अधिवक्ता की बड़ी जीत: सरकार ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 वापस लिया, वकीलों का विरोध रंग लाया
नई दिल्ली, संयम भारत, वकीलों के विरोध के सामने सरकार को झुकना पड़ा और अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को वापस ले लिया। इस बिल में कई ऐसे प्रावधान थे, जिनका विरोध बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और अन्य वकील संगठनों ने कड़ा तरीके से किया था। इसके बाद सरकार ने अपनी स्थिति को बदलते हुए इस बिल को पूरी तरह से वापस ले लिया है और अब इसे पुनः समीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।
कानून और न्याय मंत्रालय ने इस फैसले को लेकर कहा कि बिल पर मिली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, इसे संशोधित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य वकीलों की चिंताओं को दूर करना है, ताकि पेशेवर स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन न हो।
यह बिल वकीलों के विशेषाधिकारों और उनकी स्वतंत्रता को प्रभावित कर रहा था, जिससे पूरे देश में वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में वकील सड़क पर उतर आए थे, और इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी। इन प्रदर्शनों ने सरकार पर दबाव डालते हुए इस बिल को वापस लेने का कारण बना।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और इसे वकीलों की जीत के रूप में देखा। BCI ने यह भी अपील की है कि वकील अब किसी भी प्रकार की हड़ताल या विरोध प्रदर्शन से बचें और सोमवार, 24 फरवरी 2025 से अदालतों में सामान्य कामकाजी माहौल में लौटें।
बीसीआई ने वकीलों को आश्वस्त किया कि वह उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सतर्क बनी रहेगी। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया कि बार काउंसिल और सरकार के बीच लगातार संवाद जारी रहेगा, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 की वापसी, वकीलों की एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिसने यह साबित कर दिया कि सरकार को वकीलों के पक्ष में फैसला लेना पड़ा। यह कदम भविष्य में वकीलों और सरकार के बीच अच्छे रिश्तों को बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।