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सरकारी जमीनों पर भूमाफिया का अवैध कब्जा

भूमाफिया का घोटाला,मिलीभगत, लूटखसोट खुलासा पार्ट-1

 

राजस्व विभाग के कई जिम्मेदार भी निशाने पर!

 

करोङों करोड़ की कीमती सरकारी जमीन पर

भू-माफिया का अवैधानिक कब्जा!

 

बड़े स्तर पर चल रहा है भू-माफिया खेल है!

 

संयम भारत संवाददाता

 

 

व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। जब उ.प्र. शासन द्वारा निर्गत शासनादेश दिनांक 16.07.1975 से ग्राम सभा की भूमि को प्राईवेट विद्यालयों को आवंटित करने से मना कर दिया गया एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मिठाईलाल दुबे बनाम जिलाधिकारी भदोही व अन्य 2001आर.एल.टी.224 तथा 1995 आर.डी. 475 में वर्णित है ग्राम सभा/ग्राम पंचायत इटहरा की भूमि किस आधार पर भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के पिता के नाम से संचालित अवैधानिक विद्यालयों के नाम से कैसे हुई सरकारी जमीन,

तहसील ज्ञानपुर के इटहरा में पी डब्लू डी, पावर हाउस, आदि बीसों बीघा जमीन कब्जा करके उस पर स्कूल, माल, दुकान, घर बनवा कर भू-माफिया ऐसोआराम कर रहा है, और बची हुई जमीनों पर खेती कर रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब गांव में चकबंदी हुई और लोगों को जानकारी कि जब भू-माफिया दस विश्वा काश्तकार था तो इसके पास इतनी जमीन कैसे आई?

जिस पर तत्तकालीन ग्राम प्रधान द्वारा (21) एकईस बीघा जमीन कब्जा करने वाले भू-माफिया के खिलाफ एसडीएम ज्ञानपुर के यहां मुकदमा नंबर 20 सन् 2010_2011दाखिल किया जिसपर पर एसडीएम ने स्थगन आदेश पारित किया और इसी पर जिलाधिकारी ने भी अवैध निर्माण को रुकवाने आदेश दिया गया है।

 

अब आते हैं भू-माफिया के खनक में कितनी दम होती है…

ज्ञानपुर एसडीएम के स्थगन आदेश को धता बताते हुए राज्य सरकार में निहित भूमि को तत्कालीन एसडीएम ज्ञानपुर ने ग्राम सभा की ओर से दाखिल मुकदमा में स्टे कर दिया था। उसपर जिलाधिकारी ने भी भू-माफिया द्वारा कराया जा रहा अवैध निर्माण को रुकवाने का आदेश दिया था। लेकिन भू-माफिया ने डीएम, एसडीएम के आदेश को ताक पर रख बीसों बीघा सरकारी जमीनों पर कब्जा कर लिया और निर्माण भी करा लिया।

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा कारनामा यही नहीं रुका। इसने गांव के ही दोनों आंख के दिव्यांग की जमीन को उप संचालक चकबंदी (डी.डी.सी.) के यहां अपने भाई से पहला शपथ पत्र यह कि यह जमीन मुझे दान में मिली है। फिर इसी में दूसरा झूठा शपथपत्र यह दिया कि मनबोध से हमारा सुलहनामा हुआ है। इसी में तीसरा शपथपत्र दिया है कि मनबोध चमार नहीं है। बल्कि मनबोध पासी है। कह कर दोनों आंख के दिव्यांग दलित मल्लू कि जमीन को जमीन को हड़प ली है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया है उसके बावजूद उस स्थान कि नवईयत बदल दी है।

उक्त भू-माफिया के हेराफेरी के खेल कि जानकारी मिलने पर तत्तकालीन ग्राम सभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ कि ग्राम सभा इटहरा में मनबोध चमार के अलावा इस नाम का कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है।

पूरी कहानी बहुत जल्द…कई जिम्मेदार की संलिप्तता भी आएगी सामने।

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