सीएम के रुआब को चुनौती दे रहा ज्ञानपुर का भू-माफिया रिटायर लेखपाल!
एक पते से चार विद्यालय, जांच अधिकारी को हड़काया!
पीड़ितों के भेजी गई शिकायत, जांच क्यों है ठंडे बस्ते में?
माफिया सरगना के साथ मिलकर चला रहा है गिरोह!
लेखपाल कानूनगो का गुंडाराज, जनता न्याय से वंचित!
भोले भाले काश्तकारों की जमीन हड़प कर बन गया भू माफिया!
न्याय के लिए धरना अनशन प्रदर्शन करेंगे पीड़ित किसान!
भू-माफिया, पीड़ित किसानों के ऊपर जानलेवा हमला, जान से मारने की कर रहा कोशिश?
संयम भारत संवाददाता
भदोही, ज्ञानपुर। उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के भय रहित स्वच्छ प्रशासन के प्रभावी रुआब को ज्ञानपुर तहसील में तैनात रहा पूर्व लेखपाल, वर्तमान भू माफिया कमला सरकार मिश्रा खुली चुनौती दे रहा है। भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी और माफियागर्दी के बल पर ज्ञानपुर तहसील का तहसील प्रशासन चला रहा है,इस लेखपाल के गिरोह के सदस्य कानूनगो इंदू तिवारी, लेखपाल सर्वेश शुक्ला की काली करतूतो से पूरे क्षेत्र में भयानक त्राहि त्राहि मची हुई है।
इनके अत्याचार से किसानों में भयंकर हाहाकार मचा हुआ है। डर के मारे लोग अपना घर द्वार खेत आदि छोड़कर भागने लगे हैं। भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा के संरक्षण में चलाया जा रहा ज्ञानपुर तहसील में भू माफिया रैकेट के अपराधी पहले यह तहसील में फर्जी दस्तावेज तैयार करके जमीनों का नकली कागज तैयार करते हैं। कागज तैयार करके लंबी चौड़ी फौज लेकर लोगों की जमीन पर अवैध कब्जा कर लेते हैं। इन माफियाओं ने गांव के गरीब दलित मल्लू जो कि दोनों आंखों से दिव्यांग है। उसकी जमीन पर कब्जा करने के लिए फर्जी हलफनामा बनवाकर तहसील में अपने परिवार और संस्था के नाम चढ़वा दिया और फिर मुख्य सड़क के किनारे स्थित उसकी कीमती जमीन हड़प ली।।इस बात की शिकायत करने जब वह जिले के अधिकारियों को शिकायत कर रहा है। तो इन लोगों द्वारा उसके व उसके परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं,तोड़ फोड़ मार पीट आदि कृत्य किया जा रहा है।
दिव्यांग के चिल्लाने और शोर मचाने पर किसी तरह उसकी जान बची,यही नहीं पूरी दलित बस्ती में इन लोगों ने इतना आतंक फैला दिया है कि महिलाएं और बच्चे शाम होते ही अपने घरों में दुबके रहते हैं। माफिया सरगना के गिरोह के साथ मिलकर इन लोगों ने ज्ञानपुर तहसील में भारी आतंक फैला रंखा है है।दर्जनों गांवों में इन लोगों का खौफ छाया हुआ है।जिन्होंने इनके खिलाफ शिकायत करने की जुर्रत की। ज्ञानपुर तहसील परिसर में बने एक चबूतरे पर खड़े होकर यह लोग चिल्ला चिल्ला कर लोगों को डराते हैं,अगर किसी ने हम लोगों के खिलाफ शिकायत करने की कोशिश की। तो उसकी जमीन मकान सब हड़प लिया जाएगा और क्षेत्र में वह रहने नहीं पाएगा। इस तरह की खुली धमकी से ज्ञानपुर तहसील में बादकरियों किसानों में भारी आतंक व्याप्त हो गया है। लोग अब तहसील में जाने से डरने लगे है। जिसकी वजह से लोग अधिकारियों के बजाय इन्हीं अपराधियों से अधिक डरते हैं। ऐसा लगता है कि ज्ञानपुर तहसील में लेखपाल और कानूनगो और भू-माफिया रिटायर लेखपाल का ही राज चल रहा है।
यही लोग न जाने कितने किसानों की जमीनों में हेरा फेरी करके करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा कर लिया है।इन माफिया के द्वारा जिन सरकारी जमीनों पर कब्जा किया गया है। उसे हटाने की बात तो दूर रही। बल्कि इनका और तेजी से खड्यंत्र जारी है। जिससे योगी सरकार के स्वच्छ प्रशासन की खुली अहेलना हो रही है।
लेखपाल और कानूनगो होने के कारण इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्रा शुरू से ही अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति रहा है। जब यह लेखपाल था। तो इसने फर्जीवाड़ा करके अपनी नियुक्ति अपने ही गांव में करा ली और अपने गांव में नियुक्ति होने के बाद यह लोगों की जमीन इधर से उधर कर के जमीन कब्जा करने का धंधा करने लगा। पहले तहसील में इसने तमाम सैकड़ो फर्जी रिकॉर्ड तैयार करवाया।
उन कागजातों पर इसने अपने भाई पिता के नाम दर्ज करवा दिया। फर्जी इंद्राज करवाने के बाद इसने अपराधियों की मदद से भोले वाले किसानों की जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। आज हालात यह है कि दस विश्वा काश्तकार के पास बीसों बीघा जमीन हो गई है। इसने जितनी भी जमीनों पर कब्जा कर रखा है। उन सभी जमीनों के कागजात फर्जी हैं। सरकारी जमीनों के बारे में इसने पहले ज्ञानपुर तहसील में रिकॉर्ड में हेरा फेरी की। सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करने के बाद अपना नाम दर्ज करवा करके इसने बसों बीघा सरकारी जमीन हड़प ली है। इसने फर्जी कागज तैयार करके उस पर चार विद्यालयों की मान्यता ले रखी है।
