रिटायर्ड लेखपाल के खिलाफ दर्जनों शिकायतों के बाद भी कार्रवाई में हो देरी से जनता में आक्रोश
मुख्यमंत्री के आदेश का पालन क्यों नहीं हो पा रहा हैं ?
1980 के पहले के भूमि रिकॉर्ड की जांच जरूरी!
संयम भारत संवाददाता
व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। ज्ञानपुर तहसील के चर्चित भू माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के विरुद्ध दर्जनों शिकायती पत्र भेजे जा चुके हैं। लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? इसे लेकर तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए जाने के बावजूद ज्ञानपुर तहसील में भूमाफियाओं का आतंक राज पहले से और अधिक भयानक ढंग से कायम होता जा रहा है। क्षेत्र के रिटायर्ड लेखपाल कमला शंकर मिश्रा और उसके सहयोगी के गिरोह ने ज्ञानपुर तहसील में भारी आतंक फैला रखा है। यह लोग जिस काश्तकार की जमीन चाहते हैं। सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके उसकी जमीन पर कब्जा कर लेते हैं। अनेक किसानों की जमीनों पर इस गिरोह के लोगों ने कब्जा कर लिया है। लेकिन तहसील प्रशासन द्वारा इस भू माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय जनता का कहना है कि रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा प्रदेश के चर्चित माफिया सरगना के गिरोह का सक्रिय सदस्य है।
पहले इसके पास मात्र दस विश्वा जमीन थी। आज बीसों बीघा जमीन का यह मालिक बन चुका है। जब से माफिया सरगना गिरोह के लोगों के साथ होने से किसानों की जमीन पर कब्जा करके काले धन का बहुत बड़ा साम्राज्य बना रखा है और उस काले धन के बल पर सबको अपने इशारे पर नचा रहा है।
क्षेत्र के दिव्यांग दलित मल्लू के नाम से इन लोगों ने फर्जी हलफ़नामा बनवाकर के बेचारे गरीब की जमीन पर कब्जा कर लिया। इस अवैध कब्जे की शिकायत मुख्यमंत्री, डीएम एवं एसडीएम से की गई लेकिन यह लोग शिकायती पत्रों पर कार्रवाई करने के बजाय निष्पक्ष जांच कर ही नहीं रहे हैं और न ही जमीनों का पुराना रिकॉर्ड निकलवा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि सन 1980 के पहले के भू राजस्व एवं भूमि रिकॉर्ड का पूरा खसरा खतौनी जमा करके उसकी जांच की जाए तो अपने आप यह प्रमाणित हो जाएगा की भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने किस तरह से अपने सहयोगीयो की मदद से कितने लोगों की जमीन इधर से उधर कर दी। इस गिरोह के लोग बड़े शातिराना अंदाज में काम करते हैं। पहले यह सीधे-साधे किसानों को चिन्हित करते हैं। उन किसानों की जमीन को चिन्हित करने के बाद तहसील में फर्जी रिकॉर्ड तैयार करवाते हैं और फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने के बाद अपने गुंडो की मदद से भोले भाले किसानों की जमीन पर कब्जा कर देते हैं। कोई इनका विरोध करता है। तो उसे जान से मारने की धमकी देते हैं। डरा धमकाकर उसे शिकायत करने से रोकते हैं।
ज्ञानपुर तहसील में दिव्यांग दलित मल्लू का मामला पिछले कई वर्षों से चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकार एक तरफ तो कहती है कि गरीबों को न्याय मिलेगा। लेकिन दिव्यांग दलित मल्लू को कब न्याय मिलेगा? इसे बताने वाला कोई नहीं है! जिलाधिकारी भदोही के यहां स्वयं मिलकर दिव्यांग दलित मल्लू ने कई बार शिकायती पत्र दिया और सारे साक्ष्य भी उसने अधिकारियों को दिए हैं। लेकिन अभी तक भू-माफिया के कब्जे से ना तो सरकारी जमीन खाली कराई गई और नहीं दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर जो पूर्व लेखपाल ने कब्जा कर रखा है। उसके कब्जे को हटाया गया। लोगों का कहना है कि लोगों की जमीनों पर जो रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके अवैध कब्जा किया गया है। उस कब्जे को लेकर भू माफिया की जमीन के 1980 के पहले के रिकॉर्ड का और आज का रिकॉर्ड का मिलान कर लिया जाए तो अपने आप इस फर्जी वाडे का खुलासा हो जाएगा।
यही नहीं कमला शंकर मिश्रा ने ग्राम समाज पंचायत भवन और सार्वजनिक चक मार्गों की जमीन पर अवैध कब्जा करके बहुत बड़ी बिल्डिंग बनवा दी है। इस बिल्डिंग के पते से चार-चार विद्यालयों की इसलिए मान्यता ले रखी है। जिन विद्यालयों की इसने मान्यता ली है। उन विद्यालयोंके नाम से जमीन की रजिस्ट्री होनी चाहिए। लेकिन किसी भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं है। इसने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ फर्जीवाड़ा करते हुए गलत तरीके से मान्यता भी ले रखी है। इसके वजह से ज्ञानपुर तहसील भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। यहां भ्रष्टाचार के जरिए लोगों की जमीन इधर से उधर कर दी जा रही है। ज्ञानपुर तहसील प्रशासन को इन सब घटनाओं से कई बार अवगत कराया गया। लेकिन अभी तक भू-माफिया कमला शंकर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से लोगों का तहसील प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है। लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी भदोही द्वारा इस मामले में जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे। तब तक पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिल सकेगा। पीड़ित जनों का कहना है कि अगर उन्हें शीघ्र ही न्याय नहीं मिला तो वे लोग मुख्यमंत्री आवास के समक्ष जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे। भू माफिया कमला शंकर मिश्रा और इसके सहयोगी के भ्रष्टाचार परक कारनामों की वजह से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। योगी एक ओर भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दे रहे हैं। लेकिन उनके निर्देश का ज्ञानपुर तहसील में पालन नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के विपरीत ज्ञानपुर तहसील में माफिया सरगना कमला शंकर मिश्रा का राज चल रहा है। यह जो चाहता है तहसील में वही काम होता है। लोगों की जमीन इधर से उधर कर देना, फिर उस पर कब्जा कर लेना इसके लिए बाएं हाथ का खेल है। इसके चलते जनता में हाहाकार मचा हुआ है। लोग परेशान है। क्षेत्र के लोग बहुत दुखी हैं। लेकिन रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ परगना अधिकारी ज्ञानपुर द्वारा कोई सार्थक कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण ज्ञानपुर तहसील में अपराधियों का गुंडाराज कायम हो गया है।