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भू-माफिया के खिलाफ शिकायत, कार्रवाई में देरी से आक्रोश

मुख्यमंत्री एवं डीएम के आदेश पर कोई असर नहीं! 

किसकी लापरवाही से भूमाफियाओं का गुंडाराज!

रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ कारवाई कब होगी?

पीड़ित लोगों के द्वारा भेजे जा चुके हैं दर्जनों शिकायती पत्र! 

दस बिस्वा का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा जमीन का मालिक?

संयम भारत संवाददाता

भदोही, ज्ञानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रयागराज गोरखपुर लखनऊ में बार-बार भूमाफियाओं के कब्जे से जमीन मुक्त कराए जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन इसका भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
ज्ञानपुर तहसील में रह चुका रिटायर्ड लेखपाल जो कि इस समय क्षेत्र का चर्चित भू-माफिया बन चुका है। उसने बीसों बीघा जमीन पर गुंडई के बल पर कब्जा कर रखा है। तहसील के रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके भोले भाले किसानों का नाम कटवाकर अपना नाम दर्ज करवा करके इसने किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। कमला शंकर मिश्रा की इस माफियागर्दी, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के द्वारा सहयोग करने वाले लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी के द्वारा पूरा गिरोह बनाकर ज्ञानपुर तहसील के प्रशासन को इन लोगों ने बंधक बना दिया है। भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी के द्वारा इन लोगों ने करोड रुपए की संपत्ति अर्जित की है और उस संपत्ति के बल पर पीड़ितों की शिकायत को दबाकर जनता के ऊपर भारी अन्याय कर रहे हैं।

इस भू-माफिया के खिलाफ शिकायत के बाद से ही मुख्यमंत्री ने प्रयागराज, गोरखपुर, और लखनऊ से निर्देश दिया था कि तत्काल भू-माफियाओं के कब्जे से अनाधिकृत जमीन मुक्त कराया जाय। लेकिन इटहरा के भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा से अभी तक कब्जा नहीं हटाया गया? कमला शंकर मिश्रा ने दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर फर्जी हलफनामा बनवाकर अवैध कब्जा कर दिया है। यही नहीं इसलिए पंचायत भवन, ग्राम समाज की सरकारी जमीन पर कब्जा करके वहां स्कूल खोल रखा है। उस स्कूल की एक बिल्डिंग पर इसमें चार-चार स्कूलों की मान्यता ले रखी है। इसकी अंधेरगर्दी की वजह से ज्ञानपुर तहसील में अपराधियों का गुंडाराज कायम हो गया है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने चार बार बैठक करके भू-माफियाओं से अनाधिकृत जमीन मुक्त कराया जाय। लेकिन इटहरा के भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा से अभी तक कब्जा नहीं हटाया गया? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असर एकदम कमजोर होता दिखाई दे रहा है। भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में माफियाओं के कब्जे से किसानों की जमीन कब मुक्त कराई जाएगी। सबसे बड़ा सवाल जनता के बीच चर्चा का यह विषय बना हुआ है।
इटहरा के भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ साक्ष्य सहित शिकायत प्रार्थना पत्र एस डी एम,डी एम, मंडलायुक्त, प्रमुख सचिव राजस्व, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री आदि को प्रार्थना पत्र भेजा गया। उस पर क्या कार्रवाई हुई? सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भू माफियाओं के कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त कराया जाने के दर्जनों बार आदेश दिए जा चुके हैं। बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। इसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। लोगों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री के द्वारा दिव्यांग दलित मल्लू को न्याय दिलाने का निर्देश दिया जा चुका है। जिलाधिकारी भदोही के द्वारा भी परगना अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया जा चुका है। तो आखिर वह कौन शख्स है? जिसके इशारे पर कार्रवाई नहीं हो रही है। माफिया कमला शंकर के खिलाफ मामलों की जांच कर कर उसके कब्जे से सरकारी जमीन क्यों नहीं खाली कराई जा रही है? कौन ऐसा प्रभावशाली व्यक्ति है? जो डीएम और मुख्यमंत्री से भी भारी हो गया है और उच्च अधिकारियों और मुख्यमंत्री के आदेश के खिलाफ कार्रवाई करके शासन प्रशासन की छवि खराब करने में लगा हुआ है। ज्ञानपुर तहसील प्रशासन किसी अज्ञात व्यक्ति के दबाव में आकर भू माफिया की मदद करने में लगा है। अब इसकी जांच होनी चाहिए। पीड़ित लोगों का कहना है कि अगर उन्हें शीघ्र ही नहीं मिला तो वे लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री कार्यालय के समय धरना प्रदर्शन आंदोलन करेंगे। लोगों का कहना है कि परगना अधिकारी ज्ञानपुर द्वारा इस मामले की जांच क्यों नहीं की जा रही है कि 10 बिस्वा जमीन का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा जमीन का मालिक ? कमला शंकर मिश्रा के पास जो जमीन है। उन जमीनों की पैमाइश कराकर उनके रिकॉर्ड की जांच की जाए तो इसके द्वारा अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीनों का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जाएगा और जो जमीनों का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जाएगा तो फिर इसके कब्जे से सरकारी और प्राइवेट जमीन खाली करना बहुत आसान हो जाएगा।

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