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भू माफिया पर कार्रवाई के लिए सरकार ने बनाया सख्त नियम!

अब सीधे एसडीएम स्तर से होगी कार्रवाई! 

लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों द्वारा मामले को टालने, रिश्वतखोरी को रोकने की मुहिम!

पूर्व लेखपाल भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग!

दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर से कब हटेगा अवैध कब्जा!

संयम भारत संवाददाता

व्यूरो,भदोही /ज्ञानपुर। योगी सरकार ने भू माफियाओं के खिलाफ बहुत बड़ा फैसला लेते हुए उप जिलाधिकारी को पहले से अधिक अधिकार दिए हैं।
इस निर्णय के तहत अब माफियाओं पर कार्रवाई का पावर उपजिलाधिकारी को राजस्व परिषद ने अधिकृत कर दिया है और पहले से कड़े सख्त नियम बना दिए गए हैं।
लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों पर मामले को टालने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए अब उप जिला अधिकारियों के स्तर से सीधे कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस निर्णय से उन किसानों को लाभ होगा जिनकी जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है।
ज्ञानपुर तहसील के रिटायर लेखपाल भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और वहां पर तैनात लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध दर्जनों शिकायती पत्र मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को दिए जा चुके हैं। दिव्यांग दलित मल्लू तथा अन्य पीड़ित किसानों को अभी तक न्याय नहीं मिलने के कारण जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस मामले की खबर छपने वाले पत्रकार को धमकी दे जाने के मामले को लेकर हर जगह हलचल बच गई है। किसी पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमले की कोई दूसरी घटना न होने पाए। इसके लिए दोषी लेखपालों और रिटायर लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीड़ितों एवं पत्रकारों सामाजिक लोगों ने मांग की है । लोगों की जमीन हड़पने ग्राम समाज पंचायत भवन सार्वजनिक तालाब की जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहा कर चुके भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के गिरोह में इस मामले को लेकर हड़कंप मच गया है। कमला शंकर मिश्रा के बारे में बताया जाता है कि यह जेल में बंद माफिया सरगना के गिरोह के लिए काम करता है। उसी के इशारे पर लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा करना इसका बहुत पुराना पेशा है। पहले यह दस बिस्वा जमीन का मालिक था। अब बीसों बीघा जमीन का मालिक बन चुका है और अभी भी लोगों की जमीन कब्जा करने में लगा है।
राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई के लिए और सख्त नियम बनाए हैं। लेखपालों व राजनिरीक्षकों पर मामले को टालने की जगह अब उप जिलाधिकारियों के स्तर से सीधे कार्रवाई की जाएगी।
भू माफिया पर कार्रवाई के लिए आवश्यक नियम बना दिए गए हैं। अब सीधे कार्रवाई होगी। इस बारे में राजस्व परिषद ने कई फैसले भू-माफिया के खिलाफ लिए हैं।भू-माफिया पर कार्रवाई के लिए और राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई के लिए और सख्त नियम बनाए हैं। लेखपालों व राजनिरीक्षकों पर मामले को टालने की जगह अब उप जिलाधिकारियों के स्तर से सीधे कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई को लेकर पूर्व में निर्देश जारी किया गया था। इसमें अब संशोधन कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद कार्रवाई करने के लिए अब स्वतः एसडीएम के लॉगिन पर यह प्रदर्शित होने लगेगी। शिकायत सीधे प्राप्त होने पर इसे सीधे पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा भी दे दी गई है। शिकायत पर कार्रवाई की सूचना राजस्व विभाग, पुलिस विभाग द्वारा लगातार की जा रही है। इसके लिए तीन चरण बनाए गए हैं।
डीएम व एसडीएम, पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक, मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और शासन व राजस्व परिषद व प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक। एंटी भूमाफिया पोर्टल में शिकायतें आठ श्रेणियों में दर्ज की जाएंगी। शासकीय या सार्वजनिक उपक्रम की भूमि पर कब्जे संबंधी, चकरोड, तालाब, खलिहान, चारागाह, निजी आवासीय भूमि, फर्जी बैनामे के आधार पर नामांतरण संबंधी, कृषि भूमि के पट्टे की भूमियों पर कब्जे संबंधी, आबादी क्षेत्र पानी निकास व सार्वजनिक, निजी भूमि पर अन्य भूमिधर व सहखातेदारों और अन्य शिकायतें में इसे दर्ज किया जा सकता है। एसडीएम अवैध कब्जा भूमि संदर्भकी सूची के आधार पर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगा।

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