एक ही बिल्डिंग पर इस चार चार विद्यालयों की मान्यता लेकर यह शिक्षा के क्षेत्र में भी माफियागर्दी कर रहा है। मान्यता लेने के लिए विद्यालय के नाम से रजिस्टर्ड जमीन होनी चाहिए। ऐसा नियम और कानून है। लेकिन इस कानून के विपरीत इसने फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर एक ही बिल्डिंग में चार-चार शिक्षण संस्थानों की मान्यता ले रखी है। इसके अड्डे पर सारे अपराधी इकट्ठा होकर भोले वाले किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करके मौज कर रहे हैं।
दिव्यांग दलित मल्लू जिसे दोनों आंखों से कुछ नहीं दिखाई देता। उसका कसूर यह है कि उसने जिलाधिकारी एवं एसपी से इस माफिया के खिलाफ शिकायत कर दी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र भेज दिया। इस वजह से इन्होंने पिछले 15-20 वर्षों के दौरान ज्ञानपुर तहसील की सरकारी रिकॉर्ड में जो फर्जीवाड़ा की है। रिकार्ड में फेर बदल किया है। उसकी जांच नहीं होने दे रहे हैं। जांच अधिकारी को बरगलाकर अपने पक्ष में कर लेते हैं। जिससे किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
दस बिस्वा जमीन का मालिक देखते ही देखते बीसों बीघा जमीन का काश्तकार कैसे बन गया? पिछले दिनों जिलाधिकारी भदोही के यहां बैठक में भूमाफियाओं के खिलाफ व्यापक अभियान चलाकर उनके कब्जे से सार्वजनिक सरकारी जमीन खाली कराए जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इस आदेश का ज्ञानपुर तहसील प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा। जांच अधिकारी इन माफियाओं के इसारे पर नाच रहे हैं और जो यह माफिया कहते हैं। उन्हीं के पक्ष में रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा कर देते हैं। जिससे क्षेत्र के किसानों और दिव्यांग दलित मल्लू जैसे लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
स्थिति ये हो गई है कि भोले भाले किसानों की जमीन हड़प कर अब उनको जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पिछले दिनों इन लोगों ने धावा बोलकर दिव्यांग दलित मल्लू के घर में इतना आतंक मचाया कि उसकी पत्नी का हार्ट अटैक से देहांत हो गया। अब यह लोग दिव्यांग दलित मल्लू के घर पर भी कब्जा करना चाहते हैं। तहसील प्रशासन ने यदि समय रहते नहीं करवाई की तो माफिया गिरोह को संचालित करने वाले इस माफिया सरगना कमला शंकर मिश्रा की वजह से एक दलित परिवार इस दुनिया से चला जाएगा। मुख्यमंत्री जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से दर्जनों पर शिकायत किए जाने के बावजूद इसके विरुद्ध कार्रवाई न होने से लोगों में भारी आक्रोश है। अब लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही इस माफिया के कब्जे से सार्वजनिक ग्राम समाज पंचायत की जमीन को खाली नहीं कराया गया। इसके विरुद्ध हिस्ट्री शीट खोल करके गिरफ्तार करके जेल नहीं भेजा गया। तो आंदोलन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पूरे प्रदेश में स्वच्छ प्रशासन दिए जाने का बार-बार निर्देश दे रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश का भदोही जिले में पालन नहीं हो रहा है और स्थिति तो यह है कि ज्ञानपुर तहसील में मुख्यमंत्री के आदेश की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही है।
तहसील प्रशासन ज्ञानपुर द्वारा सरकार और शासन के निर्देशों का पालन किए जाने के बजाय भू माफियाओं के इशारे पर गरीबों किसानों सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करवाया जा रहा है। इस वजह से सरकार की छवि भूमिल हो रही है। इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सुपड़ा साफ हो जाएगा। लोगों का यह भी कहना है कि जानबूझकर ऐसा माफिया सरगना के इशारे पर सब किया जा रहा है। क्योंकि माफिया उनका सक्रिय संचालक है। उसी के इशारे पर यह लोग क्षेत्र में सारा काम करते हैं। माफिया और भू-माफिया रिटायर लेखपाल कमला शंकर मिश्र सर्वेश शुक्ला इंदु तिवारी के मोबाइल कॉल डिटेल निकलवाए जाए। तो इन लोगों के पास करोड़ों करोड़ रुपए का काला धन बरामद हो सकता है।जब से इसके विरुद्ध खबरें छपना शुरू हुई है। तो ये लोग अदला बदली व छुपाने में लगे है।