अभिषेक कुमार गुप्ता: संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक यात्रा
प्रयागराज, संयम भारत
हमारे समाज में ऐसे कई लोग होते हैं, जिनकी संघर्ष और मेहनत की कहानियाँ हमें न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह यह भी सिखाती हैं कि सफलता कभी भी आसान रास्ते से नहीं मिलती। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है अभिषेक कुमार गुप्ता की, जिन्होंने अपने कठिन संघर्ष, साहस और अडिग आत्मविश्वास से न सिर्फ अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया, बल्कि SSC JE 2024 में अखिल भारतीय स्तर पर 22वीं रैंक प्राप्त कर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) में इंजीनियर के पद पर चयनित हो कर समाज में एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया।
साधारण परिवार में जन्मी असाधारण सफलता
अभिषेक कुमार गुप्ता का जन्म प्रयागराज जिले के कटहरा गाँव में हुआ था। उनका परिवार एक साधारण परिवार था, जहां पिता राजेश कुमार गुप्ता एक सब्जी विक्रेता थे। माँ, फोटो देवी, एक गृहिणी थीं, जिन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी। अभिषेक का जीवन कभी भी आसान नहीं रहा, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें यह सिखाया कि शिक्षा से बड़ा कोई हथियार नहीं हो सकता। परिवार का माहौल शिक्षा को सर्वोपरि मानने वाला था और यही कारण था कि अभिषेक ने कठिनाइयों के बावजूद कभी हार नहीं मानी।
शिक्षा और संघर्ष की शुरुआत
अभिषेक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की। शिव इंटर कॉलेज, कटहरा, हंडिया, प्रयागराज से अपनी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने हंडिया पॉलीटेक्निक, प्रयागराज से सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा (73.73%) प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनके शिक्षकों और मित्रों ने हमेशा उन्हें सही दिशा दी। राधेश्याम यादव, रतन सिंह, महेश कुमार, बृजेश शंखधर और राजीव रंजन जैसे शिक्षकों ने उनकी नींव मजबूत की, जबकि आदित्य सिंह, एसपी सर, आशीष सर, संजीव सर और सतीश सर जैसे शिक्षक उनके मार्गदर्शक बने।
SSC JE 2019, 2020 और 2022 में असफलता
अभिषेक का संघर्ष केवल शिक्षा तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लिया। SSC JE 2019 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में वे सफल नहीं हो पाए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत करते रहे। SSC JE 2022 के मुख्य परीक्षा में भी वे असफल रहे। ऐसे में कई बार लगा कि शायद उनके लिए यह रास्ता नहीं है, लेकिन उन्होंने कभी अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी। असफलताओं ने अभिषेक को और भी मजबूत किया और उन्होंने नए उत्साह के साथ अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया।
BARC 2024 का अनुभव
अभिषेक का संघर्ष यहीं नहीं रुका। 2024 में उन्होंने BARC (भारतीय परमाणु अनुसंधान केंद्र) के साक्षात्कार में भी भाग लिया, लेकिन चयन नहीं हो पाया। इस असफलता ने भी उनके हौसले को तोड़ा नहीं, बल्कि उन्होंने इसे एक और अवसर के रूप में देखा। उन्होंने सोचा कि इस अनुभव से वह और भी सशक्त हो सकते हैं, और यह उनके लक्ष्य की ओर एक कदम और बढ़ने का तरीका हो सकता है।
SSC JE 2024 में सफलता
अंततः, अभिषेक की मेहनत रंग लाई और उन्होंने SSC JE 2024 परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। इस परीक्षा में उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर 22वीं रैंक प्राप्त की। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया। उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) में इंजीनियर के पद पर चयनित होकर यह साबित कर दिया कि निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
परिवार और शिक्षकों का योगदान
अभिषेक की सफलता में उनके परिवार का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा। उनके पिता राजेश कुमार गुप्ता ने सब्जी विक्रेता होते हुए भी अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और हमेशा उनका उत्साहवर्धन किया। माता, फोटो देवी ने भी घर की कठिन परिस्थितियों में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए हर संभव प्रयास किया। अभिषेक के बड़े भाई, विकास और विशाल गुप्ता ने भी उन्हें हर कदम पर समर्थन और मार्गदर्शन दिया।
अभिषेक की सफलता में उनके शिक्षकों और मित्रों का भी अहम योगदान रहा। शिव इंटर कॉलेज, हंडिया के शिक्षकों ने उनकी नींव मजबूत की, और हंडिया पॉलीटेक्निक के शिक्षकों ने उन्हें सही दिशा दिखाई। उनके मित्रों ने हर मुश्किल घड़ी में उनका हौसला बढ़ाया, और यही एकता और समर्थन उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
अभिषेक की सोच और दृष्टिकोण
अभिषेक का मानना है कि कोई भी परीक्षा, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो, सिर्फ एक व्यक्ति की क्षमता को परखने का जरिया होती है। उनके लिए असफलता एक सीखने का अवसर है, न कि हार मानने का कारण। उन्होंने हमेशा अपने शिक्षकों और परिवार से प्रेरणा ली, और कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। उनका मानना है कि यदि किसी को सफलता चाहिए, तो उसे मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ काम करना चाहिए।
सारांश
अभिषेक कुमार गुप्ता की कहानी एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो किसी न किसी कारण से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी सफलता यह सिद्ध करती है कि कठिन रास्तों पर चलकर भी मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उनके संघर्ष और सफलता ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, संघर्ष, और आत्मविश्वास के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अभिषेक का यह सफर न केवल उनके परिवार, बल्कि समूचे समाज के लिए एक उदाहरण बन चुका है, जो यह बताता है कि कोई भी व्यक्ति अपनी मेहनत और दृढ़ता से अपने सपनों को सच कर सकता है।