दस बिस्वा का काश्तकार जालसाजी से बना बीसो बीघा जमीन का मालिक!
बिना रजिस्ट्री भूमाफियाओं ने हथिया ली है कई बीघा जमीन!
भू-माफिया ने लगाया जांच अधिकारी पर गंभीर आरोप!
भू माफिया के अवैध कब्जे वाली संपत्ति का खुलासा करने की मांग!
भू-माफिया के पिता के नाम की रजिस्ट्री सार्वजनिक करने कि मांग!
भू-माफिया अनर्गल रूप से फैला रहा है भय और आतंक!
योगीराज में भ्रामक रिपोर्ट भेज कर गुमराह करने की कोशिश!
दस बिस्वा के काश्तकार को बीस बीघा के मालिक की बनाई फर्जी रिपोर्ट!
रिटायर लेखपाल की काली करतूतो का होने लगा खुलासा!
भूमाफिया ने बनवाया है गांव में बीसों बीघा का काला साम्राज्य, ईडी सीबीआई से जांच की मांग!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाया जाएगा माफियागर्दी का मामला!
सरकारी जमीन खाली करने के बजाय दिखा रहा है हेकड़ी!
भू माफिया के खिलाफ होगी मुख्यमंत्री से शिकायत!
सरकारी जमीन को अवैध रूप से संचालित कर रहा है रिटायर लेखपाल!
पीड़ित दलित मल्लू आदि को धमका रहा है भू-माफिया लेखपाल!
दोनों आंखों के दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया है भू-माफिया पूर्व लेखपाल!
रिटायर लेखपाल की काली करतूतो का होने लगा खुलासा!
विशेष संवाददाता
भदोही, ज्ञानपुर। भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील में एक रिटायर लेखपाल माफिया के गिरोह के साथ मिलकर किसानों की जमीन पर धुंआधार कब्जा करता जा रहा है। उसकी काली करतूतो के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारी एक्शन नहीं ले रहे है। उसके कब्जे से जमीनों को खाली नहीं कराया जा रहा है।
दस बिस्वा का काश्तकार देखते ही देखते बीसों बीघा सरकारी जमीन अवैध कब्जा करके मौज कर रहा है। पंचायत भवन, ग्राम समाज, कन्या पाठशाला, खेलकूद सार्वजनिक तालाब आदि की जमीनों का फर्जी कागज तैयार करके अपने पिता के नाम से दर्ज कर देने वाले इस रिटायर लेखपाल ने पूरे क्षेत्र में भारी आतंक फैला रखा है। बताया जाता है कि यह लेखपाल माफिया गिरोह से जुड़ा हुआ है और माफिया के आतंक के बल पर गरीबों की जमीनों पर कब्जा करता है। अवैध कब्जा करने से जो कमाई होती है। उसका हिस्सा सब के पास भी पहुंचता है। माफिया के लिए सारे नाजायज चीजों की आपूर्ति भी करता है। जो काश्तकार इसके कहने से जमीन नहीं देते। उन काश्तकारों को धमकवाता है। उठवा लेने की धमकी देता है। चैलेंज करते हुए लोगों की जमीन पर कब्जा कर देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ रोजाना भाषण दे रहे हैं कि भू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उनकी जमीनों पर से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। लेकिन यहां उलटी गंगा बहाई जा रही है। रिटायर्ड लेखपाल वर्तमान लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी की मदद से गरीब निर्दोष लोगों की जमीनों पर धड़ल्ले कब्जा करता जा रहा है।
पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने ज्ञानपुर तहसील के जितने भी जमीन संबंधी रिकार्ड है। उनका इसने अलग से खाता बना रखा है। उस खाते में गरीब निर्बल लोगों की जमीन को चिन्हित करके लेखपाल सर्वेश शुक्ला कानूनगो इंदू तिवारी की मदद से पहले फर्जी कागज तैयार करता है। खसरा खतौनी में नाम दर्ज करवा कर जमीनों पर वह कब्जा कर देता है। कई बीघा जमीन इसके पास कैसे आ गई? इसके पिता के पास दस विश्वा भी जमीन थी। कहां से इतना धन दौलत आई। इसलिए अगर जांच कराई जाए तो सारे मामले का पर्दाफास हो सकता है।
इसके अत्याचारों का जीता जाता नमूना यह है कि दोनों आंखें से दिव्यांग दलित मल्लू की जमीन पर कब्जा, शारदा प्रसाद आदि के जमीन में किसी रकबे में दूसरे का नाम दर्ज करवा दिया किसी रकबे को छोटा करवा दिया किसी रकबे में फर्जी मुकदमा करवा दिया है,
और फर्जी तरीके से टाइपिंग कर करके सारी जमीन अपने पिता के नाम संस्था बनाकर उसमें दर्ज करवा दी। अब अपने अपने पिता आदि के नाम जमीन दर्ज करवाने के बाद सभी जमीनों पर इसने कब्जा कर लिया । कई ऐसी जमीनों पर भी इसने कब्जा कर दिया है। जिनका विवाद उच्च न्यायालय जिला न्यायालय में लंबित है। इसने पूरे ज्ञानपुर तहसील में भयानक आतंक फैला रखा है। इसके आतंकी की वजह से अधिकारी भी कोई जल्दी कार्रवाई नहीं करते।
रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के जरिए करोड़ों रुपए कमाने वाले इन भ्रष्ट लोगों ने पूरे ज्ञानपुर तहसील में अपना रैकेट फैला रखा है। इस रैकेट में बहुत से लोग शामिल है। अधिकारी ज्ञानपुर इस रैकेट के खिलाफ क्यों नहीं करवाई कर रहे हैं। यह बड़े आश्चर्य की बात है। लोगों का यह भी कहना है कि जिलाधिकारी ने जब आदेश दे दिया है कि भू माफियाओं के कब्जे की जमीन से कब्जे हटाया जाए। तो फिर पूर्व लेखपाल कमला शंकर मिश्रा ने जिन जमीनों पर कब्जा कर रखा है। उन जमीनों पर से कमला शंकर मिश्रा का कब्जा क्यों नहीं हटाया जा रहा है। इसने सरकारी जमीन पर कब्जा करके प्राइवेट स्कूल कॉलेज इंटर कॉलेज खोलकर अनैतिक कार्यों के जरिए कमाई करने में लगा है। शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों को चकमा देते हुए इसने फर्जी मानता भी ले रखी है। विद्यालय के नाम से कोई जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के बावजूद जिसने फर्जी अभिलेख तैयार करके बिना विद्यालय के नाम से जमीन होने के बावजूद भी इसमें मान्यता ले ली। जो की शिक्षा विभाग के साथ धोखाधड़ी और जलसाजी है।
इस माफिया ने पूरे ज्ञानपुर तहसील में अपने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से आतंक फैला रखा है। लोगों ने कहा है कि यदि इसके विरुद्ध किसी के कार्रवाई नहीं की गई तो मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।