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भू-माफिया जांच प्रभावित करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड का ले रहा है सहारा, कार्रवाई की मांग

भू-माफिया के खिलाफ जांच शुरू होते ही पावर हाउस, के लिए आरक्षित सरकारी जमीनों का मामला भी आया सामने

जेल बंद माफिया सरगना एवं भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा के रिश्ते हुए जग जाहिर!

भू-माफिया के कारनामे को 1980 के पहले और आज के रिकॉर्ड कू मिलान करके जांच किया गया तो इसके हेरा फेरी के खेल का पता अपने आप चल जाएगा!

संयम भारत संवाददाता

व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय शातिर भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ शासन-प्रशासन स्तर पर बड़े जोर-जोर से कार्रवाई हो रही है। सूत्रों से जानकारी मिली है की भू-माफिया अपनी नाजायज हरकतों से एवं गुंडई, भ्रष्टाचार, दबंगई के बल पर इसने बिजली विभाग पावर हाउस को लगने नहीं दे रहा है लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग द्वारा पावर हाउस पास है लेकिन भू-माफिया लगने नहीं दे रहा है, लोगों का कहना है कि ग्राम समाज, पी डब्लू डब्लू डी, आदि किसानों के साथ इस पर भी भू-माफिया अनधिकृत रूप से कब्जा कर लिया है। इससे ऐसा लगता है कि इसके लिए कानून बना ही नहीं है। इसी तरह पी डब्लू डी, ग्राम समाज आदि कि जमीनों पर कब्जा करके बेखौफ होकर अपने कारनामों को अंजाम देने में जुटा हुआ है।
छानबीन करने पर पता चला है कि ग्राम इटहरा, ज्ञानपुर तहसील में बिजली विभाग के द्वारा पावर हाउस स्थापित किए जाने के लिए सरकारी जमीन चिन्हित की गई थी। जिस जमीन पर पावर हाउस बनना था। लेकिन ज्ञानपुर तहसील के सरकारी रिकॉर्डों में हेरा फेरी करके इसने बिजली विभाग के पावर हाउस की जमीन अपने संस्था के नाम दर्ज करवा दी,अब यह भू माफिया कमला शंकर मिश्रा अपने गुर्गे लेखपाल और कानूनगो की मदद से पावर हाउस लगने नहीं दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि इसके विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उसके बावजूद ये अपराधी बेखौफ होकर दाऊद इब्राहिम और तमाम शातिर अपराधी गिरोहों की तरह झोला लेकर घूम रहा है।
भू-माफिया उसी गांव के ही दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध कब्जा करने के बाद इसने कई किसानों की कई बीघा भूमि पर अवैध कब्जा करके वहां व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहा है। एक ही पते से चार-चार विद्यालयों की मान्यता ले रखी है। ग्राम समाज, पंचायत भवन, सार्वजनिक तालाब पी डब्लू डी की जमीनों पर कब्जा करने के बाद अब इसने बिजली विभाग की जमीन पर भी कब्जा कर लिया। जिसकी वजह से लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि भू माफिया कमला शंकर मिश्रा जेल बंद माफिया सरगना गिरोह का सक्रिय सदस्य है और गिरोह के साथ मिलकर भोले भाले लोगों की जमीनों पर कब्जा करना इसका पेशा है। इसके लिए यह लेखपाल और कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील के सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके लोगों की जमीन पर अपना नाम दर्ज करवाकर उस पर यह कब्जा कर लेता है।
भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील में सक्रिय भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गिरोह के सदस्य हल्का लेखपाल और कानूनगो के काले कारनामों की जांच के लिए शासन प्रशासन की ओर से जांच कार्रवाई शुरु है। अब देखना है जांच इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी? प्रशासन के जांच कार्रवाई को लेकर पीड़ित पक्षों ने कहा है कि निष्पक्ष ढंग से जांच हुई तो भू माफिया और इसके गुर्गों के खिलाफ शीघ्र ही सख्त कार्रवाई होगी।
ज्ञानपुर तहसील में तैनात कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किसानों की जमीन में हेरा फेरी करने वाला भू-माफिया की काली करतूतो के खिलाफ शासन प्रशासन के स्तर से जांच तो शुरू हो गई है। लेकिन भू माफिया एवं इसके सहयोगी और संरक्षक इस जांच को दबाने में लगे है। दस विस्वा जमीन के मलिको के पास बिना रजिस्ट्री, बैनामा के बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस जांच की तह तक जांच हुई तो सारे राज अपने आप सबके सामने आ जाएगा। इसी लिए शिकायतकर्ताओं ने अपने प्रार्थना पत्र में लिख कर दे रहे है कि 1980 के पहले और आज के रिकॉर्ड का मिलान करके जांच हो, भू-माफिया के हेरा फेरी का खेल अपने आप सबके सामने आजायगा।
