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इटहरा के भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा का खुला संरक्षण कर रहा है, कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल सर्वेश शुक्ला

मुख्यमंत्री के भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टोलरेंस अभियान की उड़ा रहा है धज्जियां, कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल सर्वेश शुक्ला!  

अभी तक इटहरा के भू-माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के खिलाफ, मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार चिन्हित रिपोर्ट नहीं भेज पाया, कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल सर्वेश शुक्ला!

दस विश्वा का काश्तकार कैसे बना बीसों बीघा का मालिक, इसके काले कारनामों पर पर्दा फेर रहा है, कानूनगो इंदु तिवारी एवं लेखपाल सर्वेश शुक्ला, जांच की मांग!

ये भूमाफिया पूर्व लेखपाल, कानूनगो एवं लेखपाल तीनों मिलकरके शिक्षा विभाग को दिया है धोखा, जांच की मांग!

इन भ्रष्टाचारियों ने ग्राम समाज की जमीन पर भैरौलाल तिवारी का बनवाया है, मकान, कार्यवाही की मांग! 

पीड़ित पक्षों के खिलाफ भैरौलाल के द्वारा झूठा प्रार्थना पत्र भेजवा रहा है, जिसका मकान भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने ग्राम सभा के जमीन में बनवाया है!

इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा एवं इसका सहयोगी कानूनगो इंदु तिवारी व लेखपाल सर्वेश शुक्ला एवं पंकज तिवारी, जो जेल में बंद माफिया के सर्वविदित सक्रिय सदस्य हैं, जिनके विरुद्ध जांच कर कार्यवाही की मांग!

कानूनगो इंदु तिवारी अपने भ्रष्टाचार के दम पर पृथ्वीपुर, सीतामढ़ी, नींबी, त्रिवेणीपुरम, हवेलिया आदि जगहों में बनाया है करोड़ों- करोड़ का साम्राज्य,ईडी, सीबीआई से जांच की मांग!

इटहरा का भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा एवं कानूनगो इंदु तिवारी व लेखपाल सर्वेश शुक्ला ने अपने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालो के विरुद्ध रच रहा है, खड्यंत्र!

इटहरा का भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने अपने खिलाफ शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध पूर्व में भी कर चुका है, खड्यंत्र!

भ्रष्टाचार में लिप्त लेखपाल-कानूनगो, भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग!

विशेष संवाददाता

भदोही, संयम भारत, जनपद भदोही में एक कानूनगो और लेखपाल की मनमानी के कारण क्षेत्र में भारी प्रशासनिक अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। कानूनगो और लेखपाल की मनमानी के कारण जनता त्रस्त है और लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई है। उनके भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जब इन भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई आवाज उठाता है, इसके विरुद्ध भी ये भ्रष्टाचारी लोग खड्यंत्र करके फसाने की कोशिश करते हैं, अभी ताजा उदाहरण ग्राम सभा इटहरा से संबंधित भूमाफिया लेखपाल के विरुद्ध सैकड़ो मान्यता प्राप्तअखबारों एवं पोर्टलों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इन भ्रष्टाचारियों का भ्रष्टाचार एवं काला चिट्ठा उजागर हुआ, तो ये भ्रष्टाचारी अपने गुर्गे पंकज तिवारी पुत्र भैरव लाल तिवारी जिनके द्वारा स्वयं ग्राम सभा की जमीन को कब्जा करके मकान बनवाया गया है, उसी से उत्तर प्रदेश एवं भारत सरकार से मान्यता प्राप्त अखबार के लेखक एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार के विरुद्ध गलत तथ्यों के आधार पर प्रार्थना पत्र भेजवा करके पत्रकार का कलम दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

