ज्ञानपुर तहसील में माफिया सरगना विजय मिश्रा के गुर्गों का आतंकराज
प्रशासनिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध भाजपा विधायक ने उठाए सवाल!
रिटायर्ड लेखपाल और इटहरा का भू-माफिया के रैकेट में शामिल लेखपाल और कानूनगो और SDM ज्ञानपुर कार्यालय में तैनात बाबू के खिलाफ कार्रवाई की मांग!
परगनाधिकारी ज्ञानपुर तहसील की कार्रवाई से जनता असंतुष्ट!
नामित जांच अधिकारी अभी तक इटहरा के भू-माफिया से यह नहीं पूछ पा रहे हैं कि तुम्हारा पिता दस विश्वा का काश्तकार था, तुम्हारे पास बीसों बीघा जमीन कैसे आई!
जांच अधिकारी की निष्ठा पर सवालिया निशान!
विशेष संवाददाता
व्यूरो,भदोही, ज्ञानपुर। तहसीलों में व्याप्त प्रशासनिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध अब सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। भारतीय जनता पार्टी औराई क्षेत्र के विधायक दीनानाथ भास्कर ने जनपद में तहसीलों में व्याप्त लाल फीताशाही, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विधायक का कहना है कि जनपद में प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की आवश्यकता है। भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने वाला लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी एवं SDM कार्यालय में तैनात एक बाबू तथा रिटायर्ड लेखपाल इटहरा का भू-माफिया जो कि इस समय क्षेत्र का चर्चित भूमिया बन चुका है। उसके कारनामों से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ज्ञानपुर तहसील में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। भू माफिया विजय मिश्रा के साथ मिलकर यह लोग समानांतर गुंडाराज चला रहे हैं। दिव्यांग दलित की भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले इन भ्रष्टाचारियों की वजह से ज्ञानपुर तहसील में आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
इन लोगों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध दर्जनों शिकायती पत्र प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं। बार-बार प्रार्थना पत्र दिया जा रहा है। लेकिन उच्च अधिकारी इन दोषी जनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय इन्हें संरक्षण देने में लगे हैं। जिसकी वजह से इन सब के विरुद्ध निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। जब निष्पक्ष जांच नहीं होगी तो कार्रवाई कैसे होगी? यही सबसे बड़ा सवाल है। इटहरा का चर्चित भू-माफिया रिटायर्ड लेखपाल ज्ञानपुर तहसील में फर्जीवाड़ा करके निरीह जनता और किसानों की जमीन इधर से उधर कर रहा हैं।
कूटरचित दस्तावेज तैयार करके यह लोग पंचायत भवन, कन्या विद्यालय, खेलकूद, ग्राम सभा की जमीनों पर अवैध कब्जा करके बड़ा काला साम्राज्य और मकान बनाकर तहसील प्रशासन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त इन इन लोगों का बहुत बड़ा रैकेट क्षेत्र में चल रहा है। माफिया विजय मिश्रा भले ही जेल में बंद हो। लेकिन उसके गुर्गे ज्ञानपुर तहसील में आतंक फैलाए हुए हैं। शासन और प्रशासन उनके इशारे पर नाच रहा है। इन अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय इन्हें बचाने की कोशिश करने वाले जांच अधिकारी की निष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।
लोगों का कहना है कि क्षेत्र का चर्चित भू-माफिया रिटायर लेखपाल के रैकेट में ज्ञानपुर तहसील में भ्रष्टाचारियों के रूप में तैनात लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदु तिवारी एवं SDM कार्यालय में तैनात बाबू का गुंडाराज कायम है। छानबीन करने पर पता चला है कि इन लोगों ने फर्जीवाड़ा करके ऐसे ऐसे लोगों को बीसों बीघा जमीन का स्वामी बना दिया। जिनके पास पहले दो-चार बिस्वा जमीन भी नहीं थी। वो देखते ही देखते पचासों बीघा जमीन के मालिक कैसे बन गए? इस बिंदु पर जांच करने की बजाय लेखपाल कानूनगो के विरुद्ध जांच अधिकारी लीपा पोती करने में लगे हैं।
सूत्रों का कहना है कि मामले में जिलाधिकारी भदोही को गुमराह किया जा रहा है। उनको झूठी और मनगढ़ंत रिपोर्ट भेजी जा रही है। ताकि दोषी लेखपाल और कानूनगो बचाया जा सके। इन लोगों के विरुद्ध आम जनता में तो पहले से ही भारी आक्रोश प्राप्त है। लेकिन अब सरकार से जुड़े विधायक और जनप्रतिनिधि भी ज्ञानपुर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। जिसकी वजह से योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्ट लेखपाल सर्वेश शुक्ला और कानूनगो इंदू तिवारी व इटहरा का भू-माफिया पूर्व लेखपाल और SDM कार्यालय में तैनात एक बाबू ने ज्ञानपुर तहसील को भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना दिया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि