लेखपाल के खिलाफ सीएम से शिकायत, जिलाधिकारी का होगा घेराव!
मुख्यमंत्री जनता दरबार में भूमाफिया और लेखपाल के आतंक के खिलाफ पीड़ित करेंगे शिकायत!
दबंग परिवार के पास नहीं थी पैतृक जमीन, कहां से आ गई बिसो एकड़ भूमि!
ग्रामवासियों की जमीन पर बना लिया अवैध मकान!
कन्या पाठशाला, खेलकूद मैदान, ग्राम सभा, पंचायत भवन, की जमीन पर कब्जा करने के साथ ही दलित दिव्यांग एवं अमर आदि की जमीन पर भी किया अवैध कब्जा!
मुख्यमंत्री के माफिया मुक्त-स्वच्छ प्रशासन अभियान को पलीता लगा रहे हैं लेखपाल और भूमाफिया के गुर्गे!
भूमाफियाओं का नार्को टेस्ट कराने से होगा भ्रष्टाचार का खुलासा और खुलेगा कई राज!
विश्वासघात और धोखाधड़ी के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले भ्रष्ट लेखपाल की उल्टी गिनती शुरू!
मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ा रहा है भदोही का एक लेखपाल और उसका भू-माफिया रिश्तेदार !
संयम भारत संवाददाता
ब्यूरो,भदोही। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार विरोधी जीरो टॉलरेंस नीति को धता बताते हुए भूमाफियाओं से साथ गांठ करके भदोही जिला ज्ञानपुर तहसील में तैनात एक लेखपाल सर्वेश शुक्ला की मनमानी के चलते पूरा तहसील प्रशासन भ्रष्टाचार की चपेट में आ गया है। गुंडागर्दी, दबंगई, भूमाफियाओं से सांठ गांठ के चलते लेखपाल सर्वेश शुक्ला द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी और जालसाजी के जरिए काश्तकारों की निजी जमीन लोगों से छीन कर भूमाफियाओं को दी जा रही है। जिसके खिलाफ अब लोग मुख्यमंत्री जनता दरबार में जाकर मुख्यमंत्री से शिकायत करके इंसाफ की फरियाद करेंगे।
ग्राम वासियों ने चेतावनी दी है कि यदि लेखपाल सर्वेश शुक्ला को निलंबित करके उसके विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई नहीं शुरू की गई तो जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा।
जनपद भदोही, तहसील ज्ञानपुर, के ग्राम सभा इटहरा में खेलकूद, कन्या पाठशाला एवं पंचायत भवन व ग्राम दलित दिव्यांग मल्लू की जमीन पूर्व राजस्व चाकर ने अपने रिश्तेदार लेखपाल सर्वेश शुक्ला के सहयोग से अपने पिता के नाम कराकर उस पर अपना काला साम्राज्य खड़ा कर लिया है। गांव के ही अमर राम बहादुर आदि के बहुमूल्य जमीन पर अनाधिकृत रूप से मकान बना लिया है। इस भूमाफिया के कुकर्मों के संबंध में जल्द ही ग्राम सभा से पारित प्रस्ताव के साथ ग्रामवासी मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे।
ग्राम वासियों की मांग है कि इन भूमाफियाओं की नार्को टेस्ट कराने से ही राज खुलेगा कि किस-किस के साथ ये भूमाफिया घात किये है। उपरोक्त भू-माफिया जेल में बंद माफिया विजय मिश्रा का गुर्गा है और हल्का लेखपाल सर्वेश शुक्ला का रिश्तेदार है। इन जालसाजों ने अपने जालसाजी के बल पर बची खूची ग्राम सभा की जमीन पर भी भैरोंलाल पुत्र आशाराम का भी मकान बनवाकरके योगी सरकार के कानून को ठेंगा देखा रहे है।
लेखपाल सर्वेश शुक्ला के अत्याचार,उत्पीड़न का नमूना यह है कि ग्राम समाज, दोनों आंख का दिव्यांग दलित व गांव के अन्य व्यक्ति की जमीन को कब्जा करवा कर उस पर अवैध चाहरदीवारी,बिल्डिंग,घर बनवाकर गुंडागर्दी कर रहा हैं। लेखपाल और कानूनगो एवं भू-माफिया मिलकर ज्ञानपुर तहसील में समानांतर प्रशासन चल रहे हैं।
यह जालसाज गांव के विभिन्न रकबो में विभिन्न लोगों का नाम डलवा देते हैं, फिर उसको निकलवाने का मनमानी मोटी रकम प्राप्त करते हैं। पिछले दिनों ग्राम सभा के सार्वजनिक बैठक में ग्राम सभा, खेलकूद, कन्या पाठशाला एवं पंचायत भवन व ग्राम के दलित दिव्यांग मल्लू व अन्य की जमीन को कब्जाजाने वाले के विरुद्ध एक प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। जिसमें इस भूमिया के उपर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। दिव्यांग सहित पीड़ित ग्रामवासियो के द्वारा इस माफिया के विरुद्ध सैकड़ो प्रार्थना पत्र साक्ष्यों के साथ दिया गया, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बताया जाता है कि ये जमीनखोर जेल में बंद कुख्यात माफिया पूर्व विधायक विजय मिश्रा के गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। गांव का बीसों बीघा कब्जा करने वाला फोर्थ क्लास का चाकर, राजवाड़ी जैसा अपना साम्राज्य बना लिया है। जिसमें परोक्ष व अपरोक्ष रूप से उपरोक्त माफिया का भी धन लगा है। यही लोग उक्त माफिया का आज भी धड़ल्ले से सिंडिकेट चला रहे हैं और योगी सरकार के कानून को भी धता बताकर काम कर रहे है। “इसी भूमाफिया एवं चाकर के फर्जी जमीन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह जी ने भी सख्त रूप से कार्यवाही करने का आदेश दिया था।”
मुख्यमंत्री के द्वारा चलाया गया भूमाफियाओं से जमीन मुक्त कराने के अभियान को हल्का लेखपाल एवं भू-माफिया लेखपाल एवं इसके रिस्तेदार चकमा दे रहे हैं। भू-माफिया का राज परत दर परत खुल रहा है। हल्का लेखपाल सर्वेश शुक्ला, पच्चीसों बीधा ग्राम समाज की जमीन को कब्जा करने वाले भू माफिया के खिलाफ न तो अभी तक कोई कार्यवाही किया और न ही अपने उच्च अधिकारियों को कब्जा के संबंध में अवगत कराया।
इसी भूमाफियाओं एवं जालसाजों द्वारा गांव के ही पीड़ित/ भुक्तभोगी शारदा प्रसाद तिवारी आदि के जमीनों पर चकबंदी प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद वें बीसों साल से कास्त कर रहे थे, जिसमें इसने गलत ढंग से आदेश करा करके विपक्षियों का नाम चढ़वा दिया था।
शासन प्रशासन को जानकारी होने पर उन लोगों का नाम काट करके पुनः पीड़ित पक्षों का नाम दर्ज हुआ। इसके बावजूद भी उसमें खड्यंत्र कर रहा है। वर्तमान में भी इसने जिस भैरव लाल का ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर घर बनवाया है उसी से हाईकोर्ट, DM, SDM, दीवानी न्यायालय के यहां मुकदमा विचाराधीन होने और दोनों पक्ष हाजिर होने के बावजूद कानून से ऊपर हो करके कब्जा करवाने का प्रयास करवा रहा है और पीड़ित के अन्य रकबो में भी इसने दूसरे का नाम फर्जी ढंग से दर्ज करवा दिया है। भुक्तभोगियों का यह भी कहना है कि ये आए दिन धमकी देता है कि जो मैं कहूं मान लो अन्यथा महंगा पड़ेगा, हमारे बल को तुमने देखा मैंने तुम्हारे विपक्षी के सिर्फ एक-दो लोगों का और तुम लोगो के दर्जनों लोगों को धारा 126/135 B.N.S.S. में फंसवा दिया, वास्तव में उपरोक्त भुक्तभोगियों के बताने एवं उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखा जाए तो स्पष्ट रूप से लगता है कि उपरोक्त हल्का लेखपाल एवं कानूनगो हाईकोर्ट एवं न्यायालय से बड़े दिखाई दे रहे हैं।
ये राजस्वकर्मी सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए क्षेत्र में भयानक अराजकता फैलाए हुए हैं। रिश्वतखोरी के बल पर इन लोगों ने करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति जमा कर रखी है। आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने के कारण इन सब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाना चाहिए। लेकिन रिश्वतखोरी के बल पर करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति बटोरने वाले इन लेखपाल और कानूनगो व इसके सदस्य के विरुद्ध बार-बार शिकायत किए जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इनके हौसले बुलंद है। सरकारी कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार करके हेरा फेरी करने के मामले में ये सिद्धहस्त हैं और अधिकारियों के फर्जी आदेश तैयार करके क्षेत्र के काश्तकारों का भयानक उत्पीड़न कर रहे हैं। किसी भी किसान की जमीन का फर्जी पत्रावली का कागज तैयार करके दूसरे के नाम कर देना, इन लोगों के लिए बाएं हाथ का खेल है। राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी करके यह लोग करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित कर चुके हैं।
यह कितने बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस लेखपाल और कानूनगो और इसके सदस्यो के विरुद्ध भ्रष्टाचार की प्रामाणिक शिकायतें हो। उसके बावजूद उसे आज तक निलंबित नहीं किया गया! न ही उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करके कोई कार्रवाई की गई। इससे सरकार की छवि खराब हो रही है। लोगों में गलत संदेश जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लेखपाल और कानूनगो का राज चल रहा है। यह लोग मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे जीरो टॉलरेंस अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को धुआंधार बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे जनता में भारी रोष व्याप्त है। तहसील प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।
महोदय ,जिलाधिकारी महोदय नीचे के कर्मचारियों ,अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते ,क्योंकि रिश्वत की रकम में ऊपर तक हिस्सा बंटता है ।
नर्वदा प्रसाद की पैतृक भूमिधारी भूमि ,तहसीलदार हंडिया सुश्री या श्रीमती (कुछ पता नहीं ) व्यक्तिगत विवरण में न पिता का नाम है न पति का , ने मोटी रकम रिश्वत में लेकर , दूसरे लोगों को 3 बीघा जमीन हस्तांतरित कर दिया।जिसकी शिकायत जिलाधिकारी को की गई किंतु श्रीमान जी ने कोई कार्यवाही नहीं की। श्रीमान जी भाष्टाचारी तहसीलदार का बचाव करने में ही लगे है। जो कानूनन अपराध है।