पता चला है कि इस मामले की जो अधिकारी जांच कर रहे हैं। उनके आगे पीछे भू-माफिया एवं इसके सहयोगी चरण बंधन में लगे हुए हैं।
भू माफिया और इसके सहयोगी हल्का लेखपाल, कानूनगो मिलकर ज्ञानपुर तहसील के समानांतर प्रशासन चला रहा है। दलित दिव्यांगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। गरीबों की जमीन छीन ली है। जमीने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इधर से उधर की जा रही है। इन सब मामलों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर यह लोग साजिश रच रहे हैं।
इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि शिकायतकर्ताओं को भू माफिया तथा इसके सहयोगी द्वारा यह धमकी दी जा रही है और उनके द्वारा कहा यह जा रहा कि हम लोग जो चाहेंगे वही होगा, उनकी इस मनमानी के खिलाफ चाहे जितनी शिकायत कर लो। प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करेगा। इनके इस तरह की धमकी दिए जाने के कारण शिकायतकर्ताओं में भारी दहशत व्याप्त हो गई है। भू-माफिया का तो यहां तक दावा है कि जो भी ज्ञानपुर तहसील में आता है। उसे वह रिश्वतखोरी के दम पर कमाए गए पैसे के बल पर खरीद लेता है और खरीदे हुए अधिकारी की मदद से उसके इशारे पर काम करने वाले लेखपाल और कानूनगो की मदद से ज्ञानपुर तहसील में अंधेरगर्दी का राज चलाया जा रहा है।
भदोही जनपद के चर्चित माफिया के गिरोह से मिलकर यह लोग क्षेत्र में भयानक आतंक फैलाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है की तहसीलों में जो भूमाफियाओ की पुरानी एवं नई सूची है। उनके आधार पर जो एफ आई आर दर्ज हुई और भूमाफियाओं के खिलाफ जो कार्रवाई की गई। उस रिपोर्ट जिलाधिकारी द्वारा मांगी गई है।
इसीलिए अभी तक भू-माफिया द्वारा किया गया जमीन में हेरा फेरी के जरिए कब्जाई गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त किए जाने हेतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे काश्तकारों में भारी रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि भू-माफिया व इसके सहयोगीयो के विरुद्ध जब तक सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
ज्ञानपुर क्षेत्र के किसानों की मांग है कि बीसों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले को भू-माफिया की सूची में शामिल कर इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए तथा इसके सहयोगी व संरक्षक दोषी लोगों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। स्थानीय जनता का कहना है कि इन तीनों लोगों ने पूरे क्षेत्र में भयंकर तबाही मचा रखी है। किसानों की जमीन छीन ले रहे हैं। लोगों के साथ गुंडई कर रहे हैं। माफिया सरगना गिरोह के साथ मिलकर क्षेत्र में भय और आतंक फैलाए हुए हैं। इन लोगों की माफियागर्दी के कारण पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। दलित दिव्यांग की जमीन पर अवैध कब्जे की दर्जनों बार जिलाधिकारी से शिकायत की गई। लेकिन जांच अधिकारी द्वारा इस मामले को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। जो माफिया पहले कभी दस बिस्वा जमीन के मालिक थे। उनके पास बीसों बीघा जमीन कैसे आ गई? इस बिंदु पर जांच करने एवं अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने का जब तक अभियान नहीं चलेगा। तब तक ज्ञानपुर तहसील में स्वच्छ प्रशासन की स्थापना नहीं हो सकती। भू-माफिया के भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी परक कारनामों से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। दूसरी ओर भू-माफिया एवं इसके संरक्षक गिरोह से जुड़कर इधर की जमीन उधर कर रहे हैं। जिससे समाज में अशांति उत्पन्न हो रही है। लोगों में आपस में लड़ाई झगड़ा हो रहा है। इन लोगों की वजह से किसानों के बीच आपसी रंजिश बढ़ने के कारण खूनी संघर्ष तक की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगर इनके काले कारनामों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। तो क्षेत्र में कभी भी बहुत बड़ी पैमाने पर दंगा फसाद लड़ाई झगड़ा उपद्रव हो सकता है।
यहां लोगों का यह भी कहना है कि जब तक शिकायतकर्ताओं द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखें अनुसार 1980 के पहले और आज के रिकॉर्ड को मिलान करके जांच होगी तो भू-माफिया के हेरा फेरी का खेल अपने आप सबके सामने आजायगा।
प्रशासन द्वारा इन आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी उनकी कार्यशैली पर अब आक्रोश व्यक्त करना शुरू कर दिया है। प्रशासन की जांच में अब देखना है परिणाम क्या होगा?

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