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दोनों आंख के दिव्यांग दलित मल्लू की कहानी उनके जुबानी!

भगवान ने आंखें छीन ली, लेखपाल ने धोखे से छीन ली जमीन   

रिटायर्ड लेखपाल बना हैवान! खतरे में शिकायतकर्ताओं एवं पत्रकारों की जान!  

झूठा हलफनामा लगाकर हड़प ली दलित की जमीन! 

पहले जमीन हड़पी, अब दे रहा है जान से मारने की धमकी! 

माफिया सरगना का गिरोह को चला रहा है रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा! 

संयम भारत संवाददाता 

व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर तहसील में तैनात रहे एक पूर्व लेखपाल ने हैवानियत की सारी हदों को पार करते हुए इंसानियत और मानवता की कब्र खोद दी। दोनों आंखों से लाचार दलित मल्लू की खेती योग्य जमीन को हड़प ली भू माफिया बन चुका रिटायर लेखपाल अब उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है।
ज्ञानपुर तहसील में तैनात रहा पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। हैवानियत की सारी हदों को पार करते हुए इसने दलित मल्लू की कीमती जमीन हड़प ली। जमीन हड़प लिए जाने के कारण वह बेचारा दर दर की ठोकरे खा रहा है और यह रिटायर लेखपाल भू माफिया सरगना कमला शंकर मिश्रा, उसका भाई भतीजे दलित और अन्य किसानों की कीमती जमीन हड़पकर मौज कर रहे हैं।
भू माफिया ज्ञानपुर ही नहीं पूरे भदोही जनपद में भारी आतंक फैला रखा है। इस संबंध में आज पीड़ित दोनों आंखों से अंधे लाचार दलित मल्लू ने पत्र भेज कर भदोही जनपद के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से इस भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और उसके गुर्गे लेखपाल कानूनगो आदि इसके गिरोह के अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अधिकारियों को भेजे गए पत्र में असहाय दोनों आंखों से अंधे एवं लाचार हरिजन दलित ने गांव के ही पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा एवं बाप भाई द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के संबंध में कहा है कि गांव में उसकी जमीन पर पूर्व रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने अवैध कब्जा कर लिया है।
डीएम और एसपी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि इन लोगों ने फर्जी कागज तैयार करवाए। फिर झूठा हलफनामा देकर जमीन हड़प ली। शिकायती पत्र में कहा गया है कि जंगीगंज धन तुलसी मार्ग पर उसके बाबा मनबोध पुत्र माता बदल के नाम से सड़क के किनारे लगभग एक बीघा जमीन है। इस जमीन के अलावा उसके पास जीविकोपार्जन का कोई दूसरा साधन नहीं है। उसकी सड़क पर जमीन होने के कारण वह बहुत ही मूल्यवान है। इसलिए उक्त लेखपाल ने अपने सगे भाई से पहले डीडीसी कार्यालय में यह शपथ पत्र दिलवाया कि वह जमीन मुझे दान में मिली है। फिर इसी के द्वारा झूठा शपथ पत्र यह दिया गया कि मनबोध और हमारा सुलह हुआ है। तीसरा शपथ पत्र यह दिया है कि मनबोध चमार नहीं है। बल्कि मनबोध पासी जाति का है। इस तरह से फर्जी कागजात फर्जी हलफ़नामा, तहसील के रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके इन लोगों ने मेरी जमीन हड़प ली है।
शिकायती पत्र में कहा गया है कि इसी तरह ग्राम समाज की बीसों बीघा जमीन इस रिटायर्ड लेखपाल, इसके सगे भाई, माता-पिता और परिवार के लोगों ने मिलकर अपने नाम से दर्ज करवा दिया है। जबकि ग्राम समाज की जमीन व्यक्तिगत संस्था या किसी व्यक्ति को नहीं दी जा सकती। यही नहीं लोगों ने फर्जी कागजात तैयार करके गांव समाज की जमीनों पर फर्जी इंद्राज और खसरा खतौनी में नाम भी दर्ज करवा दिया। इस तरह से फर्जीवाड़ा करके लोगों ने करोड़ों रुपए की कीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है।
शिकायती पत्र में कहा गया है कि पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ज्ञानपुर तहसील में कई वर्षों तक कार्यरत रहा। अपने कार्यकाल के दौरान इसी तरह से हेरा फेरी करके दूसरे किसानों की जमीन इसने अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम लिखवा ली है। उन जमीनों पर यह खेती कर रहा है। पैसा कमा रहा है और जिन लोगों की इसने जमीन छीनी। वे बेचारे शिकायती पत्र देकर इधर से उधर घूम रहे हैं।
पिछले दिनों जिलाधिकारी भदोही के यहां बैठक भी हुई थी। उस बैठक में यह आदेश दिया गया कि भूमाफियाओं के कब्जे से सरकारी एवं किसानों की जमीन खाली कराई जाए। शिकायती पत्र दिए जाने के बावजूद रिटायर लेखपाल भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के कब्जे वाली जमीन अभी तक खाली नहीं कराई गई। जबकि सन 2009 से लगातार इसके विरुद्ध शिकायती पत्र भेजे जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि इसमें भदोही के जिलाधिकारी और परगना अधिकारी को गुमराह किया जा रहा है। शायद इसी वजह से पीड़ित लोगों के शिकायती पत्रों पर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। दोनों आंखों से दिव्यांग दलित मल्लू ने उच्च अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि यदि उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष जाकर धरना देगा और जब तक कार्रवाई नहीं होगी धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। क्रमशः जारी का शेष कल…

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