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भू-माफिया को बचाने के लिए तहसीलदार नहीं दे रहे हैं सूचना, राज्य सूचना आयोग हुआ सख्त

राज्य सूचना आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रश्नगत मामले में गत सुनवाई को जनसूचना अधिकारी, तहसीलदार, तहसील-ज्ञानपुर, जनपद-भदोही को एक और अवसर प्रदान करते हुए इस आशय की नोटिस निर्गत की गयी थी कि अपीलार्थी को वांछित सूचनाएं 15 दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें एवं कृत कार्यवाही से आयोग को भी अवगत कराएं। किन्तु आज सुनवाई के दौरान जनसूचना अधिकारी न तो उपस्थित हैं और न ही उनका कोई लिखित अभिकथन पत्रावली पर उपलब्ध है। यह स्थिति अत्यन्त आपत्तिजनक……..

भू माफिया को बचाने के लिए तहसीलदार नहीं दे रहे हैं सही जानकारी

राज्य सूचना आयुक्त ने तहसीलदार को सूचना देने के लिए दिया सख्त निर्देश, 15 दिन में सूचना नहीं दिया तो देना होगा 25000 का अर्थ दंड

राज्य सूचना आयुक्त समय से सूचना न देने पर अर्थ दंड की दी चेतावनी!

जन सूचना अधिकार से सामने आया राजस्व विभाग का काला सच!

तहसीलदार ज्ञानपुर नहीं दे पा रहे हैं जवाब? कैसे दे जब भू-माफिया हाईकोर्ट,शासनादेश एवं राजस्व परिषद से बड़ा हो गया है, राजस्व विभाग एवं भू-माफिया की गहरी साज़िश?

उच्च न्यायालय इलाहाबाद, शासनादेश,राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने सरकारी जमीन किसी प्राइवेट को देने से मना किया गया है, लेकिन भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा सबको ठेंगा दिखाकर बन गया सबसे बड़ा गुरु घंटाल.?

भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने कागजात में हेरा फेरी कर एवं जाति बदलकर दलीत की एवं ग्राम समाज की हड़प ली जमीन, चेहरा हुआ बेनकाब….

भू-माफिया के कारनामे हो रहे हैं सबके सामने!

संयम भारत संवाददाता

व्यूरो,भदोही,ज्ञानपुर। भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के काले कारनामे अब सामने आने लगे हैं। जन सूचना अधिकारी कार्यालय तहसीलदार ज्ञानपुर जनपद भदोही को राज्य सूचना आयुक्त ने चेतावनी दी है कि वे तत्काल 15 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराए अन्यथा उनके विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 201 के अंतर्गत ₹25000 का दण्ड अधिरोपित किया जाएगा। इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही वहां पर जन सूचना अधिकारी तहसीलदार ज्ञानपुर जनपद भदोही की ओर से कोई उपस्थित नहीं था। और अभिलार्थी की ओर से उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे।
विपक्षी जन सूचना अधिकारी तहसीलदार ज्ञानपुर जनपद भदोही की ओर से न तो स्वयं न ही उनके प्रतिनिधि और न ही पत्रावली पर उनके साक्ष्य मिले यह कृत अत्यंत खेद का विषय है। बार-बार निर्देश के बाद भी कोई उपस्थित हुए। सुनवाई के दौरान अभिलार्थी के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया की राजस्व विभाग भू माफिया की मदद कर रहा है इसलिए सूचना नहीं दिया रहा और जो दिया भी जा रहा है वह एकदम भ्रामक और बेबुनियाद जिस पर राज्य सूचना आयुक्त ने कहां की न्यायहित में सुनवाई के लिए एक और अवसर प्रदान किया जाता है। राज्य सूचना आयुक्त ने अपीलकर्ता को मूल आवेदन पत्र संलग्न करते हुए जिला तहसीलदार को नोटिस निर्गत किया जाए,कि सूचनाओं 15 दिन के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें कृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराए अन्यथा उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सूचना आयुक्त की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील के सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करके किसानों की जमीन इधर से उधर करने का भू माफिया कमला शंकर मिश्रा के ऊपर जो आरोप लगाया गया है। वह सही है। इसी वजह से राजस्व विभाग के अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त को जानकारी देने में हीला हवाली कर रहे हैं। लेकिन उनकी चेतावनी के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप मचा है। अब भू माफिया का बचना बहुत मुश्किल है।
तहसील में भू माफिया कमला शंकर मिश्रा का हेराफेरी एवं घिनौना खेल चरम सीमा पर है। इसने दिव्यांग दलित मल्लू पुत्र स्वर्गीय शीतला पुत्र स्वर्गीय गंगा एवं मनबोध पुत्र स्वर्गीय माता बदल जो की जाति के चमार हैं। उनकी उप जाति पासी बताकर कागजात में हेरा फेरी करके भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा ने गरीबों की जमीन हड़प ली है। जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जब हाई कोर्ट,राजस्व परिषद, एवं उत्तर प्रदेश शासन ने ग्राम सभा की जमीन कीसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालयों को देने से मना किया है तो सहायक चकबंदी अधिकारी कैसे भू-माफिया के नाम उसके परिवार नाम उसके विद्यालय के नाम आरक्षित कर दिया है, भू-माफिया का खेल आ गया सामने।
साथ ही उच्च न्यायालय, शासनादेश,राजस्व परिषद ने सरकारी जमीन को किसी प्राइवेट व्यक्ति के विद्यालय को देने से मना किया गया है, लेकिन भू-माफिया कमला शंकर मिश्रा सबको ठेंगा दिखाकर इस समय बन गया है, सबसे बड़ा गुरु घंटाल…….

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