दस बिस्वा का काश्तकार जालसाजी से बना बीसो बीघा जमीन का मालिक!
भू-माफिया के अवैध कब्जे वाली संपत्ति का खुलासा करने की मांग!
भू-माफिया के पिता के नाम की रजिस्ट्री सार्वजनिक करने की मांग!
योगीराज में भी गुमराह करने की कर रहा कोशिश!
रिटायर लेखपाल की काली करतूतो का होने लगा खुलासा!
सरकारी जमीन में अवैध रूप से संचालित कर रहा है शिक्षा व्यवसाय, रिटायर लेखपाल!
दोनों आंखों के दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है भू-माफिया रिटायर लेखपाल!
संयम भारत संवाददाता
व्यूरो, भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील में एक रिटायर लेखपाल माफिया के गिरोह के साथ मिलकर किसानों की सरकारी जमीनों पर धुंआधार कब्जा करके उस पर राजमहल, स्कूल, विद्यालय दुकान बनवा करके आनंद भोग रहा है और बाकी जमीनों पर ठाट से खेती कर रहा है। उसकी काली करतूतो के खिलाफ पीड़ितों ने जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री के यहां शिकायत कि दस बिस्वा का काश्तकार देखते ही देखते बीसों बीघा सरकारी एवं दलित की जमीन अवैध कब्जा करके मौज कर रहा है। पंचायत भवन, ग्राम समाज, कन्या पाठशाला, खेलकूद आदि जमीनों का फर्जी कागज तैयार करके अपने पिता के नाम से संस्था बनाकर दर्ज कर देने वाला रिटायर लेखपाल ने पूरे क्षेत्र में भारी आतंक फैला रखा है। बताया जाता है कि यह लेखपाल माफिया गिरोह से जुड़ा हुआ है और माफिया के आतंक के बल पर गरीबों की जमीनों पर कब्जा किया है। जो काश्तकार इसके कहने से जमीन नहीं देते। उन काश्तकारों को धमकाता है। उठवा लेने की धमकी देता है। इसी तरह से लोगों की जमीन पर कब्जा किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ रोजाना कह रहे हैं कि भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सरकारी जमीनों पर उनके अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। लेकिन यहां उलटी गंगा बहा रह है भू-माफिया
रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने ज्ञानपुर तहसील में जो भी इससे संबंधीत रिकार्ड यह अलग से बना रखा है। उस खाते में गरीब निर्बल लोगों की जमीन को चिन्हित करके फर्जी कागज तैयार कर खसरा खतौनी में नाम दर्ज करवा कर जमीनों को कब्जा करवा देता है। बीसों बीघा जमीन इसके पास कैसे आ गई? इसके पिता के पास दस विश्वा ही जमीन थी। कहां से इतना धन दौलत आई। इसलिए अगर जांच कराई जाए तो सारे मामले का पर्दाफास हो सकता है।
इसके अत्याचारों का जीता जाता नमूना यह है कि दोनों आंखें से दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा, शारदा प्रसाद आदि के जमीन में किसी रकबे में दूसरे का नाम दर्ज करवा दिया किसी रकबे को छोटा करवा दिया किसी रकबे में फर्जी मुकदमा करवा दिया है, और फर्जी तरीके से टाइपिंग कर करके सारी जमीन अपने पिता के नाम संस्था बनाकर उसमें दर्ज करवा दी। अब अपने अपने पिता आदि के नाम जमीन दर्ज करवाने के बाद सभी जमीनों पर इसने कब्जा कर लिया । कई ऐसी जमीनों पर भी इसने कब्जा कर दिया है। इसने पूरे ज्ञानपुर तहसील में भयानक आतंक फैला रखा है। इसके आतंकी की वजह से अधिकारी भी कोई जल्दी कार्रवाई नहीं करते।
रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों रुपए कमाने वाले इन भ्रष्ट लोगों ने पूरे ज्ञानपुर तहसील में अपना रैकेट फैला रखा है। इस रैकेट में बहुत से लोग शामिल है। इसी लिए सारे साक्षी होने के बावजूद इस रैकेट के खिलाफ कोई करवाई नहीं हो पा रही हैं। यह बड़े आश्चर्य की बात है। लोगों का यह भी कहना है कि जिलाधिकारी ने जब आदेश दे दिया है कि भू माफियाओं के कब्जे की जमीन से कब्जा हटाया जाए। तो फिर भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने जिन जमीनों पर कब्जा कर रखा है। उन जमीनों पर से कमला शंकर मिश्रा का कब्जा क्यों नहीं हटाया जा रहा है। इसने सरकारी जमीन पर कब्जा करके प्राइवेट स्कूल, कॉलेज, इंटर कॉलेज खोलकर अनैतिक कार्यों के जरिए कमाई करने में लगा है। शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को चकमा देते हुए इसने फर्जी मानता भी ले रखी है। विद्यालय के नाम से कोई जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के बावजूद जिसने फर्जी अभिलेख तैयार करके बिना विद्यालय के नाम से जमीन होने के बावजूद भी इसमें मान्यता ले ली। जो की शिक्षा विभाग के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी है ।