सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाता इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल
इटहरा के भू-माफिया पूर्व लेखपाल के भ्रष्टाचार रुपी वृक्ष को खाद पानी दे रहा कानूनगो इंदू तिवारी,लेखपाल सर्वेश शुक्ला और बाबू एवं जांच अधिकारी!
पीड़ितों से सादे कागज पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहा है, भू-माफिया का सहयोगी लेखपाल और कानूनगो
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग!
क्यों कार्यवाही नहीं हो रही है इटहरा के भू-माफिया के खिलाफ जब इसका पिता दस विश्वा का काश्तकार था तो इसके पास बीसों बीघा जमीन कैसे आई !
विशेष संवाददाता
व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध क्षेत्रीय लोगों ने भी मोर्चा खोल दिया है। ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और इसको बढ़ावा देने वाला लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी एवं एसडीएम कार्यालय में तैनात बाबू तथा पूर्व लेखपाल इटहरा का भू-माफिया है, इसके कारनामों से सरकार की छवि धूमिल हो रही है और ये सभी माफिया विजय मिश्रा के गुर्गे हैं।
इन लोगों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सैकड़ों शिकायती पत्र प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं। बार-बार प्रार्थना पत्र दिया जा रहा है। लेकिन उच्च अधिकारी इन दोषी जनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण देने में लगे हैं। जिसकी वजह से इन सब के विरुद्ध निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। जब निष्पक्ष जांच नहीं होगी तो कार्रवाई कैसे होगी? यही सबसे बड़ा सवाल है। इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल ज्ञानपुर तहसील में फर्जीवाड़ा करके निरीह जनता और किसानों की जमीन इधर से उधर कर रहा हैं और साथ ही कूटरचित दस्तावेज तैयार करके पंचायत भवन, कन्या विद्यालय, खेलकूद, ग्राम सभा व दलित दिव्यांग, अमर की जमीनों पर अवैध कब्जा करके बड़ा काला साम्राज्य और मकान बनाकर तहसील प्रशासन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त इन इन लोगों का बहुत बड़ा रैकेट क्षेत्र में चल रहा है। माफिया विजय मिश्रा भले ही जेल में बंद हो। लेकिन उसके गुर्गे ज्ञानपुर तहसील में आतंक फैलाए हुए हैं। शासन और प्रशासन उनके इशारे पर नाच रहा है। इन अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय इन्हें बचाने की कोशिश करने वाले जांच अधिकारी की निष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र का चर्चित भू-माफिया रिटायर लेखपाल के रैकेट में ज्ञानपुर तहसील में भ्रष्टाचारियों के रूप में तैनात लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी एवं एसडीएम कार्यालय में तैनात बाबू का गुंडाराज कायम है। छानबीन करने पर पता चला है कि इन लोगों ने फर्जीवाड़ा करके ऐसे ऐसे लोगों को बीसों बीघा जमीन का स्वामी बना दिया। जिनके पास पहले दो-चार बिस्वा जमीन भी नहीं थी। वो देखते ही देखते पचासों बीघा जमीन के मालिक कैसे बन गए? इस बिंदु पर जांच करने की बजाय लेखपाल कानूनगो के विरुद्ध जांच अधिकारी लीपा पोती करने में लगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि मामले में जिलाधिकारी भदोही को गुमराह किया जा रहा है। उनको झूठी और मनगढ़ंत रिपोर्ट भेजी जा रही है। ताकि दोषी लेखपाल और कानूनगो बचाया जा सके। इन लोगों के विरुद्ध आम जनता में भारी आक्रोश प्राप्त है। ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ छेत्रीय लोग मैदान में उतर आए हैं। जिसकी वजह से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है।उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्ट लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी व इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल और एसडीएम कार्यालय में तैनात एक बाबू ने ज्ञानपुर तहसील को भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना दिया है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि इन लोगों के विरुद्ध गहराई से जांच की जाए तो सैकड़ो करोड रुपए की कीमती जमीन इधर से उधर करने के मामले का खुलासा हो सकता है। यही नहीं इन लोगों ने उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय के आदेशों की भी परवाह न करते हुए उन मामलों में भी मनमाने तरीके से कार्य किया है। जिन पर न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त है। उस पर तुर्रा यह है कि भ्रष्ट लेखपाल और कानूनगो के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला पूर्व लेखपाल इटहरा का भू-माफिया और एसडीएम कार्यालय में तैनात एक बाबू के गुर्गे तहसील में घूम-घूम कर लोगों को यह धमका रहे हैं कि अगर कोई इनके विरुद्ध शिकायत करेगा। तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
इन भ्रष्टाचारियों के अनैतिक कार्य कि चर्चा क्षेत्र में तरह तरह से हो रही है जिससे परगना अधिकारी ज्ञानपुर के ऊपर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। और एसडीएम इन लोगों के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से तहसील प्रशासन की निष्पक्षता और रसातल में चली गई है। लोगों का कहना है कि अगर तहसील से लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो कहां से मिलेगा?
किसानों के जितने भी महत्वपूर्ण कार्य हैं। वे सब तहसील से ही होते हैं। तहसील में इन लोगों ने भारी अराजकता फैला रखी है। जिसकी वजह से वादकारी तहसील में जाने से घबराने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि पूर्व लेखपाल इटहरा का भू-माफिया जो कि क्षेत्र का चर्चित भूमिया बन चुका है। इसके गैंग को चिन्हित कर उनके विरुद्ध तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए। इन लोगों ने कई गांव की बीसों बीघा जमीन इधर से उधर करके किसानों के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात किया है।
छानबीन करने पर पता चला है कि भ्रष्टाचार और माफियागर्दी का रैकेट चलाने वाला पूर्व लेखपाल के इशारे पर काम करने वाले कानूनगो इंदु तिवारी और लेखपाल सर्वेश शुक्ला व एसडीएम कार्यालय का बाबू द्वारा इनके कार्यकाल के दौरान किए गए गलत कार्यों की बदौलत करोड़ों रुपए की दौलत एकत्र की गई है। और इन लोगों का भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का धंधा धडल्ले से जारी है।
स्थानीय किसानों का कहना है कि इनके अत्याचार से जनता में त्राहि त्राहि मची है। किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण जनता का प्रशासन की निष्पक्ष कार्रवाई पर से विश्वास उठता जा रहा है।