योगी जी की साख- जांच अधिकारी के हाथ
माफिया सरगना के गिरोह सक्रिय सदस्य भू-माफिया की अराजकता पर कब लगेगा अंकुश?
एडीएम न्यायिक की जांच पर टिकी लोगों की उम्मीदें!
भू माफिया के खिलाफ कब कार्रवाई करेगा जिला प्रशासन!
ग्राम सभा, सरकारी जमीनों पर से कब हटेगा अवैध कब्जा!
भू माफिया के कारनामों की हो रही है जांच!
एडीएम न्यायिक जांच,शिकायतकर्ताओं ने दिए प्रार्थना पत्र!
सरकार की प्रतिष्ठा बचाने की जिम्मेदारी डीएम पर!
भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा अब एडीएम के पास!
जेल में बंद माफिया सरगना के गुर्गे के खिलाफ जांच करेंगे एडीएम न्यायिक
भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा की जांच करने पहुंचे एडीएम न्यायिक, विजय नारायण सिंह !
पीड़ितों एवं शिकायतकर्ताओं को पूर्व में सूचना न मिलने से एडीएम न्यायिक को नहीं बता सके अपनी बात!
भू-माफिया के खिलाफ तत्कालीन ग्राम सभा ने 21 बीघा सरकारी जमीन के बाबत एसडीएम के यहां दाखिल हो चुका है मुकदमा!
पीड़ित दोनों आंख के दिव्यांग दलित मंल्लू के मुकदमे में मा.उच्च न्यायालय ने दिया है आदेश फिर भी स्थान जमीन है गायब?
दस बिस्सा का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा जमीन का मालिक?? यदि भू-माफिया से रजिस्ट्री, बैनामा, वसीयत मांग कर जांच हुई तो सारे राज अपने आप आ जाएंगे सामने!
1980 के पहले भू-माफिया कितने बीघे का काश्तकार था वर्तमान में इसके पास कैसे जमीन आई बहुत ही गंभीर जांच का विषय!
सरकारी जमीन पर एक ही कैंपस में अनेक विद्यालयों को कैसे मिला है मान्यता!
डीएम ने बनाई जांच कमेटी, पीड़ितों को न्याय की उम्मीद!
भू माफिया के खिलाफ जांच तेज अपर जिलाधिकारी पहुंचे इटहरा गांव!
एडीएम न्यायिक विजय नारायण सिंह भू-माफिया के हेराफेरी कारनामों जांच करने पहुंचे इटहरा गांव कार्रवाई तेज!
दूरभाष से एडीएम ने दी जानकारी, निष्पक्ष जांच करने का दिया आश्वासन भू-माफिया एवं उसके सहयोगियों में खलबली!
भू माफिया कमला शंकर मिश्रा की जांच तेज!
भू-माफिया के कारनामे के खिलाफ शासन- प्रशासन ने लिया संज्ञान…….
भू-माफिया अपने कारनामे को छिपाने लिए ले रहा है अनर्गल सहारा जांच शुरु!
भू-माफिया जांच अधिकारी का ध्यान भटकाने का कर रहा कोशिश!
जांच स्थल पर गांव वासियों के पहुंचने पर जांच अधिकारी जा चुके थे!
लड़ाई-झगड़ा, दंगा-फसाद, उपद्रव को बढ़ावा दे रहा है भू-माफिया!
किसानों की जमीनो में हेरा फेरी से लोगों में बढ़ रही है रंजिश!
दस बिस्सा जमीन का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा जमीन का मालिक?
सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाले भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरु!
भू-माफिया, पत्रकार को भी दिलवा रहा है धमकियां कार्रवाई शुरु!
संयम भारत संवाददाता
भदोही, ज्ञानपुर। पिछले दिनों भदोही जनपद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अधिकारियों की बैठक में भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। देखना है ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और माफियागर्दी करने वालों के खिलाफ कब करवाई होगी? लोगों का कहना है कि योगी की साख अब जांच अधिकारी के हाथों में है।
ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गुर्गे के खिलाफ जांच तेज हो गई है। लोगों को उम्मीद है कि जनता को न्याय मिलेगा।
ज्ञानपुर तहसील के चर्चित भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ जांच का प्रमुख बिंदु यह है कि ग्राम सभा की सरकारी जमीनों पर से भू माफिया अवैध कब्जा कब हटेगा? भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय भू माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामों की जांच शुरू हो गई है।
जांच का प्रमुख बिंदु यह है कि दो बिस्वा जमीन का काश्तकार देखते ही देखते कैसे पचासों बीघा जमीन का मालिक बन गया और उसने ग्राम सभा की जमीन, सरकारी स्कूल की जमीन, सार्वजनिक तालाब, बच्चों के खेल के मैदान आदि की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके सरकारी नियमों के विपरीत विद्यालय बनवा लिया है और एक ही विद्यालय भवन में चार-चार विद्यालयों की इसने मान्यता ले रखी है। इसके विद्यालय का निर्माण भी नियमों के विपरीत है। जिस जमीन की इसके स्कूल के नाम से रजिस्ट्री नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके उसने उन सरकारी जमीनों को अपने नाम से दर्ज करवा लिया है। जांच में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाए तो भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गुर्गे के काले कारनामों की पोल खुल जाएगी। लोगों की मांग है कि अपराधियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके सरकार सख्त कार्रवाई की जाए।
जांच शुरू होने से सरकार के प्रतिष्ठा दांव पर है। देखना है जिलाधिकारी सरकार की प्रतिष्ठा की रक्षा करेंगे या भूमाफियाओं का राज इसी तरह कायम रहेगा?
