Bhadohi NewsBreaking NewsIndiaLatestNews

राज्य सूचना आयुक्त के सख्त तेवर से प्रशासन में हड़कंप,भू-माफिया को बचाने में जुटे अधिकारी,बेनकाब

संयम भारत संवाददाता व्यूरो,भदोही,राज्य सूचना आयुक्त के सख्त तेवर से भदोही जिले के राजस्व और चकबंदी विभाग में हड़कंप मच गया है। आयोग ने उप संचालक चकबंदी को निर्देश दिया है कि वे अपीलार्थी को 15 दिनों के भीतर पूरी और सही सूचना उपलब्ध कराएं, अन्यथा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के अंतर्गत ₹25,000 का अर्थदंड अधिरोपित किया जाएगा। राज्य सूचना आयुक्त ने अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) भदोही को भी आदेश दिया है कि वे इस प्रकरण में की गई कार्रवाई से आयोग को अवगत कराएं। सुनवाई के दौरान अभिलार्थी के प्रतिनिधि ने बताया कि राजस्व विभाग भू-माफिया के दबाव में आकर सूचना देने से बच रहा है और जो जानकारी दी जा रही है वह भ्रामक और असत्य है। इस पर राज्य सूचना आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए जन सूचना अधिकारी/उप संचालक चकबंदी भदोही को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कहा है कि यदि निर्धारित अवधि में सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई, तो दंडात्मक कार्रवाई से नहीं बचा जा सकेगा। आयोग की सख्ती के बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील क्षेत्र में सक्रिय भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा का यह मामला लंबे समय से सुर्खियों में है। आरोप है कि उसने राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर गरीब और दलित परिवारों की जमीन अपने नाम करा ली। जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी ने इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया है। आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि राजस्व और चकबंदी विभाग के अधिकारी जानबूझकर सूचना छिपा रहे हैं ताकि भू-माफिया को बचाया जा सके। भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा द्वारा कथित रूप से कागजात में जाति बदलकर दलित की जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद, शासनादेश और राजस्व परिषद द्वारा पहले ही आदेश दिया जा चुका है कि ग्राम सभा या सरकारी भूमि किसी निजी व्यक्ति या विद्यालय को नहीं दी जा सकती, फिर भी विभागीय अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करते हुए भूमि का हस्तांतरण किया। राज्य सूचना आयुक्त ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए कहा कि यदि 15 दिन में सही सूचना नहीं दी गई तो अधिकारी के खिलाफ ₹25,000 का अर्थदंड और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।पीड़ित दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला चमार निवासी इटहरा ग्राम, थाना कोइरौना, तहसील ज्ञानपुर का आरोप है कि भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने कूटरचित दस्तावेज बनाकर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। उसने दस्तावेजों में मल्लू की जाति ‘चमार’ से बदलकर ‘पासी’ दर्शाई, ताकि कानून की आड़ में जमीन अपने नाम करा सके। प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि अनुसूचित जाति का व्यक्ति कानूनन दानपत्र नहीं दे सकता, फिर भी विभागीय मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए गए। पीड़ित ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भदोही को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की थी, परंतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी अन्याय और शोषण से व्यथित होकर दिव्यांग दलित मल्लू की सदमे से मौत हो गई। इस पूरे मामले ने राजस्व विभाग के अंदर फैले भ्रष्टाचार और भू-माफिया के संरक्षण की पोल खोल दी है। राज्य सूचना आयुक्त की सख्ती से अब यह संकेत साफ है कि अब इस गोरखधंधे में शामिल किसी भी अधिकारी या भू-माफिया को बख्शा नहीं जाएगा और पूरे प्रकरण की जवाबदेही तय होगी।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *