कानूनगो और लेखपाल की मनमानी से सरकारी निर्माण में भारी धांधली!
पंचायत भवन की जमीन दे दी भूमाफिया को, भूमिधरी जमीन पर बनवा दिया पंचायत भवन!
कानूनगो और लेखपाल के गजब करनामें!
विशेष संवाददाता
भदोही, संयम भारत, कानून को अपने ढंग से चलाने वाले फरेबी लेखपाल और कानूनगो ने राजस्व विभाग द्वारा पंचायत भवन के लिए आवंटित जमीन पर पंचायत भवन न बनवा करके अपने गिरोह के सदस्य भू माफिया से सांठ गांठ करके उसको दे दिया। कानून की आंख में धूल झोंकने ये फरेबी अपने गुंडई, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, दबंगई के बल उसे पंचायत भवन को गांव के ही शारदा प्रसाद आदि के भूमिधरी /निजी जमीन पर बनवा दिया है। ये जमीन खोर यही तक नहीं रूके बल्कि इसी ग्राम के दोनों आंखों से दिव्यांग की भी भूमि को भी अपने गुर्गों से को कब्जा करावाकर उसपर एंटीलिया हाउस खड़ा कर दिया है। और वह दिव्यांग न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।
इनकी मनमानी के कारण लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार फैलाने वाले इन कानूनगो और लेखपाल के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की लोगों ने मांग की है।
इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि ग्राम इटहरा, थाना कोईरौना, जनपद भदोही के पीड़ित/ भुक्तभोगी शारदा प्रसाद तिवारी आदि के मुकदमें जो हाई कोर्ट, DM, SDM, दीवानी न्यायालय के यहां विचाराधीन है और दोनों पक्ष हाजिर है जिसके बावजूद कानून से ऊपर हो करके हल्का लेखपाल एवं कानूनगो बोए खेत की पैमाइश करने पर उतारू था, जिसको SDM ने फिलहाल रोक लगा दिया है इसके बावजूद भी यह अपने खड्यंत्र में लगे हुए हैं, भुक्तभोगियों का यह भी कहना है कि ये आए दिन धमकी देता है कि जो मैं कहूं मान लो अन्यथा महंगा पड़ेगा, हमारे बल को तुमने देखा मैंने तुम्हारे विपक्षी के सिर्फ एक-दो लोगों का और तुम लोगो के दर्जनों लोगों को धारा 126/135 B.N.S.S. में फंसवा दिया, वास्तव में उपरोक्त भुक्तभोगियों के बताने एवं उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखा जाए तो स्पष्ट रूप से लगता है कि उपरोक्त हल्का लेखपाल एवं कानूनगो हाईकोर्ट एवं न्यायालय से बड़े दिखाई दे रहे हैं।
इस लेखपाल और कानूनगो का अनैतिक कार्य करने का एक गिरोह है। ये अपने गिरोहों के सदस्य को ग्रामसभा के जमीनों को अविधिक ढंग से बिसों बीघा कब्जा करवा कर उस पर एंटीलिया बनवाकर उस पर व्यवसाय करवा रहा है।
ये भूमिया लोग इतने बड़े खिलाड़ी हैं कि जिसको बींसो बीधा कब्जा करवायें है, उसके पिता के नाम एक बींघा भी जमीन न थी तथा उसका मकान बिना रजिस्ट्री, बैनामा के कई बींघा में बनवाकरके सितारे हिन्द बना दिया है, और इसी के बल पर वह घूम-घूम करके कानून बेचने की ठेकेदारी कर रहा है।
ये भूतस्कर लेखपाल और कानूनगो एवं इसके सदस्य अपनी मनमानी से तहसील प्रशासन को चला रहे हैं।
बताया जाता है कि ये जमीनखोर जेल में बंद कुख्यात माफिया पूर्व विधायक विजय मिश्रा के गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। गांव का बीसों बीघा कब्जा करने वाला फोर्थ क्लास का चाकर, राजवाड़ी जैसा अपना साम्राज्य बना लिया है, जिसमें परोक्ष व अपरोक्ष रूप से उपरोक्त माफिया का धन लगा है। यही लोग उक्त माफिया काआज भी धड़ल्ले से सिंडिकेट चला रहे हैं और योगी सरकार के कानून को भी धता बताकर काम कर रहे है। “इसी भूमाफिया एवं चाकर के फर्जी एंटीलिया और जमीन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह जी ने भी सख्त रूप से कार्यवाही करने का आदेश दिया था।”
इनके कुकृत्यों पर कोई हस्तक्षेप न कर सके, इसके लिए ये षड्यंत्रकारी लोग गांव और क्षेत्र के लोगों को किसी न किसी प्रकार से लड़ाते भिड़ाते रहते हैं। जिससे इनके गिरोह का जय जयकार होता रहे, और माफिया का राज चलता रहे। सूत्रों से जानकारी के अनुसार तहसील स्तर पर कानूनगो एवं लेखपाल के द्वारा चलाया जा रहा समानांतर भ्रष्ट प्रशासन योगी सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। आम जनता चाहती है की तहसीलों का प्रशासन पारदर्शी एवं रिश्वतविहीन हो। लेकिन सरकारी नियमों को बलाए ताक पर रखते हुए भदोही जनपद में एक कानूनगो और लेखपाल और गांव का इसका सदस्य ने भयानक अराजकता फैला रखी है।
हल्का लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी पुरानी जमींदारी प्रथा के हिसाब से मनमाने कानून बनाकर काश्तकारों के साथ जालिमाना बर्ताव कर रहे हैं। इनकी नाजायज हरकतों से क्षेत्र में त्राहि त्राहि मची हुई है। उनकी भ्रष्टाचार परक कार्यशैली से आमजन में भारी रोष व्याप्त है। इनकी मनमानी के कारण लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार फैलाने वाले इस गिरोह के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की लोगों ने मांग की है। भदोही जनपद ग्राम सभा इटहरा कोनिया ज्ञानपुर भदोही का लेखपाल एवं कानूनगो कानून को धता बताकर कानून के राज को ही खत्म करने पर आमादा है। इनकी मनमानी ही कानून बन गया है।
यह दोनों राजस्वकर्मी सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए क्षेत्र में भयानक अराजकता फैलाए हुए हैं। रिश्वतखोरी के बल पर इन लोगों ने करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति जमा कर रखी है। आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने के कारण इन सब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाना चाहिए। लेकिन रिश्वतखोरी के बल पर करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति बटोरने वाले इन लेखपाल और कानूनगो व इसके सदस्य के विरुद्ध बार-बार शिकायत किए जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इनके हौसले बुलंद है। सरकारी कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार करके हेरा फेरी करने के मामले में ये सिद्धहस्त हैं और अधिकारियों के फर्जी आदेश तैयार करके क्षेत्र के काश्तकारों का भयानक उत्पीड़न कर रहे हैं। किसी भी किसान की जमीन का फर्जी पत्रावली का कागज तैयार करके दूसरे के नाम कर देना, इन लोगों के लिए बाएं हाथ का खेल है। राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी करके यह लोग करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित कर चुके हैं।
यह कितने बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस लेखपाल और कानूनगो और इसके सदस्यो के विरुद्ध भ्रष्टाचार की प्रामाणिक शिकायतें हो। उसके बावजूद उसे आज तक निलंबित नहीं किया गया! न ही उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करके कोई कार्रवाई की गई। इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। लोगों में गलत संदेश जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लेखपाल और कानूनगो का राज चल रहा है। यह लोग मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे जीरो टॉलरेंस अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को धुआंधार बढ़ावा दे रहे हैं।