सैकड़ो किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके के गिरोह ने ज्ञानपुर तहसील के लोगों का जीना हराम कर दिया है। इन लोगों के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के चलते किसानों की जमीन छीनी जा रही है। सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। ग्राम पंचायत, ग्राम समाज, सार्वजनिक तालाब की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के रिश्ते तमाम माफियाओं से है। जिनमें विजय मिश्रा का नाम प्रमुख है। माफिया सरगना गिरोह के साथ मिलकर ये जनपद के किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा करता चला जा रहा है। इसके विरुद्ध की गई शिकायतों की जांच अब जिलाधिकारी द्वारा कराई जा रही है। देखना है जांच अधिकारी इस मामले में अब क्या करेंगे? पीड़ितों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा!
जनपद के ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गिरोह के सदस्यों के काले कारनामों की जांच के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी तो गठित कर दी है। अब देखना है कमेटी इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी? जिला प्रशासन द्वारा कमेटी बनाई जाने को लेकर पीड़ित पक्षों ने कहा है कि निष्पक्ष ढंग से कार्रवाई हुई तो भू माफिया और इसके गुर्गों के खिलाफ शीघ्र ही सख्त कार्रवाई होगी।
ज्ञानपुर तहसील में तैनात कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीन में हेरा फेरी करने वाला भू-माफिया की काली करतूतो के खिलाफ शासन प्रशासन के स्तर से जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन भू माफिया एवं इसके सहयोगी और संरक्षक इस जांच को दबाने में लगे है। दस विस्वा जमीन के मलिको के पास बिना रजिस्ट्री, बैनामा के बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस जांच की तह तक जांच हुई तो सारे राज अपने आप सबके सामने आ जाएगा।
इस मामले की जो अधिकारी जांच कर रहे हैं। उनके बारे में पता चला है कि जिन काश्तकारों की जमीन के कागजातों में हेरा फेरी करते हुए उनकी जमीन माफियाओं को दे दी गई। इटहरा का भू माफिया और इसके सहयोगी ज्ञानपुर तहसील में समानांतर प्रशासन चला रहे है। ग्राम समाज, पी डब्लू डी दलित दिव्यांगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। गरीबों की जमीन छीन ली जा रही है। जमीने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इधर से उधर की जा रही है। इन सब मामलों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर यह लोग साजिश रच रहे हैं।
इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि क्षेत्र के किसानों को भू माफिया तथा इसके सहयोगी द्वारा यह धमकी दी जा रही है कि वे लोग रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित रकम के बल पर ज्ञानपुर तहसील में आने वाले किसी भी अधिकारी को तुरंत पैसे के बल पर खरीद लेते हैं। फिर अधिकारी की मदद से मनमानी करते हैं। उनकी इस मनमानी के खिलाफ चाहे जितनी शिकायत कर लो। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करेगा। क्योंकि हम लोगों ने अधिकारी को खरीद रखा है। किसानों को इस तरह की धमकी दिए जाने के कारण शिकायतकर्ताओं में भारी दहशत व्याप्त हो गई है। भू माफिया का तो यहां तक दावा है कि जो भी ज्ञानपुर तहसील में आता है। उसे वह रिश्वतखोरी के दम पर कमाए गए पैसे के बल पर खरीद लेता है और खरीदे हुए अधिकारी की मदद से उसके इशारे पर काम करने वाले के मदद से ज्ञानपुर तहसील में अंधेरगर्दी का राज चलाया जा रहा है।
भदोही जनपद के चर्चित माफिया के गिरोह से मिलकर यह लोग क्षेत्र में भयानक आतंक फैलाए हुए हैं।
अभी तक भू-माफिया द्वारा किया गया जमीन में हेरा फेरी के जरिए कब्जाई गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त किए जाने हेतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे काश्तकारों में भारी रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि इसके सहयोगीयो के विरुद्ध जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी ज्ञानपुर तहसील में प्राप्त भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
ज्ञानपुर क्षेत्र के किसानों की मांग है कि बीसों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले पूर्व लेखपाल को भू माफिया की सूची में शामिल कर इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए तथा इसके सहयोगी व संरक्षक दोषी लोगों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। स्थानीय जनता का कहना है कि इन तीनों लोगों ने पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचा रखी है। किसानों की जमीन छीन ले रहे हैं। लोगों के साथ गुंडई कर रहे हैं। माफिया गिरोह के साथ मिलकर क्षेत्र में भय और आतंक फैलाए हुए हैं। इन लोगों की माफियागर्दी के कारण पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। दलित दिव्यांग की जमीन पर अवैध कब्जे की दर्जनों बार जिलाधिकारी से शिकायत की गई। लेकिन जांच अधिकारी द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। जो माफिया पहले कभी दस बिस्वा जमीन के मालिक थे। उनके पास बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस बिंदु पर जांच करने एवं अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने का जब तक अभियान नहीं चलेगा। तब तक ज्ञानपुर तहसील में स्वच्छ प्रशासन की स्थापना नहीं हो सकती। भू-माफिया के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी परक कारनामों से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। दूसरी ओर भू-माफिया एवं इसके संरक्षक गिरोह से जुड़कर इधर की जमीन उधर कर रहे हैं। जिससे समाज में अशांति उत्पन्न हो रही है। लोगों में आपस में लड़ाई झगड़ा हो रहा है। इन लोगों की वजह से किसानों के बीच आपसी रंजिश बढ़ने के कारण खूनी संघर्ष तक की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगर इनके काले कारनामों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। तो क्षेत्र में कभी भी बहुत बड़ी पैमाने पर दंगा फसाद लड़ाई झगड़ा उपद्रव हो सकता है।
प्रशासन द्वारा इन आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी उनकी कार्यशैली पर अब आक्रोश व्यक्त करना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने कमेटी तो गठित कर दी है। अब देखना है परिणाम क्या होगा?