यह लोग काश्तकारों की जमीन इधर से उधर कर रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में जमीनी विवाद को लेकर आपसी रंजिश बढ़ रही है। समाज में हिंसा और उपद्रव को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन रिश्वतखोरी के कारण बेतहाशा काला धन अर्जित करने के कारण दोषी लेखपाल और कानून को अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि इन लोगों के विरुद्ध गहराई से जांच की जाए तो सैकड़ो करोड रुपए की कीमती जमीन इधर से उधर करने के मामले का खुलासा हो सकता है। यही नहीं इन लोगों ने उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय के आदेशों की भी परवाह न करते हुए उन मामलों में भी मनमाने तरीके से कार्य किया है। जिन पर न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त है। उस पर तुर्रा यह है कि भ्रष्ट लेखपाल और कानूनगो के भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला रिटायर्ड लेखपाल इटहरा का भू-माफिया और SDM कार्यालय में तैनात एक बाबू के गुर्गे तहसील में घूम-घूम कर लोगों को यह धमका रहे हैं कि अगर कोई इनके विरुद्ध शिकायत करेगा। तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। भ्रष्ट लेखपाल और कानूनगो का तो यहां तक दावा है कि कोई भी एसडीएम जब ज्ञानपुर तहसील में आता है। तो यह लोग पैसे के बल पर उसे खरीद लेते हैं। जिसकी वजह से कोई भी एसडीएम उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने से घबराता है। इन लोगों के इस तरह के आरोप से परगना अधिकारी ज्ञानपुर के ऊपर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। तहसील में घूम-घूम कर के जब यह शिकायतकर्ताओं को धमकाते हैं। तो इसकी शिकायत एसडीएम से भी की जाती है। लेकिन एसडीएम इन लोगों के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इन्हीं को संरक्षण देने में लगे हैं। जिसकी वजह से तहसील प्रशासन की निष्पक्षता और रसातल में चली गई है। लोगों का कहना है कि अगर तहसील से लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो कहां से मिलेगा?
किसानों के जितने भी महत्वपूर्ण कार्य हैं। वे सब तहसील से ही होते हैं। तहसील में इन लोगों ने भारी अराजकता फैला रखी है। जिसकी वजह से वादकारी तहसील में जाने से घबराने लगे हैं। बीजेपी सरकार के ही जब विधायक और मंत्री इस तरह के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाएं और उनके कहने पर भी ना करवाई हो। तो आखिर जनता किसकी शरण में जाए? चारों ओर से हताश और निराश लोगों का कहना है कि अब धरना प्रदर्शन आंदोलन के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। लोगों का कहना है कि रिटायर्ड लेखपाल जो कि क्षेत्र का चर्चित भूमिया बन चुका है। इसके गैंग को चिन्हित कर उनके विरुद्ध तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए। इन लोगों ने कई गांव की सैकड़ो बीघा जमीन इधर से उधर करके किसानों के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात किया है।
छानबीन करने पर पता चला है कि भ्रष्टाचार और माफियागर्दी का रैकेट चलाने वाला रिटायर्ड लेखपाल के इशारे पर काम करने वाले कानूनगो इंदु तिवारी और वर्तमान लेखपाल सर्वेश शुक्ला के द्वारा इनके कार्यकाल के दौरान किए गए गलत कार्यों की बदौलत करोड़ों रुपए की दौलत एकत्र की गई है। इन लोगों के पास प्रचुर मात्रा में काला धन है। आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करके उनके घर पर छापेमारी की जाए तो भारी मात्रा में नगदी गाने जेवर एवं जमीनों के कागजात तैयार पाए जा सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि इन लोगों ने छापेमारी के डर से अपने काले धन को रिश्तेदारों के यहां छिपा दिया है। उनके नजदीकी रिश्तेदारों के यहां छापा पड़ने पर करोड़ों रुपए का काला धन बरामद हो सकता है। लोगों का यह भी कहना है कि काले धन के बल पर इन लोगों ने कई बेनामी संपत्तियों खरीद रखी हैं और अभी भी इनका भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का धंधा धडल्ले से जारी है।
स्थानीय किसानों का कहना है कि इनके अत्याचार से जनता में त्राहि त्राहि मची है। किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद सरकार एवं जिलाधिकारी द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण जनता का प्रशासन की निष्पक्ष कार्रवाई पर से विश्वास उठता जा रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी जनों के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो ज्ञानपुर तहसील कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन देने के साथी व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा।