। उनके बारे में पता चला है कि जिन काश्तकारों की जमीन के कागजातों में हेरा फेरी करते हुए उनकी जमीन माफियाओं को दे दी गई। इटहरा का भू माफिया पूर्व लेखपाल और इसके संरक्षक लेखपाल, कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील में समानांतर प्रशासन चल रहा है। दलित दिव्यांगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर ले रहा है। गरीबों की जमीन छीन ली जा रही है। जमीने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इधर से उधर की जा रही है। इन सब मामलों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर यह लोग साजिश रच रहे हैं।
इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि क्षेत्र के किसानों को भू माफिया पूर्व लेखपाल तथा इसके सहयोगी द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि वे लोग रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित रकम के बल पर ज्ञानपुर तहसील में आने वाले किसी भी अधिकारी को तुरंत पैसे के बल पर खरीद लेते हैं। फिर अधिकारी की मदद से मनमानी करते हैं। उनकी इस मनमानी के खिलाफ चाहे जितनी शिकायत कर लो। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करेगा। क्योंकि हम लोगों ने अधिकारी को खरीद रखा है। किसानों को इस तरह की धमकी दिए जाने के कारण शिकायतकर्ताओं में भारी दहशत व्याप्त हो गई है। भू माफिया पूर्व लेखपाल का तो यहां तक दावा है कि जो भी ज्ञानपुर तहसील में आता है। उसे वह रिश्वतखोरी के दम पर कमाए गए पैसे के बल पर खरीद लेता है और खरीदे हुए अधिकारी की मदद से उसके इशारे पर काम करने वाले लेखपाल और कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील में अंधेरगर्दी का राज चलाया जा रहा है।
भदोही जनपद के चर्चित माफिया के गिरोह से मिलकर यह लोग क्षेत्र में भयानक आतंक फैलाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है की तहसीलों में जो भूमाफियाओ की पुरानी एवं नई सूची है। उनके आधार पर जो एफ आई आर दर्ज हुई और भूमाफियाओं के खिलाफ जो कार्रवाई की गई। उसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी द्वारा मांगी गई है। लेकिन इस रिपोर्ट में जांच अधिकारी द्वारा हेरा फेरी किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इसीलिए अभी तक भू-माफिया द्वारा किया गया जमीन में हेरा फेरी के जरिए कब्जाई गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त किए जाने हेतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे काश्तकारों में भारी रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि रिटायर्ड लेखपाल व इसके सहयोगीयो के विरुद्ध जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी ज्ञानपुर तहसील में प्राप्त भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
ज्ञानपुर क्षेत्र के किसानों की मांग है कि बीसों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले पूर्व लेखपाल को भू माफिया की सूची में शामिल कर इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए तथा इसके सहयोगी व संरक्षक दोषी लोगों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। स्थानीय जनता का कहना है कि इन तीनों लोगों ने पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचा रखी है। किसानों की जमीन छीन ले रहे हैं। लोगों के साथ गुंडई कर रहे हैं। माफिया गिरोह के साथ मिलकर क्षेत्र में भय और आतंक फैलाए हुए हैं। इन लोगों की माफियागर्दी के कारण पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। दलित दिव्यांग की जमीन पर अवैध कब्जे की दर्जनों बार जिलाधिकारी से शिकायत की गई। लेकिन जांच अधिकारी द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। जो माफिया पहले कभी दस बिस्वा जमीन के मालिक थे। उनके पास बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस बिंदु पर जांच करने एवं अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने का जब तक अभियान नहीं चलेगा। तब तक ज्ञानपुर तहसील में स्वच्छ प्रशासन की स्थापना नहीं हो सकती। भू-माफिया रिटायर के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरीपरक कारनामों से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। दूसरी ओर भू-माफिया एवं इसके संरक्षक गिरोह से जुड़कर इधर की जमीन उधर कर रहे हैं। जिससे समाज में अशांति उत्पन्न हो रही है। लोगों में आपस में लड़ाई झगड़ा हो रहा है। इन लोगों की वजह से किसानों के बीच आपसी रंजिश बढ़ने के कारण खूनी संघर्ष तक की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगर इनके काले कारनामों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। तो क्षेत्र में कभी भी बहुत बड़ी पैमाने पर दंगा फसाद लड़ाई झगड़ा उपद्रव हो सकता है।
प्रशासन द्वारा इन आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी उनकी कार्यशैली पर अब आक्रोश व्यक्त करना शुरू कर दिया है।