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प्रयागराज विकास प्राधिकरण में अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम की नियुक्ति, महिला अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत बनीं।

नारी शक्ति की एक और उड़ान — अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम की नियुक्ति बनी प्रेरणा का स्रोत।”

विधि संवाददाता

संयम भारत, प्रयागराज। न्यायिक क्षेत्र में नारी शक्ति की निरंतर प्रगति का एक और प्रमाण सामने आया है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम को अपनी पैनल अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के अनुमोदन के पश्चात विधि अधिकारी द्वारा नियुक्ति पत्र जारी कर की गई। यह समाचार प्रयागराज के अधिवक्ता समाज और न्यायिक गलियारों में अत्यंत उत्साह और सम्मान के साथ चर्चा का विषय बन गया है।

अतिप्रिया गौतम एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता परिवार से आती हैं। वे वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम की सुपुत्री हैं, जो स्वयं वर्षों से न्यायिक सेवा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही वे वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल श्रीपत की पुत्रवधू भी हैं, जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। न्यायिक पृष्ठभूमि से जुड़ी होने के साथ-साथ अतिप्रिया स्वयं एक प्रतिभावान और अध्ययनशील अधिवक्ता हैं, जिन्हें विशेष रूप से सेवा विधि (Service Law) में दक्षता प्राप्त है।

उनकी नियुक्ति को लेकर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के विधि अधिकारी ने एक औपचारिक पत्र जारी कर उन्हें इस पद के लिए नामित किया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की स्वीकृति से यह नियुक्ति प्रभाव में लाई गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अतिप्रिया गौतम की योग्यता और कार्यकुशलता को प्रशासनिक स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है।

यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब न्यायिक प्रणाली में महिला अधिवक्ताओं की भागीदारी और नेतृत्व लगातार बढ़ रहा है। अतिप्रिया की नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक गौरव की बात है, बल्कि यह प्रयागराज के अधिवक्ता समुदाय के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है।

उनकी इस नियुक्ति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अनेक अधिवक्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया है और उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। जिनमें प्रमुख नाम हैं — दिव्य ज्योति, ईशान राहुल, सौन्दर्या गिरि, वैष्णवी श्रीवास्तव, अम्बुज मौर्य, शुभम् त्रिपाठी, शिशिर कुमार, रिषभ केसरवानी, ज्ञान शुक्ला, मोहित सिंह आदि। इन अधिवक्ताओं ने कहा कि यह नियुक्ति नारी सशक्तिकरण और प्रतिभा की जीत का प्रतीक है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नियुक्तियाँ युवा अधिवक्ताओं, विशेषकर महिला अधिवक्ताओं को न्यायिक सेवा में आगे बढ़ने और अपने लिए स्थान बनाने के लिए प्रेरित करेंगी। यह नियुक्ति न्यायिक संस्थानों में योग्यता आधारित चयन प्रणाली की भी पुष्टि करती है।

प्रयागराज जैसे ऐतिहासिक और न्यायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नगर में एक युवा महिला अधिवक्ता की यह नियुक्ति न केवल उल्लेखनीय है बल्कि भविष्य के लिए एक आशा की किरण भी है।

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