बताना है कि ग्राम सभा इटहरा, कोनिया, ज्ञानपुर भदोही का भू-माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा, लेखपाल सर्वेश शुक्ला एवं कानूनगो इन्दु तिवारी कानून को इस तरह धता बता रहे है कि कानून का राज खत्म हो गया है। इनके जालफेरे का कानून चल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि ग्राम इटहरा, थाना कोईरौना, जनपद भदोही के पीड़ित/ भुक्तभोगी शारदा प्रसाद तिवारी आदि के द्वारा मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक मुकदमा सं. 19920/1999 गुलाब धर आदि बनाम डी.डी.सी. से दाखिल किया गया, जिसमें मा. उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश पारित किया, उक्त मुकदमे के वादी गुलाबधर की मृत्यु के बाद वादी पक्ष से शारदा प्रसाद की तरफ, श्रीकान्त तिवारी द्वारा रेस्टोरेशन दाखिल किया गया जो माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, इसके बावजूद इन तीनों के सहयोग से उसी जमीन के संबंध में पीड़ित के विपक्षी भैरोंलाल ने मा. उच्च न्यायालय के मुकदमे के तथ्य को छिपा करके एक सिविल मुकदमा SDM ज्ञानपुर के यहां सावित्री देवी बनाम सरकार दाखिल किया। जिसकी जानकारी मिलने पर पीड़ितों ने उसमें उपस्थित होकर जवाब लगाया, जो आज भी विचाराधीन है। जब इन फरेबियों का इसमें योजना सिद्ध नहीं हो पाया तो इन फरेबियों ने पुनः उपरोक्त दोनों मुकदमो को छुपा करके एक और मुकदमा SDM ज्ञानपुर के यहां ही अनिल बनाम सरकार दाखिल करके और अपने खड्यंत्र के बल पर एक पक्षीय पैमाइश का आदेश प्राप्त कर लिया। भुक्तभोगियों को जब इसकी जानकारी मिली तो यहां भी उपस्थित होकर के उपरोक्त सारी जानकारी दिया, इसके बावजूद भी पीड़ित के विपक्षी का सहयोगी इटहरा का भूमाफिया कमला शंकर मिश्रा हल्का लेखपाल सर्वेश शुक्ला, कानूनगो इंदु तिवारी कुचक्र रचता रहा, जिसकी जानकारी मिलने पर पीड़ित पक्षों ने उपरोक्त सभी इन खड्यंत्रकारी शक्तियों की विरुद्ध जिलाधिकारी के यहां एक वाद प्रस्तुत किया, जिसमें जिलाधिकारी, भदोही ने भी रोक लगा दिया था, इसके बावजूद भी ये खड्यंत्रकारी नहीं माने तो परेशान/पीड़ित लोगों ने जनपद न्यायालय में एक सिविल वाद शारदा प्रसाद बनाम अनिल कुमार आदि दायर किया, जिसमें न्यायालय ने पीड़ित पक्षों के पक्ष में एक आदेश पारित किया।

न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने के लिए उप जिलाधिकारी ज्ञानपुर ने दिनांक 26/12/24 को राजस्व निरीक्षक/कानूनगो को लिखित आदेश दिया, इसके बावजूद भी दिनांक 21/01/25 को ग़लत तथ्यों एवं पुराने आदेश की छायाप्रति के आधार पर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार से मान्यता प्राप्त समाचार पत्र के लेखक एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार के खिलाफ प्रार्थना पत्र अधिकारियों को गुमराह करने के लिए भिजवाया गया। जों पत्रकार का कलम रोकना एवं मुंह बन्द करने की कोशिश है, इसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की मांग किया गया है।

पीड़ित पक्षों ने बताया कि जिसके बावजूद भी कानून से ऊपर हो करके हल्का लेखपाल एवं कानूनगो मनमानी करने पर उतारू हैं, और यह कहते है कि मैं जो चाहता हूं, करता हूं, सब मेरी जेब में रहते हैं, भुक्तभोगियों का यह भी कहना है कि ये आए दिन पुलिस प्रशासन के साथ आकर धमकी देता है कि जो मैं कहूं मान लो अन्यथा महंगा पड़ेगा, हमारे बल को तुमने यह भी देखा होगा कि मैंने तुम्हारे विपक्षीगणो में से सिर्फ 1-2 लोगों को ही और तुम्हारी तरफ से दर्जनों लोगों को धारा 126/135 B.N.S.S. में फंसवा दिया, वास्तव में उपरोक्त भुक्तभोगियों के बताने एवं उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखा जाए तो स्पष्ट रूप से लगता है कि उपरोक्त माफिया पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा एवं इसका सहयोगी कानूनगो इंदु तिवारी व लेखपाल सर्वेश शुक्ला हाईकोर्ट एवं न्यायालय से बड़े दिखाई दे रहे हैं।

भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील का पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा अपने माफिया गिरोह के साथ मिलकर किसानों की जमीन पर धुंआधार कब्जा करता जा रहा है। उसकी काली करतूतो के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारी एक्शन नहीं ले रहे है। उसके कब्जे से जमीनों को खाली नहीं कराया जा रहा है।

दस बिस्वा का काश्तकार देखते ही देखते बीसों बीघा सरकारी जमीन अवैध कब्जा करके मौज कर रहा है। पंचायत भवन, ग्राम समाज, कन्या पाठशाला, खेलकूद सार्वजनिक तालाब आदि की जमीनों का फर्जी कागज तैयार करके अपने पिता के नाम से दर्ज कर देने वाले इस रिटायर लेखपाल ने पूरे क्षेत्र में भारी आतंक फैला रखा है।

इसके अत्याचारों का जीता जाता नमूना यह है कि दोनों आंखें से दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा, शारदा प्रसाद आदि के जमीन में किसी रकबे में दूसरे का नाम दर्ज करवा दिया किसी रकबे को छोटा करवा दिया किसी रकबे में फर्जी मुकदमा करवा दिया है, और फर्जी तरीके से टाइपिंग कर करके सारी जमीन अपने पिता के नाम संस्था बनाकर उसमें दर्ज करवा दी। अब अपने अपने पिता आदि के नाम जमीन दर्ज करवाने के बाद सभी जमीनों पर इसने कब्जा कर लिया।

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